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Udaipur Files Controversy : ‘उदयपुर फाइल्स’ का रिलीज ड्रामा – हाईकोर्ट ने रोका – अब सुप्रीम कोर्ट में जंग!
बॉलीवुड में हंगामा कोई नई बात नहीं! हर बार कोई न कोई फिल्म कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंस ही जाती है। इस बार बारी है अभिनेता विजय राज की फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की – जो रिलीज से पहले ही विवादों की आग में तप रही है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस फिल्म की रिलीज पर ब्रेक लगा दिया – लेकिन मेकर्स ने हार नहीं मानी! अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है – ताकि उनकी फिल्म को हरी झंडी मिल सके। तो आइए – जानते हैं इस सिनेमाई ड्रामे की पूरी कहानी – जो किसी थ्रिलर से कम नहीं!
Udaipur Files – क्या है ‘उदयपुर फाइल्स’ का किस्सा?
ये फिल्म 2022 में राजस्थान के उदयपुर में हुए दिल दहला देने वाले कन्हैयालाल साहू हत्याकांड की सच्ची कहानी पर बनी है। एक मासूम दर्जी की बेरहमी से हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया था। निर्माता अमित जानी और उनकी टीम ने इस घटना को सिल्वर स्क्रीन पर उतारा है – लेकिन रिलीज का रास्ता इतना आसान नहीं। फिल्म को 11 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देनी थी – मगर दिल्ली हाईकोर्ट ने रिलीज से महज 12 घंटे पहले रोक लगा दी। अब मेकर्स ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है – और मामला फिर से गरमा गया है!
Udaipur Files – सुप्रीम कोर्ट में मेकर्स की दमदार दलील
फिल्म के निर्माता और वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में जोरदार पैरवी की है। उनका कहना है – “हमारी फिल्म कोई छुपा हुआ राज नहीं उजागर कर रही। ये एक ऐसी सच्ची घटना पर बनी है – जो हर किसी को पता है। कन्हैयालाल की हत्या मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन थी। हमने सिर्फ सच को पर्दे पर दिखाने की कोशिश की है।” गौरव भाटिया की इस दलील ने सुप्रीम कोर्ट को प्रभावित किया – और कोर्ट ने मामले की दोबारा सुनवाई को हरी झंडी दे दी। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सुप्रीम कोर्ट इस फिल्म को रिलीज की इजाजत देगा या नहीं?

उदयपुर के दर्जी कन्हैया के साथ क्या हुआ था?
राजस्थान के उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल साहू को दो लोगों ने बेरहमी से मार डाला था। 28 जून 2022 को ये वीभत्स हत्याकांड हुआ था। मामले की शुरुआत मई 2022 में हुई थी – जब पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक विवादित टिप्पणी कर दी थी। कन्हैयालाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर नूपुर का समर्थन करने वाली पोस्ट शेयर की थी। इसी को लेकर 28 जून को रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद नाम के दो कट्टरपंथियों ने कन्हैया की उनकी दुकान पर धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी थी। एक हत्यारे ने इस वारदात का वीडियो भी रिकॉर्ड किया था। एक दूसरा वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें दोनों हत्या की बात कबूलते और अपनी इस हरकत पर फख्र करते हुए नजर आए थे। जैसे ही वीडियो वायरल हुए तो यह वीभत्स हत्याकांड पूरे देश में सुर्खियों में आ गया। हर किसी ने इस घटना की निंदा की। हत्या के 4 घंटे बाद ही दोनों आरोपियों रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को पकड़ लिया गया लेकिन 3 साल बाद भी दोनों को सजा नहीं मिली है।
क्यों दब जाती हैं सच दिखाने वाली फाइल्स?
फिल्म के मेकर्स का दावा है कि वो इस कहानी को संवेदनशीलता के साथ पेश कर रहे हैं – लेकिन कुछ पक्षों को लगता है कि ये फिल्म विवादित मुद्दों को हवा दे सकती है। यही वजह है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने रिलीज पर रोक लगाई। लेकिन मेकर्स अब सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखने को बेताब हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब इस फिल्म की किस्मत तय करेगा। फिल्म से जुड़ा विवाद सुलझेगा या बढ़ेगा? अगर मेकर्स को हरी झंडी मिली – तो ये फिल्म न सिर्फ एक सच्ची कहानी को सामने लाएगी – बल्कि बॉलीवुड में सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्मों की बहस को भी नया मोड़ देगी। लेकिन अगर रोक बरकरार रही – तो ये फिल्म भी उन तमाम कहानियों में शुमार हो जाएगी – जो कोर्ट के चक्कर में अधूरी रह गईं। इस खबर पर आपकी क्या राय है? क्या ‘उदयपुर फाइल्स’ को रिलीज का मौका मिलना चाहिए? अपनी राय कमेंट कर जरूर शेयर करें!
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Written by khabarilal.digital Desk
🎤 रिपोर्ट : मुंबई ब्यूरो
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