 
                  बलिया में बाढ़ का कहर… घरों से बाहर खुले में रहने को मजबूर लोग. सरकार से मदद की फरियाद, सपा की सियासत शुरू. राष्ट्रीय सचिव अवलेश ने बताई ‘सरकार की नाकामी’.
संवाददाता – संजय कुमार तिवारी, बलिया
Ballia : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में Ganga और सरयू नदियों के उफान ने भारी तबाही मचाई है… बलिया कोतवाली थाना क्षेत्र के निचले इलाकों, खासकर सदर तहसील की निहोरा नगर कॉलोनी में बाढ़ का पानी 3 से 4 फीट तक घरों में घुस गया है. जिससे विषैले जीव-जंतुओं ने घरों में डेरा जमा लिया है और स्थानीय निवासियों का जीना दूभर हो गया है. आलम ये है कि स्कूली बच्चे स्कूल तक नहीं जा पा रहे हैं,
स्थानीय लोगों की शिकायत

निहोरा नगर कॉलोनी के निवासियों का कहना है कि शासन-प्रशासन की ओर से कोई राहत या सरकारी सुविधा नहीं मिली है… न तो नाव की व्यवस्था है, न ही खाने-पीने की सामग्री उपलब्ध कराई गई है. बाढ़ प्रभावित लोग खुले में रहने को मजबूर हैं और मवेशियों के लिए भी चारे का संकट गहरा गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रभारी और मंत्री ने क्षेत्र का दौरा तो किया है लेकिन बिना कोई ठोस मदद किए चले गए.
सपा का सरकार पर निशाना

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अवलेश सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की… उन्होंने गोपाल नगर, टाड़ी, शिवाल मठिया, वशिष्ठ नगर और मानगढ़ जैसे गांवों का जायजा लिया, जहां बाढ़ और कटान ने भारी नुकसान पहुंचाया है. अवलेश सिंह ने कहा, “बलिया पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है. गंगा और सरयू का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, लेकिन योगी सरकार ने कोई राहत सामग्री, नाव या अन्य सुविधाएं मुहैया नहीं कराई हैं. लोग घर छोड़कर बाहर खुले में रहने को मजबूर हैं”. सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल राहत कार्य शुरू करने की मांग की है. उन्होंने कहा, “हवा-हवाई दावों की जगह ठोस कदम उठाए जाएं. बाढ़ प्रबंधन के नाम पर किया गया खर्च पानी में बह गया. यह सरकार की नाकामी है”.
मौजूदा हालात और प्रशासनिक दावे

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, बलिया में गंगा नदी खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर बह रही है… जिले के 17 से 21 तहसीलों के 402 से 784 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. हालांकि योगी सरकार का दावा है कि NDRF, SDRF और PAC की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं… दावा किया जा रहा है कि करीब 50 हज़ार लोगों को राहत सामग्री दी गई है और 356 परिवारों को मुआवजा प्रदान किया गया है. लेकिन स्थानीय लोग और सपा नेता इसे नाकाफी बता रहे हैं.

 
         
         
        