Bihar Election: तेजस्वी यादव बोले हाईजैक हो चुके हैं सीएम नीतीश,’खुद से नहीं करते कोई काम’
पटना-कभी नीतीश कुमार को अपना चाचा कहने वाले तेजस्वी यादव आजकल अपने चाचा, यानि सीएम नीतीश कुमार पर बहुत ज्यादा हमलावर हैं… तेजस्वी ने नीतीश कुमार की कार्यप्रणाली से लेकर उनकी मानसिक स्थिति पर सवाल उठाया है । तेजस्वी यादव ने कहा है कि, मुख्यमंत्री को हाइजैक कर लिया गया है, और बिहार को नीतीश जी नहीं कोई और चला रहा है, जिसका प्रमाण सीएम नीतीश ने खुद अपने बयान से दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि वो खुद जब दूसरों की राय से चलते हैं, तो इतना बड़ा राज्य कौन चला रहा है?

तेजस्वी बार-बार क्यों उठा रहे सवाल?
यहां सवाल उठता है कि, तेजस्वी यादव आखिर क्यों बार-बार सीएम नीतीश को निशाने पर ले रहे हैं। क्यों उनके मानिसक स्वास्थ्य का मुद्दा उठा रहे हैं।आखिर इसके पीछे तेजस्वी का मकसद क्या है। अपने इस बयान से वो बिहार की जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं। जैसा कि आप सुन रहे हैं कि, पिछले कई महीनों से तेजस्वी लगातार सीएम नीतीश के लिए ये कह रहे हैं कि, उनका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसलिए वो सभाओं में अब कम जाते हैं,कम बोलते हैं।

तेजस्वी ने तैयार की तगड़ी रणनीति ?
दरअसल तेजस्वी जानते हैं कि, बिहार में नीतीश कुमार जिस ओर होते हैं, सरकार उसी दल की बनती है।बिना नीतीश के बिहार में सरकार बनाना मुश्किल है। लिहाजा तेजस्वी नीतीश नाम के जाल को ही जनता के मन से उतारना चाहते हैं। जनता को ये बताना चाहते हैं कि, सीएम नीतीश अब पहले जैसे नहीं हैं। बिहार की सरकार उनके हाथों में नहीं हैं। वो केवल एक मुखौटा हैं। लिहाजा अब सरकार बदलने का वक्त आ गया है।

तेजस्वी को जेडीयू भी दे रही करारा जवाब
तेजस्वी यादव के ऐसे बयानों पर पलटवार करने में जेडीयू भी पीछे नहीं है। जेडीयू का कहना है कि, बिहार की जनता सीएम नीतीश के साथ खड़ी है, और आगे भी खड़ी रहेगी। और जहां तक सरकार चलाने का सवाल है, तो कल भी सीएम नीतीश ही सरकार चला रहे थे, और आगे भी वही चलाएंगे। तेजस्वी यादव को किसी तरह की गलतफहमी नहीं पालना चाहिए। अपनी बातों से वो जनता को पट्टी नहीं पढ़ा सकते हैं।
तेजस्वी की रणनीति चुनाव में कारगर होगी?
सवाल उठता है कि, तेजस्वी यादव जिस सोच से ऐसा बयान दे रहे हैं। सीएम नीतीश को घेर रहे हैं। क्या जनता उनके बयान से सहमत होगी? क्या आने वाले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी के ऐसे बयानों से जनता का मोह सीएम नीतीश से भंग हो जाएगा। क्या जनता आरजेडी के जंगल राज को भूलकर तेजस्वी और उनके गठबंधन को वोट देगी? इसका जवाब तो भविष्य के गर्त में छिपा है। लेकिन बिहार की फिजा देखकर तो नहीं लगता कि, अभी वहां तेजस्वी और उनके सहयोगियों की दाल गलने वाली है।और अब तो ऑपरेशन सिंदूर भी हो गया है। जिसका असर आने वाले चुनाव में दिखना लाजमी है।
जातिगत जनगणना पर भी बीजेपी कर चुकी है खेल
इसके साथ एक मुद्दा जो आरजेडी और उसकी सहयोगी पार्टियों के पास था, वो था जातिगत जनगणना का। इसे भी मोदी सरकार ने इंडिया गठबंधन से छीन लिया है। विपक्षी दल भले ही इसे लेकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। लेकिन असल में अब वो इस मुद्दे पर वोट हासिल नहीं कर पाएंगे।यानि कुल मिलाकर कहा जाए तो इस वक्त की तस्वीर फिलहाल एनडीए के पक्ष में ही दिखाई पड़ती है। तो तेजस्वी बाबू अभी आपकी आगे डगर काफी कठिन है। ऊपर से मोदी नाम का विशाल पहाड़ भी बिहार चुनाव में INDIA के सामने खड़ा है। जिससे पार पाना फिलहाल विपक्ष के बूते की बात नहीं दिखाई पड़ रही है।
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