 
                  Iran के रुख से मिडिल ईस्ट में तनाव बरकरार !
Iran-Israel News Update
Iran ने एक और बड़ा कदम उठाया है। उसने संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था IAEA के साथ सहयोग रोकने का बिल पास कर दिया है। सालों से IAEA ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नजर रख रही थी, लेकिन अब ईरान ने साफ कर दिया कि वो इसके साथ मिलकर काम नहीं करेगा।

IAEA से दूरी बनाने से संबंधी बिल पास होने से पहले ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर कलीबाफ ने IAEA पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संस्था ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए हमले की निंदा तक नहीं की। कलीबाफ ने सांसदों से कहा, “इसलिए हमारा परमाणु ऊर्जा संगठन IAEA के साथ सहयोग तब तक बंद रखेगा, जब तक हमारी परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा नहीं हो जाती और हमारा शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम तेजी से आगे नहीं बढ़ जाता।” इतना सबकुछ हो जाने के बाद भी Iran का अपने परमाणु कार्यक्रम जारी रखने का फैसला, मिडिल ईस्ट समेत पूरी दुनिया की टेंशन बढ़ाने वाला है
अमेरिकी हमले पर Iran का खुलासा
ईरान ने पहली बार माना है कि रविवार को अमेरिका के हमले में उसके परमाणु संयंत्रों को भारी नुकसान हुआ है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने बुधवार को बताया कि फोर्डो, नतांज और इस्फहान जैसे तीन बड़े परमाणु संयंत्रों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, उन्होंने विस्तार से कुछ बताने से मना कर दिया, लेकिन ये जरूर कहा कि अमेरिका ने बी-2 बमवर्षक विमानों से बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया, जिससे नुकसान हुआ। बाघेई ने कहा, “हमारे परमाणु ठिकानों को काफी नुकसान हुआ है, ये तो साफ है।”
युद्धविराम की उम्मीद
12 दिनों तक चले ईरान और इजरायल के बीच जंग के बाद बुधवार को युद्धविराम की स्थिति बनती दिख रही है। मंगलवार को युद्धविराम लागू हुआ, लेकिन दोनों देशों ने एक-दूसरे पर इसके उल्लंघन का आरोप लगाया। फिर भी, बुधवार तक मिसाइलें, ड्रोन और बमों का हमला बंद हो गया है। अब लग रहा है कि दोनों देशों के बीच शांति समझौता हो सकता है। लेकिन ईरान ने साफ कर दिया है कि वो अपने परमाणु कार्यक्रम को किसी भी हालत में बंद नहीं करेगा।

ट्रंप का बड़ा दावा
इस युद्धविराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अहम भूमिका रही। बुधवार को नीदरलैंड्स में नेटो शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि युद्धविराम बहुत अच्छे से चल रहा है। ट्रंप ने ईरान पर निशाना साधते हुए कहा, “उनके पास परमाणु बम नहीं होना चाहिए और वो यूरेनियम संवर्धन का काम भी नहीं करेंगे।” लेकिन ईरान ने ट्रंप के इस बयान को खारिज कर दिया और अपने स्टैंड पर कायम रहने की बात कही।
अब आगे क्या होगा ?
ईरान का अपने परुमाण कार्यक्रम को जारी रखने का फैसला और युद्धविराम की स्थिति दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गई है। एक तरफ जहां शांति की उम्मीद जगी है, वहीं ईरान का परमाणु कार्यक्रम को लेकर अड़ा रहना तनाव को फिर से बढ़ा सकता है। आने वाले दिनों में ये देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मसले को कैसे हल करता है।

 
         
         
        