सफलता उम्र की मोहताज नहीं! मिलिए दिल्ली के लड़के से जिसने 21 की उम्र में ही रच दिया इतिहास!

आज के दौर में एक जुमला बहुत मशहूर है— “बेटा, नाम कमाने में और शोहरत पाने में आधी उम्र बीत जाती है।” लेकिन दिल्ली के एक 21 साल के लड़के ने इस पुरानी सोच की धज्जियाँ उड़ा दी हैं। जिस उम्र में लोग अपनी पहली इंटर्नशिप ढूंढ रहे होते हैं, उस उम्र में विवेक यादव मीडिया जगत के वो ‘शिखर’ चूम चुके हैं जहाँ पहुँचने का लोग बस ताउम्र सपना देखते रह जाते हैं।
यह कहानी किसी फिल्मी हीरो की नहीं, बल्कि एक ऐसे जाबांज़ की है जिसने साबित कर दिया कि अगर जुनून रगों में दौड़ रहा हो, तो दुनिया का हर ‘झूठ’ आपकी मेहनत के आगे घुटने टेक देता है।
एक मिडिल क्लास लड़का और उसका ‘पागलपन’
विवेक का ताल्लुक दिल्ली के एक बेहद साधारण परिवार से है। पिता एक कॉर्पोरेट जॉब की भागदौड़ में व्यस्त और मम्मी एक Traditional Housewife। घर में दूर-दूर तक मीडिया का कोई ‘गॉडफादर’ नहीं था। अक्सर ऐसे घरों में बच्चे इंजीनियर या डॉक्टर बनने की कतार में खड़े हो जाते हैं, लेकिन विवेक की आँखों में कुछ और ही चमक रहा था। वह चमक थी— करोड़ों लोगों तक अपनी आवाज़ पहुँचाने की।

Radio Noida 107.4: जब आवाज़ बनी ‘इश्क’ का जरिया
विवेक के सफर का आगाज़ हुआ Radio Noida 107.4 , Radio Mumbai & Radio Raipur के माइक्रोफोन से। बतौर RJ, उन्होंने अपनी आवाज़ को सिर्फ एक साधन नहीं, बल्कि लोगों के दिलों की धड़कन बना दिया। उनके शोज के नाम आज भी लोगों की ज़ुबां पर हैं:
‘कवि की कलम से’ – जहाँ शब्दों की गहराई थी।

  • ‘कवि की कलम से’ – जहाँ शब्दों की गहराई थी।
  • ‘सुनहरे पन्ने’ – जहाँ यादों का कारवां था।
  • ‘एक मुलाकात’ – जहाँ अनकही कहानियाँ थीं।

6 से ज्यादा ऑन-एयर शोज, 3 Stations और कहानी सुनाने का वो अनोखा अंदाज़… विवेक ने रेडियो की दुनिया में वो ‘Vibe’ क्रिएट की कि हर कोई उनकी आवाज़ का मुरीद हो गया।
डिजिटल में कदम : 1 साल, 100+ इंटरव्यू और एक नया रिकॉर्ड
रेडियो से पहचान मिल चुकी थी, पर विवेक रुकने वालों में से नहीं थे। उन्होंने डिजिटल मीडिया की नब्ज़ पकड़ी और शुरू किया Video Podcasts का सिलसिला।
लोग कहते थे, “अभी तो तुम बच्चे हो, बड़े-बड़े लोग तुम्हें इंटरव्यू क्यों देंगे?” पर विवेक ने कर दिखाया! मात्र 20 साल की उम्र में, सिर्फ एक साल के भीतर उन्होंने 100 से ज्यादा वीडियो पॉडकास्ट किए। उनके सामने वाली कुर्सी पर कोई छोटा-मोटा इंसान नहीं, बल्कि:

  • बॉलीवुड के नामचीन सितारे
  • देश के दिग्गज पत्रकार (Journalists)
  • राज्यों के मुख्यमंत्री (Chief Ministers)

इतनी छोटी उम्र में इतने भारी-भरकम इंटरव्यू करना अपने आप में एक मिसाल है। यही वजह है कि आज विवेक के इंस्टाग्राम (@vj__vivek) पर मिलियंस में व्यूज हैं

थिएटर की धूल और फिल्ममेकिंग का जज्बा
सफलता की इस चमक के पीछे पसीना भी बहुत है। विवेक ने खुद को सिर्फ एसी कमरों तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने नुक्कड़ नाटकों और ड्रामाके जरिए समाज की कड़वी हकीकत को जिया। फिल्ममेकिंग की दुनिया में कदम रखकर उन्होंने ऐसी डॉक्यूमेंट्रीज़ बनाईं, जिन्होंने लोगों के सोचने का नज़रिया बदल दिया। वह एक ऐसे आर्टिस्ट बनकर उभरे जो सिर्फ़ बोलना नहीं, बल्कि महसूस करना भी जानते हैं।

इन सबको करने के दौरान विवेक को कई नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड्स से भी नवाज़ा गया !

OTT से सैटेलाइट TV तक: सीधे ‘प्राइम टाइम’ की एंट्री!

अब बारी थी उस दुनिया की जहाँ सिर्फ ‘महारथी’ टिकते हैं

— न्यूज़ इंडस्ट्री! विवेक ने ‘महुआ खबर’ से एंकरिंग की शुरुआत की। Jio TV और Airtel Xstream जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स पर उन्होंने बतौर Prime Anchor कमान संभाली। स्पोर्ट्स से लेकर सिनेमा और कड़क न्यूज़ बुलेट्स तक, विवेक ने हर जगह अपनी छाप छोड़ी।

लेकिन सबसे बड़ा ‘मास्टरस्ट्रोक’ अभी बाकी था। मात्र 21 साल की उम्र में, जहाँ लोग अपनी पहचान तलाश रहे होते हैं, विवेक Tv100 Satellite News Channel पर बतौर न्यूज़ एंकर ऑन-एयर हुए। टेलीविजन की इस दुनिया में इतनी कम उम्र में कदम रखना उनके जीवन का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।

आधी उम्र का झूठ और विवेक का सच

अक्सर लोग कहते हैं कि शॉर्टकट से कुछ नहीं मिलता और नाम कमाने में आधी उम्र निकल जाती है। विवेक यादव इस बात का जीता-जागत सबूत हैं कि यह सिर्फ़ एक बहाना है। अगर आपके अंदर मेहनत करने का दम है, तो आप 21 की उम्र में भी वो हासिल कर सकते हैं जो लोग 50 की उम्र में नहीं कर पाते।
विवेक की मुस्कान आज उनके उज्ज्वल भविष्य का स्वागत कर रही है। उनका ‘इंटेंस’ फोकस और कभी न हार मानने वाला एटीट्यूड बताता है कि यह तो बस शुरुआत है, अभी तो पूरा आसमान बाकी है!

“मत पूछो कि मेरी मंजिल कहाँ है, अभी तो सफर का इरादा किया है… न हारूँगा हौसला उम्र भर, यह मैंने किसी और से नहीं, खुद से वादा किया है।”

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