Vrindavan Bhagwat Katha

Vrindavan Bhagwat Katha में श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग से भक्त भाव-विभोर, Maharasa Panchadhyay में डूबा वृंदावन

🌺 बांसुरी की मधुर तान पर श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह: श्रीमद्भागवत कथा में भक्ति की वर्षा

Vrindavan Bhagwat Katha: वृंदावन की पावन परिक्रमा मार्ग स्थित राधा किशोरी सेवा धाम आश्रम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ने छठे दिन श्रद्धालुओं को उस अलौकिक विवाह प्रसंग से जोड़ दिया, जहां श्रीकृष्ण और रुक्मिणी का दिव्य मिलन हुआ। व्यासपीठ पर विराजमान महामंडलेश्वर स्वामी इंद्र देव सरस्वती महाराज ने कथा में जब रुक्मिणी विवाह की मधुर कथा सुनाई तो पूरा पंडाल ‘जय श्रीकृष्ण’ के जयकारों से गूंज उठा।

Vrindavan Bhagwat Katha: महारास का पंच प्राण

स्वामी इंद्र देव सरस्वती महाराज ने महारास के पांच अध्यायों का ऐसा रसपूर्ण वर्णन किया कि श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे। उन्होंने कहा — “ये पंच गीत, भागवत के पंच प्राण हैं। जो भी इन्हें भाव से गाता है, ठाकुरजी उस पर कृपा बरसाते हैं। बांसुरी की एक तान जीव को भवसागर से पार लगा देती है।”

कथा के दौरान भक्तों ने ठाकुरजी की लीला का महोत्सव ऐसे जिया मानो वृंदावन के रजकणों में ही रम गए हों।

🌼 Vrindavan Bhagwat Katha: कंस वध से द्वारका तक

कथा में आगे भगवान श्रीकृष्ण का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध और द्वारका की स्थापना के प्रसंग को संगीत और कथा के संगम से जीवंत किया गया।
ऊधव-गोपि संवाद सुनते ही हर आंख भर आई। स्वामी जी ने कहा — “ऊधव ने गोपियों को गुरु माना। यही सिखाता है कि गोपियों जैसी निष्काम भक्ति ही श्रीकृष्ण को सबसे प्रिय है।”

🕉️ Vrindavan Bhagwat Katha: सेवा और स्वास्थ्य संग

राधा किशोरी सेवा धाम आश्रम में कथा के साथ-साथ निशुल्क चिकित्सीय शिविर भी लगाया गया। डॉक्टर्स की टीम ने सैकड़ों श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया और मुफ्त दवाएं वितरित कीं। श्रद्धालुओं ने सेवा शिविर को भी ठाकुरजी की कृपा मानकर खूब लाभ उठाया।

Vrindavan Bhagwat Katha: जीव और ब्रह्म का मिलन

स्वामी इंद्र देव सरस्वती महाराज ने कहा — “महारास लीला ही जीव और ब्रह्म का मिलन है। जब जीव अपने सारे मोह छोड़ ठाकुरजी के चरणों में बंध जाता है, तभी उसे सच्चा आनंद मिलता है।” कथा में हर प्रसंग के साथ बांसुरी की मधुर धुन वातावरण को भक्तिमय कर रही थी।

🌷 Vrindavan Bhagwat Katha: कथा का महापर्व बना भक्ति का संगम

कथा के समापन पर श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह प्रसंग को प्रसाद की तरह आत्मसात किया। कथा स्थल पर घंटों तक भजन-कीर्तन होता रहा। श्रद्धालुओं ने दीप जलाए और ठाकुरजी से यही कामना की कि यह Vrindavan Bhagwat Katha हर घर में, हर दिल में प्रेम और भक्ति का दीपक जलाए। राधा किशोरी सेवा धाम आश्रम में भक्ति का यह अद्भुत संगम आने वाले दिनों में और भी अधिक श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचेगा — यही श्रीकृष्ण की महिमा है, यही वृंदावन की रज की शक्ति है।

 Written by khabarilal.digital Desk

🎤 संवाददाता: अमित शर्मा
📍 लोकेशन: मथुरा, यूपी
🗓तारीख: 9 जुलाई 2025

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