 
                  Vrindavan News: बांके बिहारी मंदिर की मंगला आरती पर विवाद, स्थानीय लोग हुए निराश
Vrindavan News Update
Vrindavan News: वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में साल में एक बार होने वाली मंगला आरती को लेकर इस बार मंदिर प्रबंधन, जिला प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है। आरोप है कि जिस आरती का श्रद्धालु पूरे साल इंतज़ार करते हैं, उसी से स्थानीय लोगों को वंचित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने इस विशेष अवसर को “VIP आरती” बना दिया। मंदिर परिसर में केवल अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और चुनिंदा लोगों को प्रवेश दिया गया। वहीं, स्थानीय श्रद्धालुओं को मंदिर के कपाट बंद कर दूर ही रोक दिया गया। आरती के दौरान मंदिर प्रांगण में बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और सुरक्षा कर्मी दिखाई दिए।
500 लोगों की सीमा हुई थी तय
बांके बिहारी मंदिर में मंदिर प्रबंधन, जिला प्रशासन ने करीब 500 लोगों की मौजूदगी की सीमा तय की थी। इनमें से 300 पास मंदिर सेवायत परिवार को और शेष 200 पास वीआईपी व्यक्तियों को दिए गए। इस व्यवस्था के चलते आम नागरिक आरती के साक्षात दर्शन से वंचित रह गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये आरती मंदिर की परंपरा और श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी होती है, जिसमें हर व्यक्ति शामिल होना चाहता है। लेकिन इस बार प्रशासन के आदेश पर मंदिर परिसर आम भक्तों के लिए बंद कर दिया गया। यही नहीं, मीडिया को भी मंदिर से दूर रखा गया।
Vrindavan News :बांके बिहारी मंदिर की मंगला आरती पर विवाद
- वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में साल में होने वाली विशेष मंगला आरती को लेकर विवाद खड़ा।
- स्थानीय लोगों का आरोप – मंदिर प्रबंधन, जिला प्रशासन ने इसे “वीआईपी आरती” बना दिया, आम भक्तों को मंदिर से दूर रखा गया।
- प्रशासन ने 500 लोगों की सीमा तय की – 300 पास मंदिर सेवायत परिवार को, 200 पास वीआईपी लोगों को।
- मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए, पुलिस, अधिकारी ही परिसर में नजर आए।
- मीडिया को भी मंदिर से दूर रखा गया, आरती में केवल चुनिंदा लोगों की मौजूदगी रही।
- भक्तों का आरोप – मंदिर की मर्यादा भंग हुई, कई पुलिसकर्मी मोबाइल का उपयोग करते दिखे।
- स्थानीय श्रद्धालु बोले – “जिस आरती का पूरे साल इंतजार करते हैं, उसमें हमें शामिल ही नहीं होने दिया गया।”
- लोगों की मांग – भविष्य में ऐसी व्यवस्था न हो जिससे भक्तों की आस्था और परंपरा को ठेस पहुंचे।
लोगों ने उठाए सवाल
लोगों ने सवाल उठाए कि जब सीमा 500 लोगों की तय की गई थी, तो मंदिर में हजारों लोग कैसे पहुंचे। इसके अलावा, मंदिर की पवित्रता पर भी सवाल खड़े हुए क्योंकि आरती के समय कई पुलिसकर्मी मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए नजर आए, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुईं।
मंदिर की परंपरा प्रभावित!
स्थानीय श्रद्धालुओं और भक्तों का मानना है कि इस तरह की व्यवस्था से मंदिर की परंपरा और मर्यादा दोनों प्रभावित हुई हैं। उनका कहना है कि मंगला आरती का महत्व केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की आस्था से जुड़ा है। अब लोगों की मांग है कि भविष्य में ऐसी व्यवस्थाएं की जाएं जिससे स्थानीय भक्तों को दरकिनार न किया जाए और बांके बिहारी मंदिर की मर्यादा एवं परंपरा बनी रहे।

 
         
         
         
        