Yogi Adityanath 2027
Yogi Adityanath 2027: दिल्ली दरबार का खेल और बाबा का बुलडोजर
Yogi Adityanath 2027 पर जनता का जयकारा
उत्तर प्रदेश में 2027 आने में भले वक्त हो, मगर Yogi Adityanath 2027 का शोर अभी से गलियों-चौराहों पर है। बाबा के नारे लग रहे हैं — “एक ही नाम, एक ही नारा — योगी आदित्यनाथ दुबारा!” हाल के उपचुनाव में बीजेपी ने 80% सीटों पर कब्जा कर के विपक्ष की हवा निकाल दी। आंकड़े बताते हैं कि पूर्वांचल से लेकर बुंदेलखंड तक हर जगह योगी का ही सिक्का चला।
यूपी उपचुनाव में बीजेपी की बंपर जीत ने यह साबित कर दिया कि Yogi Adityanath के नाम पर जनता अब भी दिल खोलकर वोट देती है। इसी जीत ने दिल्ली दरबार की पेशानी पर पसीना ला दिया है।
Yogi Adityanath 2027: दिल्ली दरबार की बेचैनी
दिल्ली दरबार यानी केंद्र की राजनीति में बैठे ‘सियासी चाणक्य’ अब इस उफनते बुलडोजर को कैसे काबू करें — यही सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया है। दिल्ली दरबार को डर है कि Yogi Adityanath सिर्फ यूपी तक सीमित न रह जाएँ, कहीं जनता उनको सीएम से सीधा पीएम न बना दे।
बीजेपी के भीतरखाने से खबरें आती हैं कि कई बार योगी को ‘मैनेज’ करने की कोशिश हुई — कभी संगठन के नाम पर, कभी कैंडिडेट काटने के नाम पर। मगर बाबा की ठसक के आगे सब नाकाम। आलम यह है कि दिल्ली से कई ‘महारथी’ लखनऊ पहुंचते हैं, मगर लौटते हैं बाबा के दरबार से खाली हाथ।
Yogi Adityanath 2027: केशव मौर्य से 36 का आंकड़ा!
Yogi Adityanath 2027 की राह में सबसे बड़ा रोड़ा वही पुराना — केशव प्रसाद मौर्य। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य से बाबा के रिश्ते वैसे ही हैं जैसे दूध और नींबू के। दोनों एक थाली में नहीं। सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि उपचुनाव में कई सीटों पर मौर्य खेमा कमजोर पड़ा — मगर बाबा ने अपनी साख पर जीत पक्की कर दी।
केशव मौर्य खेमा अब भी दिल्ली दरबार के इशारे पर खेलते दिखते हैं, लेकिन यूपी में जनता के बीच सिर्फ एक ही चेहरा गूंजता है — Yogi Adityanath 2027।
Yogi Adityanath 2027: आंकड़े बोलते हैं
कागज़ पर नहीं, जमीन पर भी बाबा का बुलडोजर चलता है — आंकड़े खुद गवाही देते हैं।
5 बड़े एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट: बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे चालू हो चुके हैं; गंगा एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक और बलिया लिंक निर्माणाधीन हैं।
30 मेडिकल कॉलेज: 2017 से पहले यूपी में 17-20 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, अब 33 नए स्वीकृत हुए, जिनमें से आधे से ज्यादा चालू हैं।
4 लाख करोड़ के एमओयू: 2018 से अब तक यूपी ने 4 लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू साइन किए हैं — भले पूरी रकम जमीन पर न उतरी हो, मगर निवेश के लिहाज से रिकॉर्ड है।
और बुलडोजर? ये तो बाबा का सिग्नेचर स्टाइल है — Yogi Adityanath News में बुलडोजर एक ब्रांड बन चुका है!
Yogi Adityanath 2027: पीएम बनने की ख्वाहिश या जनता का सपना?
यही सब देख दिल्ली दरबार परेशान है। अंदरखाने नेता मानते हैं कि Yogi Adityanath अब यूपी के बाहर भी चर्चित चेहरा हैं। काशी से लेकर कर्नाटक तक बाबा की सभाओं में भीड़ उमड़ रही है। जनता खुलकर कह रही है — ‘अब यूपी में तो देख लिया, देश में भी बाबा चाहिए।’
यही बात दिल्ली दरबार की नींद उड़ाए है। कई ‘महारथियों’ को लगता है अगर बाबा को पीएम प्रोजेक्ट कर दिया गया तो सारी गणित गड़बड़ा जाएगी। इसलिए नए समीकरण बन रहे हैं कि कैसे बाबा को यूपी तक ही रोका जाए।
Yogi Adityanath 2027: जनता का बुलडोजर कौन रोकेगा?
तो सवाल बड़ा है — क्या दिल्ली दरबार के प्लान कामयाब होंगे या बाबा का बुलडोजर फिर सबको रौंदता चला जाएगा? Yogi Adityanath पर सबकी नजरें हैं। विपक्ष तो कब का सटक चुका, अब लड़ाई घर के भीतर की है। मगर जनता ने साफ कर दिया — ‘राम भरोसे नहीं, बाबा भरोसे यूपी!’
अब देखना है कि दिल्ली दरबार अपनी सियासी चालों में सफल होता है या बाबा अपने पुराने तेवर से फिर से यूपी का किला फतह कर लेता है — या फिर… देश की कुर्सी पर भी कब्ज़ा कर लेता है!
Written by khabarilal.digital Desk
