 
                  Trump के दिमाग में फिर पकने लगी खिचड़ी, बोले-भारत को हमने खो दिया ..!
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और व्यापारिक संबंधों पर बड़ा बयान देकर हलचल मचा दी है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर दावा किया है कि अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। उनके इस बयान से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नए सिरे से चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
Trump का तंज
ट्रंप ने कहा, “हमें लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। काश उनका साथ लंबा और समृद्ध भविष्य लेकर आए।” इसके साथ ही उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन की एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ नजर आ रहे हैं।

भारत की प्रतिक्रिया शांत
ट्रंप के बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय ने संयम बरतते हुए कहा कि “इस पर कहने के लिए हमारे पास कुछ भी नहीं है।” यह स्पष्ट करता है कि भारत फिलहाल किसी भी राजनीतिक बयान पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया देने से बच रहा है।
टैरिफ को लेकर बढ़ी तनातनी
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ (सीमा शुल्क) को लेकर तनाव जारी है। ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की बात कही है। उनका कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदता है, इसलिए उसे “सजा” के तौर पर यह शुल्क झेलना होगा। ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर 100% तक का टैरिफ लगाता है, जो दुनिया में सबसे अधिक है।
SCO सम्मेलन और कूटनीतिक संकेत
ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब चीन के तियानजिन में हाल ही में संपन्न SCO सम्मेलन में पीएम मोदी, पुतिन और जिनपिंग की मौजूदगी ने विश्व मंच पर कई संकेत दिए हैं। इसके अलावा चीन में हुई मिलिट्री परेड में भी पुतिन और जिनपिंग एक ही मंच पर नजर आए, जिससे अमेरिका की चिंता और गहरी हो सकती है।
Trump-अमेरिका की कूटनीति फेल ?
ट्रंप का बयान केवल भावनात्मक या राजनीतिक बयानबाजी नहीं, बल्कि एक बड़े कूटनीतिक बदलाव की ओर संकेत करता है। भारत, रूस और चीन के बढ़ते समीकरणों से यह स्पष्ट हो रहा है कि वैश्विक स्तर पर बहुध्रुवीय शक्ति संतुलन बनता जा रहा है, जहां अमेरिका का एकाधिकार अब चुनौती के दौर से गुजर रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान ने यह साफ कर दिया है कि अमेरिका भारत और रूस के चीन के साथ बढ़ते संबंधों को लेकर चिंतित है। हालांकि भारत ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर कूटनीतिक संतुलन बनाए रखा है, लेकिन आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस बदलते समीकरण का असर जरूर देखने को मिलेगा।

 
         
         
        