 
                  Pakistan ने पाला जल्लादों का गिरोह, अब बना दुनिया के लिए खतरा !
Pakistan , जो दशकों से आतंकवाद को रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करता आया है, आज खुद उसी आग में झुलस रहा है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) नाम का आतंकी संगठन अब पाकिस्तान के लिए ऐसा नासूर बन गया है, जिसे न निगल पा रहा है, न उगल। 2024 में TTP ने 482 आतंकी हमलों में 558 लोगों की जान ले ली — ये आंकड़ा न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि यह इस बात की ओर भी इशारा करता है कि TTP आने वाले समय में दुनिया का सबसे बड़ा और घातक आतंकी संगठन बन सकता है।
1. TTP की बढ़ती ताकत: 2024 में 90% ज्यादा मौतें
ग्लोबल टेररिज्म रिपोर्ट 2025 के अनुसार, टीटीपी दुनिया का तीसरा सबसे घातक आतंकी संगठन बन चुका है।
- साल 2024 में TTP ने 482 हमले किए, जिनमें 558 लोगों की मौत हुई।
- 2023 के मुकाबले 2024 में TTP से होने वाली मौतों में 90% की वृद्धि हुई।
- सिर्फ खैबर पख्तूनख्वा में ही 96% हमले हुए हैं।
2. Pakistan की फौज और नागरिक दोनों निशाने पर
टीटीपी के खिलाफ चलाए जा रहे सैन्य अभियानों के बीच पाकिस्तान खुद अपने ही लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है।
- खैबर के तिराह वैली में पाकिस्तान वायुसेना ने आतंकियों पर हमला करने के प्रयास में 30 निर्दोष नागरिकों को मार दिया।
- इसी साल अगस्त तक खैबर इलाके में 700 से ज्यादा आतंकी हमले हुए, जिनमें 258 सुरक्षाकर्मी मारे गए।
- पाकिस्तान ने ऑपरेशन अज्म-ए-इस्थेकाम शुरू किया है, लेकिन परिणाम उलटे पड़ते दिख रहे हैं।
3. TTP को अफगान तालिबान का समर्थन
TTP की ताकत बढ़ने की एक बड़ी वजह अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी मानी जा रही है।
- संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में मौजूद TTP के लड़ाकों को तालिबान सरकार का समर्थन मिला हुआ है।
- पाकिस्तान ने UN में खुद माना कि अफगानिस्तान की धरती पर कम से कम 5 आतंकी संगठन सक्रिय हैं, जिनमें TTP सबसे खतरनाक है।

4. TTP की रणनीति और इतिहास: 2007 से आतंक की इमारत
- TTP की स्थापना 2007 में हुई थी। यह संगठन पाकिस्तान सरकार को गिराने और शरीयत आधारित शासन लागू करने की कोशिशों में लगा है।
- ये इस्लामी कट्टरपंथी गुटों का गठबंधन है, जो पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर सक्रिय है।
- दिसंबर 2014 में Peshawar के एक आर्मी स्कूल पर हुआ हमला TTP का सबसे घातक हमला माना जाता है, जिसमें 141 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे।
- 2017–2021 के बीच TTP की गतिविधियों में थोड़ी गिरावट आई थी, लेकिन 2024 में यह चरम पर पहुंच चुका है।
Pakistan के लिए गले की हड्डी बन चुका है TTP
पाकिस्तान के ही राजदूत असीम इफ्तिखार ने जुलाई 2024 में संयुक्त राष्ट्र में बयान दिया था कि TTP अब उनके देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
उनके मुताबिक:
- 6,000 से ज्यादा आतंकी लड़ाके TTP के पास हैं।
- अगर समय रहते इसे रोका नहीं गया, तो पूरी दुनिया को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
- पाकिस्तान ने TTP के साथ-साथ ISIL-K, अल-कायदा, बलूच लिबरेशन फ्रंट जैसे संगठनों की भी चिंता जताई थी।

आतंक की वैश्विक तस्वीर में उभरता नाम: TTP
ग्लोबल आतंकवाद रिपोर्ट 2025 में कहा गया है:
- पाकिस्तान और नाइजर में आतंकवाद से मौतों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी हुई है।
- नाइजर में 94%, जबकि पाकिस्तान में 45% ज्यादा मौतें हुईं।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, TTP ने सबसे ज्यादा मौतों की जिम्मेदारी ली है।
TTP है वैश्विक समस्या
TTP की लगातार बढ़ती ताकत, पाकिस्तान की नाकाम रणनीतियां, अफगान तालिबान का समर्थन और वैश्विक स्तर पर चिंता की आवाज़ — ये सब संकेत करते हैं कि TTP महज़ पाकिस्तान की समस्या नहीं, बल्कि आने वाले समय में वैश्विक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है।
जब तक पाकिस्तान दोहरे रवैये से बाहर निकलकर आतंकवाद के खिलाफ ईमानदारी से नहीं खड़ा होता, तब तक TTP का यह रक्तरंजित अभियान थमेगा नहीं, और हो सकता है कि ये संगठन जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी नेटवर्क बन जाए।
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