‘ceasefire की आखिर क्या मजबूरी थी’?

पाकिस्तान से ceasefire कुछ हजम नहीं हुआ..कांग्रेस उठा रही सवाल।

ceasefire का कदम क्या इस वक्त सही था?

 

पहलगाम हमले के बाद भारत ने जिस तरह पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया..उससे हिंदुस्तानी आवाम का सीना चौड़ा हो गया था। इसमे शक नहीं है कि, पूरा हिंदुस्तान सरकार की इस कार्रवाई की सराहना कर रहा था। इसे भारत का गौरव बता रहा था।लेकिन भारत के हमले के बाद पाकिस्तान ने जो हिमाकत की, उसका माकूल जवाब देना भी जरूरी था। सरकार ने वो किया भी। लेकिन अभी पाकिस्तान के दिमाग को और दुरुस्त करने की जरूरत थी..खासकर शनिवार रात को ceasefire के ऐलान के बाद जैसा पाकिस्तान ने किया..उसके बाद तो उसे छोड़ना आस्तीन में सांप पालने जैसा फैसला है।

Ceasefire ।भारत ने पाकिस्तान से क्यों किया सीजफायर
Ceasefire का अमेरिका ने क्यों किया ऐलान?

Ceasefire नहीं पाकिस्तान का इलाज जरूरी था?

शनिवार को जब पाकिस्तान के साथ Ceasefire का ऐलान हुआ,तब हिंदुस्तान की आवाम को भी इसका इल्म नहीं था। हैरानी की बात ये रही कि, इस Ceasefire का ऐलान भारत-पाकिस्तान नहीं अमेरिका ने किया। अभी लोग इसे लेकर कुछ समझ पाते, इससे पहले ही पाकिस्तान ने Ceasefire का उल्लंघन करते हुए भारत के कई शहरों पर ड्रोन हमले कर दिये।इसके बाद भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।साथ ही साथ हालात की गंभीरता को भी समझने की बात कही।यहां तक तो सही था..लेकिन Ceasefire का उल्लंघन हो जाने के बाद पाकिस्तान को करारा सबक सिखाए बिना युद्ध विराम का पालन करना सभी की निगाह में खटक रहा है। 

VIKRAM MISRI ON INDIA-PAKISTAN CEASEFIRE
पाकिस्तान को छोड़ना सही फैसला?

कांग्रेस इंदिरा जी की दिला रही है याद

पाकिस्तान पर कार्रवाई को लेकर जो विपक्ष सरकार के साथ खड़ा था..अब वो भी सवाल उठाने लगा है। सरकार से ऐसा फैसले लेने का कारण पूछने लगा है। कांग्रेस ने अमेरिका के विदेश मंत्री और राष्ट्रपति के सीजफायर का ऐलान करने पर हैरानी जाहिर की है।कांग्रेस ने इस पूरे मामले पर सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा है कि, प्रधानमंत्री को पहलगाम हमले,ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। और इन सारे मुद्दों पर व्यापक चर्चा करनी चाहिए।

Ceasefire-कांग्रेस ने उठाया सवाल
‘इंदिरा जी की आज सबको आ रही होगी याद’

कांग्रेस ने इस पूरे मुद्दे पर स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिर गांधी की उपमा भी दी हैं..जिन्होंने 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में उसके दो टुकड़े कर दिये थे।जयराम रमेश ने लिखा है कि, कांग्रेस मानती है कि,इस वक्त देश पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद कर रहा होगा।जिनके असाधारण,साहसिक और दृढ़ नेतृत्व क्षमता ने पाकिस्तान को जंग में घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।

Ceasefire का फैसला क्यों जरूरी था?

अब जब भारत-पाकिस्तान के बीच Ceasefire होने की बात कही जा रही है..और पाकिस्तान के मंत्री ने भी इसे लेकर बयान दिया है। तो ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए कि,अब पाकिस्तान सीमा पर कोई उकसाने वाली हरकत नहीं करेगा। जहां तक Ceasefire को लेकर उठ रहे सवाल की बात है तो, ये आपका जान लेना जरूरी है कि, युद्ध केवल तबाही और बर्बादी लाता है। युद्ध में हजारों—लाखों लोग मारे जाते हैं। जिसका कोई कसूर नहीं होता है।जंग सेना लड़ती है.. लेकिन सेना के साथ-साथ तबाही आम इंसान की होती है।आज जो लोग Ceasefire को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं..कल की तारीख में वही लोग Ceasefire की मांग करने लगते।

Ceasefire-भारत ने दी पाकिस्तान को सजा
पाकिस्तान को मिल गया है सबक

भारत ने पाकिस्तान को दे दी है उसके किये सजा

भारत ने पाकिस्तान को उसके किये की सजा दे दी थी। लिहाजा अब वो आमजन के जान-माल की हानि नहीं चाहता था। यही नहीं भारत जानता था कि, अगर युद्ध लंबा खींचा तो पाकिस्तान के साथ चीन खड़ा हो जाएगा। तुर्की भी उसके साथ खड़ा है। लेकिन रूस के युद्ध में उलझे होने के कारण उसका भारत के साथ खड़ा होना संभव नहीं था। अमेरिका भी  भारत का खुलकर समर्थन नहीं कर रहा था। ऐसी हालत में तीन देशों की सेनाओं के साथ मिलकर जंग लड़ना बुद्धिमानी नहीं होगी। लिहाजा भारत ने पाकिस्तान को उसकी औकात बताकर सीजफायर के लिए घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।