 
                  Village Dispute in Sultanpur: प्रधान का जल-जंगल-जमीन पर कब्जा
Sultanpur News
Village Dispute in Sultanpur :सुल्तानपुर जिले के लम्भुआ तहसील के ग्राम करनपुर, ग्राम पंचायत बहमरपुर में इस समय एक ही नाम गूंज रहा है – प्रधान प्रसून मालवीय। आरोप है कि इस जनाब ने सिर्फ कुर्सी नहीं पाई, बल्कि कुर्सी के साथ पूरी पंचायत को अपनी जागीर समझ लिया। ताज़ा कारनामा इतना चौंकाने वाला है कि गांव वाले दांतों तले उंगली दबाए घूम रहे हैं। बताया जा रहा है कि मालवीय ने खाता संख्या 87 पर कब्जा कर लिया और वहीं से गुजरने वाले रास्ते को बंद कर दिया। रास्ता कोई मामूली नहीं, बल्कि 80 साल पुराने नलकूप तक जाता था, जिससे किसानों की पूरी खेती सिंचित होती थी।
80 साल पुराने नलकूप पर Village Dispute in Sultanpur
अब हाल यह है कि ग्रामीण शेष प्रकाश पांडेय अपने ही नलकूप तक नहीं पहुंच पा रहे। दरवाजे पर मशीनें खड़ी करवा दी गई हैं, गाड़ियां इस अंदाज़ में अड़ी हैं मानो पूरा इलाका किसी गैंगस्टर का अड्डा हो। नतीजा यह कि शेष प्रकाश की फसलें इस साल सूखी रह गईं। यही नहीं, गांव के किसानों की रग-रग में खून नहीं, गुस्सा उबाल मार रहा है। किसान कह रहे हैं – “प्रधान प्रसून मालवीय का राज, लोकतंत्र में नहीं, दबंगई की किताबों में लिखा जाता है।”

गुंडई और धमकी से लिपटा Village Dispute in Sultanpur
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान प्रसून मालवीय सिर्फ रास्ता बंद करके ही नहीं रुके। उनके गुर्गों ने खुलेआम धमकी दी – “अगर नलकूप की तरफ कदम भी बढ़ाया, तो खेत नहीं बल्कि कफन मिलेगा।” यह सुनकर गांव का माहौल दहशत में डूब गया। शेष प्रकाश पांडेय कहते हैं, “ये नलकूप सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि पूरे गांव की जिंदगी से जुड़ा है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो किसानों की फसलें बर्बाद होंगी और परिवार भूखे मरेंगे।”

Village Dispute in Sultanpur और भ्रष्टाचार का कॉकटेल
गांव में यह भी चर्चा है कि मालवीय जी ने दबंगई के साथ-साथ आय से अधिक संपत्ति भी इकट्ठा कर रखी है। लाइसेंसी रिवॉल्वर से लोगों को डराना उनका रोज़ का शौक बताया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है – “पैसे के दम पर ये सब मैनेज कर लेते हैं। पुलिस से लेकर तहसील तक, सब इनकी जेब में हैं।” यही वजह है कि शिकायतें धूल खा रही हैं और जनता पीड़ित होकर भी चुप रहने को मजबूर है।
सत्ता गई पर Village Dispute in Sultanpur की सपा वाली गुंडागर्दी जारी
मजेदार बात यह है कि सपा की सत्ता तो कब की जा चुकी, लेकिन गुंडागर्दी का झंडा अब भी गांव में फहरा रहा है। प्रधान प्रसून मालवीय उसी परंपरा को आगे बढ़ाते दिखते हैं। नेता और कार्यकर्ता सत्ता से बाहर होने के बावजूद जनता को यह एहसास दिलाने में लगे हैं कि उनकी गुंडई कभी खत्म नहीं होगी। गांव वाले कहते हैं – “लोकतंत्र में चुनाव जीतकर प्रधान बने, लेकिन असल में गांव के ‘ठाकुर’ की तरह बर्ताव करते हैं।”

Village Dispute in Sultanpur का असर किसानों पर
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि यह 80 साल पुराना नलकूप सिर्फ पानी का स्रोत नहीं, बल्कि गांव की जीवनरेखा है। दशकों से किसान इसी के पानी से अपनी फसलें उगाते आए हैं। अब जब रास्ता बंद कर दिया गया, तो खेती का पूरा चक्र बिगड़ गया है। किसान कहते हैं कि यह सिर्फ उनकी फसल नहीं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई, घर का चूल्हा और परिवार का भविष्य है जो दांव पर लगा है।
Written by khabarilal.digital Desk

 
         
         
         
        