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Toondla Suspicious Death: टूंडला की पोस्ट ऑफिस गली में बुझ गया एक बचपन
ये टूंडला है — जहां पुराने जमाने की चिट्ठियों की तरह खबरें भी फुसफुसाकर आती हैं। इस बार खबर आई तो दिल दहलाने वाली —13 साल के मासूमकी संदिग्ध हालत में मौत(Toondla Suspicious Death)…मासूम बच्चा जो कूड़ा बीनकर पेट पालता था, अब खुद बेजान हालत में मिला है।
बच्चे का शव पोस्ट ऑफिस वाली गली के कॉर्नर पर एक निर्माणाधीन दुकान की दूसरी मंजिल पर पड़ा मिला। हालत ऐसी कि जिसने देखा, उसका कलेजा कांप गया — नग्न शरीर, गले और हाथ में काले कपड़े की गांठें, बनियान फटी पड़ी। सवाल ये है — हादसा? हादसा भी ऐसा कि कपड़े क्यों खुले? शक इसलिए गहराया कि उम्र महज 13 साल!
Toondla Suspicious Death: टूंडला में चर्चा — हादसा, कुकर्म या कोई और साजिश?
इस मामले में (Toondla Suspicious Death) पुलिस और शहरवाले दोनों में सवालों का सैलाब है। क्या किसी ने मासूम से कुकर्म किया? क्या बाद में उसकी सांसें छीनी गईं? या कहीं कोई हादसा था, जिसने शक का जाल खड़ा कर दिया?
लेकिन जवाब देने वाला कोई नहीं। पुलिस कह रही है — ‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट आए बिना कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी।’ SSP सौरभ दीक्षित, SP City रवि शंकर प्रसाद, CO अमरीश कुमार — पूरा अमला मौके पर पहुंचा, मौका मुआयना हुआ। फिर वही फॉर्मूला — CCTV फुटेज खंगाले जाएंगे, पूछताछ होगी, किसी से कोई सख्त सवाल नहीं!
Toondla Suspicious Death:— गरीब की जान के मोल का हिसाब कौन देगा?
अब सवाल ये है कि क्या मासूम के परिवार को जवाब मिलेगा? मामले (Toondla Suspicious Death )में पुलिस कह रही है कि— ‘कुकर्म या हत्या की पुष्टि पोस्टमार्टम से होगी।’ मतलब अब जांच रिपोर्ट पर टिक गई उम्मीद।
लेकिन टूंडला के लोग जानते हैं — फुटपाथ पर पला बच्चा, ईंटों के ढेर पर दम तोड़ गया — उसकी जिंदगी की तरह मौत भी सस्ते में बंद फाइल न बन जाए। कूड़ा बीनने वाला था, VIP नहीं था — CCTV चले न चले, कैमरे में कैद न हो, फर्क किसे पड़ता है?
टूंडला का सवाल — अगला कौन?
मासूम का परिवार चीख-चीख कर पूछ रहा है — ‘कहां थे वो लोग जो कानून व्यवस्था के गहने पहनते हैं?’ SSP के काफिले, CO की जीप, SP City की निगरानी… सब मौके पर आते हैं, जाते हैं, खबरों में छपते हैं — फिर फाइल अलमारी में दब जाती है।
Toondla Suspicious Death एक ठंडी लाश नहीं, टूंडला के सिस्टम पर करारी चोट है। जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट न आए, पुलिस हाथ बांधे बैठी है — लेकिन सवाल वहीं है कि गरीब की जान का इंसाफ कितना वजन रखता है?
Toondla Suspicious Death: कब तक यूं ही गुमनाम मरेंगे गरीब मोहित जैसे बच्चे?
तो अब सवाल टूंडला वालों से है —
मासूम चला गया, वो लौटेगा नहीं। लेकिन उसका गला कौन दबा गया, उसका बचपन किसने रौंदा — ये पता चलेगा या फिर सब सन्नाटे में दफन कर दिया जाएगा?
आज वो लाश निर्माणाधीन दुकान की दूसरी मंजिल पर मिली — कल किसी की झुग्गी में भी मिल सकती है। मासूम बच्चा गरीब था, वो चुपचाप कूड़ा बीनकर पेट पाल रहा था। मगर उसके शरीर पर बंधी गांठें टूंडला की कानून व्यवस्था को खुला तमाचा मार गईं।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: मुकेश कुमार बघेल
📍 लोकेशन: फिरोजाबाद, यूपी
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