Firozabad Rain Flood

Firozabad Rain Flood ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, नगर निगम खुद अपने ऑफिस में डूबा!

“Firozabad Rain Flood ने 20 मिनट की बारिश में ही नगर निगम की स्मार्ट सिटी वाली बातों की हवा निकाल दी। शहर के घंटाघर से लेकर मेडिकल कॉलेज रोड तक, हर रास्ता तालाब बन गया। नगर निगम खुद अपने दफ्तर से पानी नहीं निकाल पाया, जिससे साफ हो गया कि स्मार्टनेस सिर्फ होर्डिंग्स में है, हकीकत में नहीं।

फिरोजाबाद। संवाददाता- मुकेश कुमार बघेल

फिरोजाबाद में सोमवार को हुई महज 20 मिनट की बारिश ने नगर निगम की ‘स्मार्ट सिटी’ वाली स्मार्टनेस को बहाकर गटर में डाल दिया।

जी हां! जहां एक तरफ आसमान से राहत की फुहारें बरसीं, वहीं दूसरी तरफ ज़मीन पर शहर की सड़कों ने तलैया बनने की कसम खा ली।

शहर के घंटाघर रोड से लेकर मेडिकल कॉलेज की सर्विस रोड तक, कोटला रोड से लेकर नगर निगम के ‘आत्मनिर्भर’ कार्यालय तक – हर गली, हर मोड़, हर दुकान पानी-पानी हो गया।

Firozabad Rain-गर्मी से राहत, लेकिन सड़क बनी नावघाट

बीते दो दिन से फिरोजाबाद तप रहा था। लोग उमस से बेहाल थे, AC भी पसीना-पसीना कर दे रहे थे। लेकिन सोमवार दोपहर आसमान फटा और मेहरबान बादल बरसे।

लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन वो सांस पानी में डूबती चली गई। बारिश रुकी, पर सड़कें नहीं सूखी। और यही से शुरू हुआ “स्मार्ट सिटी” का जल सत्याग्रह।

Firozabad Rain- नगर निगम खुद डूबा

दुकानदार हरीश कुमार ने चुटकी ली, “नगर निगम स्मार्ट सिटी बनाने चला है, लेकिन खुद अपने ऑफिस से पानी बाहर नहीं निकाल पाया। साहब! यही है फील्ड की स्मार्टनेस!”

वहीं आयुष खुराना ने कहा, “20 मिनट की बारिश में सड़कें समंदर बन गईं, लगता है नालों की सफाई केवल फाइलों में हुई है।”

शहर में ऐसा लगा मानो निगम ने ‘स्मार्ट’ शब्द से नाला समझ लिया हो और उसे भरा रहने देना ही मिशन मान लिया हो।

Firozabad Rain- ये जलभराव नहीं, जल विफलता है!

कोटला रोड, जलेसर रोड और मेडिकल कॉलेज की सर्विस लेन ने लोगों को गीला-गीला सबक सिखा दिया।

शहर का नाला प्रबंधन इतना ‘प्रभावी’ है कि बारिश के ठीक 5 मिनट बाद लोग अपनी दुकानों और घरों के बाहर से नाव ढूंढ़ने लगे। कुछ तो बोले, “अगर ये स्मार्ट सिटी है, तो पुराने जमाने का गंगा घाट अच्छा था।”

निगम का जवाब?

अब निगम क्या बोलेगा? वही पुराना बयान—“जल निकासी की व्यवस्था की जा रही है।” लेकिन सवाल ये है कि हर साल ऐसी ही बारिश होती है, और हर साल शहर डूबता है, तो स्मार्ट प्लानिंग कहां है?

Firozabad Rain Flood ने साफ कर दिया कि नगर निगम के दावे केवल कागज़ी हैं। स्मार्ट सिटी बनाना है तो पहले पानी रोकने का इंतज़ाम करो, वर्ना लोग स्मार्टफोन से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर नगर निगम को तैरता दिखाते रहेंगे।

इस बार जल जमाव नहीं, ‘जन आक्रोश’ भी उमड़ पड़ा है। शायद अब नगर निगम को समझ आ जाए कि शहर को केवल स्लोगन से नहीं, सिस्टम से चलाया जाता है।

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