Vrindavan News: श्री राधा-कृष्ण कृपा कटाक्ष पाठ के साथ बृजवासियों का कॉरिडोर व न्यास के खिलाफ विरोध
Vrindavan News Update
Vrindavan News: वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर और न्यास के खिलाफ बृजवासियों का विरोध 68वें दिन भी उत्साह और भक्ति के साथ जारी रहा. एक ओर जहां सर्वोच्च न्यायालय में कॉरिडोर और न्यास से संबंधित सुनवाई चल रही थी, वहीं दूसरी ओर बृजवासी समाज की महिलाएँ बिहारी जी मंदिर के चबूतरे पर सस्वर श्री राधा-कृष्ण कृपा कटाक्ष पाठ कर अपने आराध्य बांके बिहारी जी की कृपा की याचना कर रही थीं. सभी के मन में एक ही प्रबल इच्छा थी कि किसी भी तरह बृज की पवित्र धरती इस कॉरिडोर और न्यास रूपी संकट से मुक्त हो जाए.
‘असली सरकार बांके बिहारी जी, श्यामा कुंजबिहारी लाल’
भारी बारिश के बीच त्रिपाल के नीचे बैठकर भक्ति भाव से पाठ करती बृज की महिलाएँ सरकार को स्पष्ट संदेश दे रही थीं कि वे बृज की संस्कृति और सभ्यता को नष्ट करने वाले किसी भी कदम को स्वीकार नहीं करेंगी. उनके लिए असली सरकार बांके बिहारी जी और श्यामा कुंजबिहारी लाल हैं, जिनका हर निर्णय उन्हें सिर माथे पर स्वीकार्य है. पाठ के पश्चात्, बृजवासी महिलाओं ने “कॉरिडोर बहाना है, मंदिर का पैसा खाना है” जैसे नारे लगाते हुए खेरादेवत माता मंदिर तक पैदल यात्रा की. वहां पूजा-अर्चना और परिक्रमा के बाद वे पुनः बांके बिहारी मंदिर लौटीं, अपनी आस्था और संकल्प को दृढ़ता से प्रदर्शित करते हुए

‘सांस्कृतिक विरासत को बचाने का संकल्प’
इस विरोध प्रदर्शन में रीना गोस्वामी, नीरू गोस्वामी, सुनीता गोस्वामी, रश्मि शर्मा, सोनिया गोस्वामी, राधा मिश्र, मधु गोस्वामी, सुमन गोस्वामी, श्रद्धा खंडेलवाल, निशा शर्मा, मनीषा गोस्वामी, प्रीती गोस्वामी, रेनू गोस्वामी, पूजा गोस्वामी, शिवानी गोस्वामी, नीलम गोस्वामी, रश्मि गोस्वामी सहित अनेक महिलाएँ शामिल थीं. उनकी ये भक्ति और निष्ठा बृज की सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए उनके अटूट संकल्प को दर्शाती है.
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ये आंदोलन न केवल बृजवासियों की एकता और उनके धार्मिक विश्वास को उजागर करता है, बल्कि ये भी दर्शाता है कि वे अपनी संस्कृति और परंपराओं की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. बांके बिहारी जी के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा और सामूहिक प्रयास इस विरोध को और भी सशक्त बनाते हैं.
