Vandan Yojana Dispute: संभल में मेला भूमि पर जेसीबी चढ़ा

संभल में मंदिर मेला भूमि पर बुलडोज़र का ‘धर्म युध्द’, डीएम का आदेश कब बदल गया, किसी को खबर नहीं!

मेला भूमि पर सत्संग भवन? लगता है सत्ता ने श्रद्धा को टेंडर में नीलाम कर दिया है!

संभल की माटी, जहां मेले लगते थे… अब वहां जेसीबी लग रही है!
जिस ज़मीन पर सालों से श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता था, उस मेला भूमि को Vandan Yojana Dispute के नाम पर सत्संग भवन और कॉरिडोर में तब्दील किया जा रहा है। अब सवाल ये है — क्या सत्संग भवन की ईंटें श्रद्धा की लाश पर रखी जा रही हैं?
पालीका के ठेकेदार सुबह-सुबह जेसीबी लेकर मैदान समतल करने आ धमके। आदेश? कौन-सा आदेश? किसका आदेश? जब डीएम ने दो दिन पहले मना किया था तो ये आदेश आसमान से उतरा क्या?

डीएम का आदेश भी अब ‘स्टेटस अपडेट’ बन गया है — कल मना था, आज मंज़ूरी है!

Vandan Yojana Dispute: संभल में मेला भूमि पर जेसीबी चढ़ा
Vandan Yojana Dispute: संभल में मेला भूमि पर जेसीबी चढ़ा

शनिवार को डीएम साहब खुद आए थे, बोले – “मेला भूमि पर कोई निर्माण नहीं होगा।”
अब मंगलवार को वही मेला भूमि फिर से खुदाई के दौर में पहुंच गई!
कोई फाइल नहीं, कोई नोटशीट नहीं, कोई लिखित आदेश नहीं… फिर भी ठेकेदार कह रहे हैं – “हमें डीएम से हरी झंडी मिल चुकी है।”
अब जनता पूछ रही है – क्या जिलाधिकारी अब गूगल ड्राइव पर मौखिक आदेश अपलोड करने लगे हैं? या फिर ये सिर्फ ठेकेदारों का खुद का बनाया ‘ऑफर लेटर’ है?

Vandan Yojana Dispute या ‘Vandalism Yatra’? मंदिर ट्रस्ट बोला: आस्था पर हमला है ये!

मंदिर ट्रस्ट आगबबूला है।
ट्रस्ट का कहना है– “साल में दो बार मेला लगता है, लाखों भक्त आते हैं… अब मेला भूमि पर सत्संग भवन और टीनशेड बन जाएगा तो मेला कहां लगेगा?”
और सबसे बड़ा सवाल — वंदन योजना के नाम पर जो 2 करोड़ की धनराशि मंदिर के भीतर लगनी थी, वह अब बाहर मेला भूमि में क्यों उड़ाई जा रही है?
ट्रस्ट ने पहले ही “भ्रामक टेंडर” की बात कही थी। अब सीधे-सीधे कह रहे हैं – “ये सरकारी लूट है, और हम इसे लेकर हाईकोर्ट जाएंगे ।”

प्रशासन की चुप्पी गूंगी नहीं, मिलीभगत की गवाही है!

Vandan Yojana Dispute: संभल में मेला भूमि पर जेसीबी चढ़ा
Vandan Yojana Dispute: संभल में मेला भूमि पर जेसीबी चढ़ा

 साफ है — अंदर ही अंदर कुछ बड़ा पक रहा है।
पालिका प्रशासन कह रहा है – “डीएम के निर्देश से निर्माण शुरू हुआ।”
लेकिन सवाल ये है — डीएम के पहले वाले निर्देश का क्या हुआ, जो पूरे मीडिया के कैमरे में रिकॉर्ड है?
क्या अब सरकार के आदेश WhatsApp स्टेटस में अपडेट होते हैं?

जनता पूछ रही है — Vandan Yojana Dispute में आखिर ‘वंदन’ किसका हो रहा है?

