
बिहारी जी कॉरिडोर
वृंदावन को मिलेगा नया आयाम, बिहारी जी कॉरिडोर से सुधरेगा यात्री अनुभव
मथुरा:वृंदावन, जो centuries से भक्ति और ब्रज संस्कृति का केंद्र रहा है, अब एक नए परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है। बिहारी जी कॉरिडोर की योजना, काशी के मॉडल पर आधारित है, जिसका उद्देश्य लाखों श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन की सुविधा देना है। हाल ही में मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह ने व्यापारी प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने बताया कि यह परियोजना न सिर्फ आवश्यक है बल्कि वृंदावन के भविष्य की दिशा तय करेगी।

2500 करोड़ की परियोजनाएं, व्यापारियों को मिलेगा मुआवज़ा और दुकानें
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि बिहारी जी कॉरिडोर से किसी भी व्यापारी या स्थानी जन के हितों को नुकसान नहीं पहुँचाया जाएगा। DM चंद्र प्रकाश सिंह ने आश्वासन दिया कि जिन व्यापारियों की दुकानें प्रभावित होंगी, उन्हें वैकल्पिक दुकानें दी जाएंगी और तय मुआवजा भी मिलेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर की पारंपरिक सेवा-पूजा व्यवस्था में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
मंदिर न्यास पर उठे सवाल, अधिकारियों ने दिया भरोसा
वृंदावन के गोस्वामीजन, जो मंदिर की पारंपरिक व्यवस्था से जुड़े हैं, उन्होंने मंदिर न्यास के गठन पर आपत्ति जताई थी। लेकिन प्रशासन ने साफ किया कि न्यास का उद्देश्य सिर्फ व्यवस्थापन और सुविधा सुधार है। इससे गोस्वामीजनों के अधिकारों में कोई कटौती नहीं की जाएगी। सेवा-पूजा पहले जैसी ही बनी रहेगी।
कॉरिडोर से क्या मिलेगा वृंदावन को?
इस परियोजना से वृंदावन को कई स्तरों पर लाभ होगा:
श्रद्धालुओं को बिना भीड़-भाड़ के दर्शन की सुविधा
ब्रज तीर्थ विकास परिषद की देखरेख में सुव्यवस्थित रास्ते और सुविधाएं
स्थानीय व्यापारियों को बढ़ा व्यापार और रोज़गार के अवसर
वृंदावन को वैश्विक धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर नई ऊँचाई

वाराणसी मॉडल को उदाहरण बनाकर अधिकारी कह रहे हैं कि वहाँ भी कॉरिडोर बनने के बाद व्यापार और दर्शन दोनों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
सुरक्षा और सुविधा – दोनों को मिलेगी प्राथमिकता
SSP श्लोक कुमार ने बताया कि आने वाले समय में सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत किया जाएगा। कॉरिडोर के अंतर्गत CCTV कैमरे, साफ-सुथरे मार्ग, पीने का पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं श्रद्धालुओं को मिलेंगी। नगर आयुक्त जग प्रवेश ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में हर छोटे पहलू पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
विपक्ष के सुर और प्रशासन का दृष्टिकोण
हालांकि गोस्वामीजन और कुछ वर्ग अभी भी बिहारी जी कॉरिडोर पर असहमति जता रहे हैं, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि यह समय की जरूरत है। राज्य सरकार ने कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद ही इस दिशा में कदम बढ़ाया है।
कमिश्नर शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बैठक में कहा —
“यह विकास धार्मिक आस्था के साथ समझौता नहीं, बल्कि आस्था को और मजबूती देने का प्रयास है।”
विकास और भक्ति का संगम बनेगा वृंदावन
बिहारी जी कॉरिडोर ना सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि वृंदावन की आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक तस्वीर को भी निखारेगा। विरोध के स्वर वक्त के साथ शांत हो सकते हैं, लेकिन यह तय है कि 2500 करोड़ की यह परियोजना वृंदावन को एक नई पहचान देगी।
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मथुरा से खबरीलाल.डीजिटल के लिए अमित कुमार की रिपोर्ट