Wrong Turn: अधूरा सफर
Wrong Turn ने मुरादाबाद के एक परिवार की हंसी छीन ली। एक मासूम की आंखों के सामने उसके मां-पिता हमेशा के लिए इस दुनिया से चले गए। Wrong Turn पर कट गई जिंदगी — और रह गया एक सवाल, कि रॉन्ग साइड चलने की ये जिद कब खत्म होगी?
Wrong Turn: वो सफर जो मंज़िल तक ना पहुंचा
जनपद बरेली के आवंला गांव से निकला अजय पाल अपनी पत्नी पूनम और तीन साल के बेटे प्रिंस के साथ Noida की तरफ जा रहा था। ये सफर खुशियों भरा होता, अगर किसी Wrong Turn ने बीच रास्ते मौत ना बुला ली होती। रात के अंधेरे में इब्राहिमपुर टोल प्लाजा के पास एक ट्रक ने रॉन्ग साइड से आकर टेंपो को कुचल दिया — वो टेंपो जिसमें जिंदगी सवार थी।
👨👩👦 Wrong Turn ने छीन ली गोद, बिखेर दिया परिवार
एक पल में सब कुछ खत्म हो गया। अजय और पूनम, जो बेटे को लेकर नए सपने बुनने निकले थे — अब किसी मुर्दाघर के रजिस्टर में दर्ज हैं। मासूम प्रिंस तो बच गया, लेकिन अब वो किससे कहेगा — “मम्मी-पापा कहां हैं?” पुष्पेंद्र जो चला रहा था, वो भी जिंदगी की जंग लड़ रहा है — अस्पताल की दहलीज पर उम्मीद का फाहा रखे।
🚦 Wrong Turn: सड़क पर लापरवाही की कीमत
ये कोई पहला हादसा नहीं, आख़िरी भी नहीं। Wrong Turn पर जब भी कोई ट्रक, कोई बाइक, कोई कार रफ्तार में आती है — किसी के सपनों को रौंद देती है। इब्राहिमपुर टोल प्लाजा पर उस रात सड़क ने खून मांगा, और सिस्टम हमेशा की तरह मूकदर्शक बना रहा।
टोल प्लाजा पर टूटा भरोसा, रह गया दर्द
कहते हैं टोल प्लाजा पर सुरक्षा पुख्ता होती है — फिर Wrong Turn कैसे आ गया? अजय और पूनम के घरवाले अब गिनती कर रहे होंगे कि किसने क्या खो दिया। एक बच्चा अनाथ हो गया, एक भाई अस्पताल में है — लेकिन सिस्टम वही पुराना बयान दे रहा है — “जांच जारी है।”
Wrong Turn: अब किससे पूछेगा बेटा — मम्मी पापा कहां हैं?
तीन साल का मासूम अब चुपचाप देखेगा — कौन उसे स्कूल छोड़ने आएगा? कौन उसे खिलौना लाकर देगा? कौन माथा चूमकर सोने को कहेगा? Wrong Turn ने ये सवाल सड़क पर छोड़ दिए हैं, जिनका जवाब शायद कभी किसी रिपोर्ट में नहीं मिलेगा।
पुलिस, पंचनामा और पोस्टमॉर्टम — और बाकी सब खामोशी
पुलिस आई, पंचनामा भरा, शव उठाए — अब कोई फाइल बंद होगी, कोई केस खुलेगा। लेकिन उस मासूम की खामोशी कौन सुनेगा? कौन बोलेगा कि रॉन्ग साइड से आने वाला ट्रक ड्राइवर अब कहां है?
Wrong Turn एक झूठा शॉर्टकट है, जो हमेशा किसी के सपने को लंबा दर्द दे जाता है। शायद अब वक्त है इसके खिलाफ शख्त एक्शन लेने का।
