
Illegal Madrasa-संभल में प्राथमिक विद्यालय की आड़ में अवैध Illegal Madrasa?
संभल में हाईवे चौड़ीकरण के बीच अवैध मस्जिद और दरगाह हटाने की कार्रवाई जारी। Illegal Madrasa का मामला उजागर, जांच में प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर अवैध संचालन का आरोप।
संवाददाता-रामपाल सिंह
संभल, 14 जून 2025: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्टेट हाईवे के चौड़ीकरण का काम पांचवें दिन भी जोरों पर है, लेकिन इस बीच एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हयात नगर थाना क्षेत्र में बहजोई-संभल रोड पर अवैध मस्जिद और दरगाह को हटाने की प्रक्रिया के दौरान एक Illegal Madrasa का मामला सामने आया है। तत्कालीन एसडीएम वंदना मिश्रा के अनुसार, यह मदरसा प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर गैर-कानूनी तरीके से संचालित हो रहा है। हालांकि, स्थानीय इमाम ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया कि मदरसा कई वर्षों से निजी जमीन पर चल रहा है। आखिर सच्चाई क्या है? जांच के बाद ही तस्वीर साफ होगी, लेकिन यह मामला संभल में चर्चा का केंद्र बन गया है।
Illegal Madrasa: प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर विवाद
संभल के हयात नगर थाना क्षेत्र में PWD की सड़क चौड़ीकरण परियोजना के तहत अवैध मस्जिद और दरगाह के हिस्से को मुस्लिम समुदाय ने खुद बुलडोजर से हटाना शुरू किया। इस प्रक्रिया में लगभग 65 फीट निर्माण को तोड़ा जा रहा है। लेकिन चौंकाने वाली बात तब सामने आई जब दरगाह के पीछे संचालित मदरसे पर सवाल उठे। राजस्व अभिलेखों की जांच में पता चला कि यह जमीन प्राथमिक विद्यालय के नाम दर्ज है, लेकिन वहां स्कूल की बजाय एक मदरसा चल रहा है। तत्कालीन एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि पुराने दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है ताकि यह पुष्टि हो सके कि क्या यह Illegal Madrasa वाकई प्राथमिक विद्यालय की आड़ में संचालित है। अगर दस्तावेजों से यह साबित हुआ, तो यह गंभीर कानूनी उल्लंघन होगा।
जांच के इंतजार में संभल की जनता
मदरसे के इमाम ने दावा किया कि यह संस्थान निजी जमीन पर दशकों से चल रहा है और इसका प्राथमिक विद्यालय से कोई लेना-देना नहीं। लेकिन स्थानीय प्रशासन इस दावे की सत्यता जांचने में जुटा है। PWD और राजस्व विभाग की टीमें दस्तावेजों की पड़ताल कर रही हैं। अगर यह साबित हो गया कि मदरसा अवैध है, तो इसे Illegal Madrasa के रूप में चिह्नित कर कार्रवाई हो सकती है, जिसमें सीलिंग या बुलडोजर एक्शन तक शामिल है। उत्तर प्रदेश में अवैध मदरसों पर कार्रवाई का सिलसिला तेज है। 2025 में अब तक 136 से ज्यादा अवैध मदरसे बंद किए जा चुके हैं।
Illegal Madrasa:आंकड़े और सरकारी रुख
उत्तर प्रदेश में लगभग 24,000 मदरसे हैं, जिनमें 16,000 मान्यता प्राप्त और 8,000 गैर-मान्यता प्राप्त हैं। योगी सरकार ने अवैध मदरसों की फंडिंग और संचालन की जांच के लिए SIT गठित की है, जो यह पता लगाने में जुटी है कि क्या इनका इस्तेमाल गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए हो रहा है। संभल में 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी, जिसके बाद प्रशासन और सख्त हो गया। इस मामले में भी अगर Illegal Madrasa का आरोप सही साबित हुआ, तो यह प्रशासन की सख्ती का एक और उदाहरण होगा।
Illegal Madrasa:समुदाय की प्रतिक्रिया और भविष्य
मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद और दरगाह के अवैध हिस्से को स्वयं हटाकर सहयोग दिखाया है, जैसा कि X पर कई पोस्ट्स में जिक्र है। लेकिन मदरसे का मामला संवेदनशील हो सकता है। स्थानीय लोग चाहते हैं कि जांच निष्पक्ष हो और बिना तथ्यों के कोई कार्रवाई न हो। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दस्तावेजों की पूरी पड़ताल के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा। अगर यह साबित हो गया कि मदरसा प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर अवैध रूप से चल रहा है, तो यह बच्चों के शिक्षा के अधिकार पर भी सवाल उठाएगा।
संभल में सड़क चौड़ीकरण के बीच उजागर हुआ Illegal Madrasa का मामला प्रशासन और समुदाय के लिए एक बड़ी चुनौती है। क्या यह वाकई प्राथमिक विद्यालय की आड़ में चल रहा है, या इमाम का दावा सही है? जांच के नतीजे ही सच्चाई सामने लाएंगे। लेकिन यह मामला एक बार फिर अवैध निर्माण और संचालन पर सवाल उठाता है। संभल की जनता इंतजार में है कि इस कहानी का अंत क्या होगा।