 
                  Asia को लेकर नोबेल पुरस्कार विजेता मोहन मुनासिंघे की विश्व नेताओं को चेतावनी
 “शांति अब विकल्प नहीं, आवश्यकता है”
Asia News Update
Asia News : परमाणु युद्ध का खतरा पहले से कहीं अधिक गंभीर हो चुका है — यह चेतावनी दी है नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और श्रीलंकाई शिक्षाविद डॉ. मोहन मुनासिंघे (Dr. Mohan Munasinghe) ने। उन्होंने एशियाई नेताओं से अपील की है कि वे समय रहते ठोस कदम उठाएं और विश्व शांति के लिए मिलकर काम करें।
तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर दुनिया?
डॉ. मुनासिंघे का कहना है कि आज की दुनिया एक अत्यंत संवेदनशील दौर से गुजर रही है। एशिया, जो कभी वैश्विक संघर्षों से अपेक्षाकृत दूर समझा जाता था, अब परमाणु युद्ध की आशंका के घेरे में है। उन्होंने कहा:
“आज परमाणु युद्ध पहले से ज्यादा करीब है। यह सिर्फ नेताओं की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सभी को मिलकर शांति के लिए प्रयास करने की ज़रूरत है।”
भारत, चीन और रूस की एकता: शांति की नई उम्मीद
हाल ही में चीन के तियानजिन में हुए SCO शिखर सम्मेलन के दौरान भारत, चीन और रूस के नेताओं की मैत्रीपूर्ण बातचीत को डॉ. मुनासिंघे ने एक सकारात्मक संकेत बताया। उन्होंने कहा:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन – ये एशिया के सबसे बड़े देश हैं। इनका एक मंच पर आना एक शक्तिशाली संदेश है – यह बताता है कि अगर बड़े देश साथ आ सकते हैं, तो दुनिया भी एकजुट हो सकती है।”
ग्लोबल साउथ की भूमिका अहम
दुबई में आयोजित एक शांति सम्मेलन में डॉ. मुनासिंघे ने बताया कि ग्लोबल साउथ, खासकर एशिया, अब एक नई वैश्विक नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि:
“जो काम पश्चिमी ताकतें नहीं कर पाईं, वह अब एशिया को करना होगा – शांति और स्थिरता का मार्ग दिखाना।”
ग्लोबल साउथ में मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के वे देश शामिल हैं, जो विकासशील या कम विकसित माने जाते हैं।
‘आई एम पीसकीपर’ इनिशिएटिव: वैश्विक संवाद की नई पहल
इस सम्मेलन के दौरान वोकार्ड फाउंडेशन द्वारा ‘I Am Peacekeeper’ पहल की भी शुरुआत की गई। इसका उद्देश्य दुनिया भर में शांति और आपसी समझ को बढ़ावा देना है।
इस अभियान को लॉन्च करने वाले डॉ. हुजैफा खोरकीवाला ने कहा:
“हम ऐसे लोगों और संस्थाओं को जोड़ना चाहते हैं जो दुनिया में स्थायी शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
शांति अब विकल्प नहीं, ज़रूरत है
डॉ. मुनासिंघे का स्पष्ट संदेश है —
- परमाणु युद्ध से बचाव अब ज़िम्मेदारी बन गई है।
- शांति केवल नेताओं की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की भूमिका है।
- हमें मिलकर पृथ्वी को बचाना होगा, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।
आज जब विश्व राजनीति अस्थिरता और टकराव की ओर बढ़ रही है, ऐसे में एशिया को शांति का मार्गदर्शक बनना होगा। नोबेल विजेता डॉ. मोहन मुनासिंघे की चेतावनी केवल एक विशेषज्ञ की राय नहीं, बल्कि एक वैश्विक अपील है — कि हमें अब ही मिलकर कदम उठाने होंगे, नहीं तो भविष्य खतरे में है।


 
         
         
        