मंदिर का अपमान हो रहा है, मेला भूमि पर कब्जा हो रहा है, आस्था कुचली जा रही है — और ये सब ‘वंदन योजना’ के नाम पर!
क्या ‘वंदन’ अब ठेकेदारों के खातों में घुसते पैसों का हो गया है?
क्या ‘वंदन’ अब प्रशासन की पलटी मार नीति का नया नाम है?
या फिर ये सिर्फ एक योजना नहीं, एक ‘वोट बैंक इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट’ है, जिसका उद्देश्य है मंदिरों को मैदान में बदल देना?

 Vandan Yojana Dispute: आस्था की आड़ में अतिक्रमण?

Vandan Yojana Dispute: संभल में मेला भूमि पर जेसीबी चढ़ा
Vandan Yojana Dispute: संभल में मेला भूमि पर जेसीबी चढ़ा
मुख्यमंत्री वंदन योजना का मकसद धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण करना है, लेकिन संभल में यह योजना मेला भूमि को निगलने का हथियार बन गई है। पालिका का दावा है कि सत्संग भवन और अन्य निर्माण मंदिर की सुविधा बढ़ाएंगे, लेकिन ट्रस्ट का कहना है कि इससे मेला भूमि खत्म हो जाएगी। “निर्माण के बाद मेले के लिए जगह ही नहीं बचेगी,” अरुण गोस्वामी ने चेताया। “यह विकास नहीं, हमारी संस्कृति का विनाश है।”

प्रशासन की नाकामी: डीएम के आदेश का मजाक!

संभल प्रशासन ने माता भगवंतपुर वाली देवी मंदिर मेला भूमि विवाद को जिस तरह हैंडल किया, उस पर सवाल उठना लाजमी है। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया का शनिवार का आदेश—मेला भूमि पर निर्माण न हो—श्रद्धालुओं के लिए उम्मीद की किरण था। लेकिन मंगलवार को “मौखिक आदेश” के नाम पर निर्माण शुरू होने से प्रशासन की साख धूल में मिल गई। बिना लिखित आदेश के पालिका का दावा खोखला है। क्या डीएम ने सचमुच यू-टर्न लिया, या पालिका मनमानी कर रही है? दोनों ही सूरत में प्रशासन की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है।
ट्रस्ट का हाईकोर्ट जाने का फैसला दर्शाता है कि स्थानीय प्रशासन से अब कोई उम्मीद नहीं बची। आखिर श्रद्धालुओं को अपनी आस्था बचाने के लिए कोर्ट की शरण क्यों लेनी पड़ रही है?

मंदिर ट्रस्ट की हुंकार — अब होगी लड़ाई हाईकोर्ट में

मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष अरुण गोस्वामी, साफ कह रहे हैं —
 “हमने डीएम पर भरोसा किया, लेकिन इस धोखे ने हमें कोर्ट जाने के लिए मजबूर किया।” ट्रस्ट का यह संघर्ष हजारों श्रद्धालुओं की भावनाओं का प्रतीक है, जो मेला भूमि को अपनी आस्था का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। साल में दो बार लगने वाले मेले सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि संभल की सांस्कृतिक पहचान हैं। मेला भूमि पर निर्माण इस पहचान को मिटाने की साजिश है।”

ट्रस्ट के “भ्रामक टेंडर” और फंड दुरुपयोग के आरोपों की जांच जरूरी है। अगर वंदन योजना का इस्तेमाल पवित्र स्थल पर कब्जा करने के लिए हो रहा है, तो यह घोटाला है।”
Vandan Yojana Dispute: संभल में मेला भूमि पर जेसीबी चढ़ा
Vandan Yojana Dispute: संभल में मेला भूमि पर जेसीबी चढ़ा

क्या आपको लगता है संभल प्रशासन ने माता भगवंतपुर वाली देवी मंदिर के श्रद्धालुओं के साथ धोखा किया है? अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें।

🗞संवाददात: रामपाल सिंह

📍 लोकेशन: संभल,यूपी

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Anonymous
Anonymous
5 months ago

जिला प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है यह जनता के साथ सबसे बड़ा धोखा किया गया है

Anonymous
Anonymous
5 months ago
Reply to  Anonymous

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