
Panchayat Election UP-2027 का सपा मान रही सेमीफाइनल
Panchayat Election UP : ‘Semifinal’ की सीटी बज चुकी है, साइकिल लेकर तैयार हैं अखिलेश!
उत्तर प्रदेश में सियासी पारा चढ़ गया है! वजह है – पंचायत चुनाव(Panchayat Election UP)। जी हां, जनवरी-फरवरी में होने वाले इन चुनावों को समाजवादी पार्टी यानी सपा ने semifinal घोषित कर दिया है। ये वही चुनाव हैं जिनमें ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक की बिसात बिछाई जाती है। और सपा ने इस बार तय कर लिया है – चाहे जो हो, साइकिल अब रुकने वाली नहीं!
Panchayat Election UP: क्यों बना सपा के लिए “Semifinal”?
सपा का सियासी गणित सीधा है। यूपी की कुल 403 विधानसभा सीटों में से करीब 269 सीटें ग्रामीण इलाकों में आती हैं। मतलब ये कि पंचायत चुनाव में प्रदर्शन सीधे 2027 के विधानसभा चुनावों की जमीन तैयार करेगा। इसलिए समाजवादी पार्टी ने इस बार पंचायत चुनाव को सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि semifinal बना दिया है – एक मौका, जिससे गांव-गांव तक अपना नेटवर्क दोबारा जिंदा किया जा सके।
ग्राम प्रधान, बीडीसी, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष – इन सबका एक संगठित नेटवर्क पार्टी के लिए ग्रामीण मतदाताओं का भरोसा दोबारा जीतने का जरिया बन सकता है। और यही फॉर्मूला इस बार अखिलेश यादव पूरी ताकत से आजमाने जा रहे हैं।
PDA + Booth = Semifinal की जीत का Masterplan
2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने जो ‘PDA’ यानी Pichda + Dalit + Minority का फॉर्मूला चलाया था, वो अब पंचायत चुनाव में दोहराया जाएगा। सपा मानती है कि ये गठजोड़ ग्राउंड लेवल पर सबसे मजबूत कार्ड है।
साथ ही, पार्टी अब बूथ मैनेजमेंट और मतदाता जागरूकता पर भी फोकस कर रही है। हर गांव, हर पंचायत में डेटा, जातीय सर्वेक्षण और मंडल राजनीति को आधार बनाकर साइकिल को हवा दी जाएगी।
Panchayat Election UP:परिसीमन और आरक्षण पर बिछाया गया सपा का ट्रैप
सपा को शक है कि बीजेपी एक बार फिर परिसीमन और आरक्षण के जरिए चुनावी गणित बिगाड़ सकती है। इसलिए पार्टी ने जिले-जिले में अपने कार्यकर्ताओं को साफ-साफ हिदायत दी है – आंख-कान खुले रखो। अगर कहीं भी गड़बड़ी दिखे, तो सीधे राज्य निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट करो।
अपने सिंबल पर उतरेगी साइकिल? सीधे चुनाव पर क्या बोले अखिलेश?
पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव आमतौर पर बिना सिंबल होते हैं, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के लिए पार्टी सिंबल चलता है।
2021 में भी सपा ने साइकिल के सिंबल पर चुनाव लड़ा था। इस बार भी लगभग तय है कि सपा अपने सिंबल पर चुनाव मैदान में उतरेगी। हालांकि आधिकारिक ऐलान तब होगा जब तारीख तय होगी।
सीधे चुनाव की बात करें, तो अगर सरकार जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव डायरेक्ट कराने का कानून लाती है, तो अखिलेश यादव ने साफ कहा है – “हम सहमत हैं। कम से कम खरीद-फरोख्त तो नहीं होगी!”
Panchayat Election UP:2021 में क्या हुआ था?
भाजपा: 67 जिला पंचायत अध्यक्ष
सपा: सिर्फ 4 जिला पंचायत अध्यक्ष
जिला पंचायत सदस्य सीटें (कुल 3,050):
भाजपा: 768
सपा: 759
निर्दलीय: 944
इससे साफ है कि सदस्य स्तर पर सपा काफी मजबूत थी, लेकिन शीर्ष पदों पर बीजेपी का कब्जा रहा। इस बार सपा किसी भी मोर्चे पर पीछे नहीं रहना चाहती।
सपा का Target: हर पंचायत में “Semifinal” की जीत!
इस बार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। अखिलेश यादव ने खुद कहा है – “हम पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेंगे। बीजेपी डाटा, टेक्नोलॉजी और पैसे से खेल रही है, लेकिन हम लोगों के साथ खड़े हैं।”
तो दोस्तों, पंचायत चुनाव सिर्फ गांव की सियासत नहीं, बल्कि यूपी विधानसभा 2027 की रीहर्सल है। और अखिलेश यादव ने अपनी साइकिल को semifinal के लिए ट्यून कर दिया है।
सपा पूरी रणनीति के साथ मैदान में है। अब देखना ये है कि इस सियासी रण में साइकिल कितनी तेज़ दौड़ती है!
शोभनम्।