 
                  Trump के नरम पड़े तेवर, Elon Musk के साथ तकरार में नया मोड़
Trump-Musk Controversy Update
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और दुनिया के सबसे अमीर शख्स इलॉन मस्क (Elon Musk) के बीच पिछले कुछ समय से चल रही तनातनी अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है. पहले जहां ट्रंप ने मस्क की कंपनियों को “तबाह” करने और उनकी सरकारी सब्सिडी छीनने की बात कही थी, अब उनके तेवर कुछ नरम पड़ते दिख रहे हैं. ट्रंप ने हाल ही में एक बयान में कहा, “सब कह रहे हैं कि मैं एलॉन की कंपनियों को बर्बाद कर दूंगा और उनकी सब्सिडी छीन लूंगा, लेकिन ये बिल्कुल गलत है. मैं चाहता हूं कि एलॉन और हमारे देश में काम कर रहे सभी कारोबारी फलें-फूलें और पहले से कहीं ज्यादा तरक्की करें.”
Trump-Musk विवाद की शुरुआत
ट्रंप और मस्क के बीच विवाद की शुरुआत तब हुई थी, जब मस्क ने ट्रंप के ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ की आलोचना की थी. इस बिल में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर मिलने वाली टैक्स छूट को खत्म करने का प्रस्ताव था, जिसका सीधा असर मस्क की कंपनी टेस्ला पर पड़ता. मस्क ने इसे ‘कबाड़’ करार देते हुए नाराजगी जताई थी और यहां तक कह दिया था कि अगर ये बिल पास हुआ, तो वो नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे. जवाब में ट्रंप ने मस्क की कंपनियों को मिलने वाली अरबों डॉलर की सब्सिडी और सरकारी ठेकों को खत्म करने की धमकी दी थी.
चरम पर पहुंच गई थी जुबानी जंग
दोनों के बीच ये जुबानी जंग इतनी बढ़ गई थी कि मस्क ने X पर ट्रंप के खिलाफ तीखे कमेंट किए और यहां तक कि उनके जेफ्री एपस्टीन केस से कथित तौर पर जुड़े होने का जिक्र भी किया.

दूसरी तरफ, ट्रंप ने मस्क को ‘नशे में धुत’ और ‘पागल’ तक कह दिया था. इस तकरार का असर टेस्ला के शेयरों पर भी पड़ा, जिससे मस्क की संपत्ति को भारी नुकसान हुआ.
ट्रंप ने दिए बड़े संकेत
अब ट्रंप का ताजा बयान इस विवाद को शांत करने की दिशा में एक कदम लगता है. उन्होंने साफ किया कि वो मस्क या किसी अन्य कारोबारी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते. शायद ये बयान मस्क के साथ रिश्तों को सुधारने की कोशिश हो, क्योंकि मस्क ने भी कुछ समय पहले अपने कुछ भड़काऊ पोस्ट पर खेद जताया था.
क्या दूरियां खत्म होंगी ?
हालांकि, ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये नरम तेवर दोनों दिग्गजों के बीच की तल्खी को पूरी तरह खत्म कर पाएंगे या फिर ये सिर्फ एक अस्थायी ठहराव है. मस्क की टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियां अमेरिकी अर्थव्यवस्था और तकनीक के लिए अहम हैं, और ट्रंप भी शायद इस बात को समझते हैं. फिलहाल, इस जंग में शांति की उम्मीद तो दिख रही है, लेकिन भविष्य में क्या होगा, ये वक्त ही बताएगा.

 
         
         
        