 
                  UNGA: Trump ने UN, NATO, EU सबकी लगा दी क्लास !
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में दिए अपने भाषण में एक बार फिर वैश्विक राजनीति और युद्धों पर बड़ा बयान दिया। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में सात बड़े युद्धों को रोकने में अहम भूमिका निभाई है, जिनमें भारत-पाकिस्तान और इजरायल-ईरान के बीच हुए संघर्ष भी शामिल हैं। उन्होंने इसे अमेरिका का “गोल्डन एज” करार दिया और दावा किया कि आज अमेरिका के पास दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था, सैन्य शक्ति और सीमाएं हैं।
भारत-PAK और इजरायल-ईरान युद्ध रोकने का दावा
ट्रंप ने अपने भाषण में कहा, “काश ये काम संयुक्त राष्ट्र करता, लेकिन मुझे करना पड़ा।” उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात को काबू करने से लेकर इजरायल-ईरान के 12 दिन चले संघर्ष को समाप्त कराने तक, अमेरिका ने निर्णायक भूमिका निभाई। ट्रंप ने इन प्रयासों को दुनिया के लिए उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया।
NATO और रूस-यूक्रेन जंग पर तंज
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर ट्रंप ने NATO देशों को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि कई यूरोपीय देश रूसी ऊर्जा पर निर्भर बने हुए हैं और अप्रत्यक्ष रूप से अपने ही खिलाफ जंग को फंड कर रहे हैं। ट्रंप ने भारत और चीन पर भी आरोप लगाया कि वे रूस से तेल खरीदकर युद्ध को वित्तीय सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर युद्ध रोकने के लिए समझौता नहीं हुआ तो अमेरिका रूस पर कई तरह के टैरिफ लगाएगा, लेकिन इसके लिए यूरोपीय देशों को भी सख्त कदम उठाने होंगे।
UN की भूमिका पर Trump के सवाल
संयुक्त राष्ट्र को आड़े हाथों लेते हुए ट्रंप ने कहा कि यह संस्था अपने असली मकसद में नाकाम रही है। उनके शब्दों में, “UN सिर्फ सख्त शब्दों वाले लेटर लिखता है, लेकिन उसका पालन नहीं कराता। खाली शब्द युद्ध नहीं रोक सकते।” ट्रंप ने याद दिलाया कि उन्होंने अपने व्यवसायिक करियर में UN भवन के नवीनीकरण की बोली भी लगाई थी, लेकिन महंगे विकल्प को चुना गया।

घरेलू उपलब्धियों का बखान
भाषण में ट्रंप ने अमेरिका की आंतरिक नीतियों और उपलब्धियों को भी गिनाया। उन्होंने दावा किया कि ऊर्जा, गैसोलीन और किराने की कीमतों में गिरावट आई है, मॉर्गेज रेट कम हुए हैं और महंगाई पर नियंत्रण पाया गया है। साथ ही अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात कहते हुए ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका अब वैश्विक स्तर पर अधिक सम्मानित है।
फिलिस्तीन और यूरोप पर टिप्पणी
फिलिस्तीन मुद्दे पर ट्रंप ने उन देशों को निशाना बनाया जिन्होंने हाल ही में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा करना हमास जैसे संगठनों को इनाम देने जैसा होगा। वहीं यूरोप की स्थिति पर उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासियों की बाढ़ ने वहां संकट खड़ा कर दिया है। उनके अनुसार, “आपके देश नरक में जा रहे हैं।”
Trump का आक्रमक अंदाज़
डोनाल्ड ट्रंप का ये भाषण एक बार फिर उनकी आक्रामक और विवादित शैली को सामने लाता है। उन्होंने खुद को वैश्विक संघर्षों को रोकने वाला नेता बताया, NATO और संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर सवाल उठाए और घरेलू स्तर पर अपनी नीतियों को अमेरिका का स्वर्णिम काल बताया। अब देखना ये होगा कि उनके इन दावों और बयानों का अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर क्या असर पड़ता है।
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