Ukraine को Trump ने दी बड़ी सलाह
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर स्पष्ट संकेत दिए हैं कि भविष्य में वे यूक्रेन (Ukraine) को दी जा रही अमेरिकी आर्थिक और सैन्य मदद को रोक सकते हैं। ट्रंप ने दावा किया कि जो बाइडेन सरकार ने यूक्रेन को 350 बिलियन डॉलर देकर बड़ी गलती की, और इससे न केवल अमेरिका कमजोर हुआ, बल्कि यूरोप भी इस संघर्ष में अपनी दिशा खो बैठा है।
🔹 यूरोप पर ट्रंप का कटाक्ष: “कमजोर हो चुका है… इमिग्रेशन से खत्म हो रहा है”
ट्रंप ने यूरोप की मौजूदा नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि यूरोप बढ़ते इमिग्रेशन के कारण अपनी पहचान खो रहा है और कई देश भविष्य में वैश्विक मंच पर टिक नहीं पाएंगे। उन्होंने लंदन और पेरिस जैसे शहरों का उदाहरण दिया, यह कहते हुए कि “ये शहर आज पूरी तरह बदल चुके हैं, और यह बदलाव अच्छा नहीं है।”
🔹 जेलेंस्की को ट्रंप की सलाह: “रूस से समझौता करो”
ट्रंप ने कहा कि वर्तमान हालात में रूस का पलड़ा भारी है, इसलिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की को शांति के लिए रूस के प्रस्तावों पर विचार करना चाहिए। हालांकि, ज़ेलेंस्की इस प्रस्ताव को यूक्रेन का अपमान मानते हुए खारिज कर चुके हैं। यूरोप के कई देश भी ट्रंप की इस सोच से सहमत नहीं हैं।
🔹 लंदन बैठक के बाद बढ़ी राजनीतिक हलचल
ख़बर है कि यूक्रेन से जुड़े ट्रंप के प्रस्ताव पर मंथन करने के लिए हाल ही में लंदन में फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के शीर्ष नेताओं के साथ ज़ेलेंस्की की एक अहम बैठक हुई।
इसी बैठक के तुरंत बाद ट्रंप ने अपने तीखे बयान जारी कर यूरोप और यूक्रेन दोनों पर दबाव बढ़ा दिया।

🔹 ट्रंप का विवादित शांति प्रस्ताव: “कुछ इलाके रूस को सौंपो”
ट्रंप के शांति प्लान के अनुसार,
- यूक्रेन को अपनी कुछ भूमि रूस को सौंपनी पड़ सकती है,
- और NATO में शामिल होने का विचार छोड़ना पड़ सकता है।
लेकिन यूक्रेन और यूरोपीय देशों ने इसे पूरी तरह नकार दिया है, क्योंकि युद्ध की शुरुआत का मुख्य कारण ही रूस का यूक्रेन के NATO में शामिल होने का विरोध था।
🔹 NATO विवाद और युद्ध की जड़
NATO की नीति के अनुसार, किसी एक सदस्य देश पर हमला पूरे गठबंधन पर हमला माना जाता है। अगर यूक्रेन NATO में शामिल हो जाता, तो NATO देश उसके क्षेत्र में सैन्य ठिकाने स्थापित कर सकते थे, जो रूस के लिए सीधी सुरक्षा चुनौती होती। इसी तनाव ने अंततः युद्ध का रूप ले लिया था।

🔹Ukraine की मौजूदा स्थिति: “न तो EU में जगह, न NATO में”
तीन साल से अधिक समय से जारी युद्ध ने
- यूक्रेन की अर्थव्यवस्था तबाह कर दी,
- लाखों लोगों को विस्थापित किया,
- और देश को यूरोपीय यूनियन तथा NATO—दोनों से ही दूर रखा है।
इससे साफ़ दिखता है कि यूक्रेन को इस संघर्ष से बर्बादी के अलावा अभी तक कोई ठोस लाभ नहीं मिला।
🔹 अमेरिका की भूमिका, ट्रंप का आरोप और Ukraine
ट्रंप का कहना है कि अगर उस समय वे राष्ट्रपति होते तो “रूस–यूक्रेन युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता।” उनका आरोप है कि बाइडेन प्रशासन ने शुरुआत में ही यूक्रेन को युद्ध के लिए उकसाया और आज वही अमेरिका उस पर युद्ध खत्म करने का दबाव बना रहा है।
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