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Privilege Committee की तूफानी सैर: अफसरों की नींद उड़ी!
वाराणसी के सर्किट हाउस में सोमवार को ऐसा नजारा देखने को मिला, मानो उत्तर प्रदेश विधान परिषद की Privilege Committee ने अफसरों को ‘अध्ययन भ्रमण’ के बहाने तगड़ी क्लास लगाई। सभापति डॉ. जयपाल सिंह ‘व्यस्त’ ने 17 मुद्दों पर अफसरों की खिंचाई की, मानो कह रहे हों, “काम करो, वरना कुर्सी छोड़ो!” गड्ढामुक्त सड़कों से शराब माफिया तक, हर मुद्दे पर लताड़ पड़ी। मगर सवाल यह है कि यह Privilege Committee का तमाशा सिर्फ कागजों का खेल है, या जमीनी बदलाव लाएगा? 
Privilege Committee का फरमान: जनप्रतिनिधियों का अपमान बंद!
Privilege Committee के सभापति डॉ. जयपाल सिंह ने अफसरों को खरी-खरी सुनाई—जनप्रतिनिधियों के फोन उठाओ, उनके पत्रों का जवाब दो, और प्रोटोकॉल निभाओ, वरना विशेषाधिकार हनन का मुकदमा झेलने को तैयार रहो! अफसरों के चेहरों पर हवाइयां उड़ रही थीं, मानो कह रहे हों, “अब फोन कैसे उठाएं, साहब?” समिति ने साफ कहा कि जनप्रतिनिधियों के साथ संवादहीनता किसी गुनाह से कम नहीं। यह Privilege Committee का करारा डंडा था, जो शायद कुछ अफसरों को जगाएगा, या फिर कागजों में दफन हो जाएगा।
Privilege Committee का गड्ढा-युद्ध: सड़कें चमकेंगी या सपना?
लोक निर्माण विभाग को Privilege Committee ने एक महीने का अल्टीमेटम दे डाला—सड़कें गड्ढामुक्त करो, नहीं तो हिसाब दो! वाराणसी मंडल की सड़कों पर गड्ढे ऐसे हैं, मानो चांद का सैर-सपाटा करा रहे हों। समिति ने अफसरों को लताड़ा कि जनता की जान खतरे में डालने का हक किसी को नहीं। मगर क्या ये गड्ढे सिर्फ कागजों में भर जाएंगे, या सड़कें सचमुच चमकेंगी? Privilege Committee की यह फटकार सुनकर अफसरों ने सिर हिलाया, मगर क्या सड़कों का हाल बदलेगा, या फिर गड्ढों में ही गाड़ियां लुढ़कती रहेंगी?
शराब माफिया पर तीखी नजर
शराब माफिया पर Privilege Committee ने आबकारी विभाग को जमकर खरी-खोटी सुनाई। लाइसेंस शुल्क वसूलो, अवैध शराब की बिक्री पर लगाम कसो, और राजस्व बढ़ाओ—यह था समिति का फरमान। वाराणसी और गाजीपुर में अवैध शराब का धंधा ऐसा फल-फूल रहा है, मानो सरकार की नाक के नीचे दारू का मेला सजा हो। समिति ने सख्ती से कहा कि इस धंधे को कुचलो, वरना अंजाम भुगतोगे। लेकिन क्या आबकारी विभाग इस Privilege Committee की चेतावनी को गंभीरता से लेगा, या फिर शराब के गिलास में डूबकर ‘चियर्स’ करेगा?
बिजली-सिंचाई पर विभाग को डंडा!
बिजली विभाग को Privilege Committee ने आरएसएस, रिवैंप योजना, और नलकूप कनेक्शनों की प्रगति पर जमकर लताड़ा। किसानों को बिजली दो, यह सुनिश्चित करो, वरना हिसाब होगा! सिंचाई विभाग को भी नहीं बख्शा गया—नहरों की सिल्ट सफाई और सत्यापन की रिपोर्ट तलब की गई। मानो समिति कह रही हो, “काम करो, या कुर्सी खाली करो!” अफसरों के चेहरों पर शिकन साफ दिख रही थी, लेकिन सवाल फिर वही क्या ये निर्देश कागजों से निकलकर खेतों तक पहुंचेंगे? Privilege Committee का यह डंडा कितना असरदार होगा, यह तो वक्त ही बताएगा।
Privilege Committee की जनकल्याण पर पैनी नजर
बाल संरक्षण गृह, महिला सुधार गृह, और सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर Privilege Committee ने सख्त रुख अपनाया। गरीबों को समय पर खाद्यान्न, शिकायतों का निपटारा, और क्षेत्रीय विकास निधि के पत्रों पर कार्रवाई—हर मुद्दे पर समयबद्ध रिपोर्ट मांगी गई। समिति ने साफ कहा कि जनकल्याण योजनाओं में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। गाजीपुर के डीएम अविनाश कुमार ने तो आभार जताया, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह आभार कागजों तक सीमित रहेगा, या जमीनी बदलाव आएगा? Privilege Committee की यह सैर कितनी कारगर होगी, यह देखना बाकी है।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: सुनील गुप्ता
📍 लोकेशन: गाजीपुर, यूपी
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