रूस की शर्तों पर यूक्रेन की असहमति, फिर कैसे रंग दिखाएगी Trump-Putin-Zelensky त्रिपक्षीय वार्ता?
Trump-Putin-Zelensky Meeting Update
वाशिंगटन, 17 अगस्त 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की कोशिश तेज कर दी है. हाल ही में ट्रंप ने पुतिन की डोनेट्स्क क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण की मांग को जेलेंस्की तक पहुंचाया, लेकिन यूक्रेन ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. अब ट्रंप 22 अगस्त को अलास्का में पुतिन और जेलेंस्की के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक (Trump-Putin-Zelensky Meeting) आयोजित करने की योजना बना रहे हैं, जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं.

22 अगस्त को त्रिपक्षीय बैठक की योजना
ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए 22 अगस्त को अलास्का में एक त्रिपक्षीय बैठक प्रस्तावित की है, जिसमें पुतिन और जेलेंस्की को आमंत्रित किया गया है. इस बैठक का मकसद युद्धविराम और शांति वार्ता को आगे बढ़ाना है. ट्रंप का कहना है कि वो दोनों नेताओं को एक मंच पर लाकर युद्ध को समाप्त करने की दिशा में काम करना चाहते हैं. हालांकि, जेलेंस्की ने इस बैठक में शामिल होने पर संदेह जताया है और यूरोपीय नेताओं का समर्थन मांगा है.
पुतिन की मांग और जेलेंस्की का इनकार
सूत्रों के अनुसार, पुतिन ने डोनेट्स्क क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण की मांग रखी है, जिसे ट्रंप ने जेलेंस्की तक पहुंचाया. हालांकि, जेलेंस्की ने इस मांग को ठुकराते हुए किसी भी तरह के क्षेत्रीय रियायत से इनकार कर दिया. जेलेंस्की ने ट्रंप की मध्यस्थता पर सवाल उठाए और कहा कि यूक्रेन अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा. ट्रंप ने जेलेंस्की पर दबाव बनाते हुए कहा कि उन्हें “सौदा करना होगा,” लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कड़ा रुख अपनाया.

Trump का रुख और विवाद
ट्रंप ने हाल ही में जेलेंस्की की आलोचना करते हुए उन्हें “बातचीत के लिए अनावश्यक” बताया और कहा कि यूक्रेन के पास “कोई ताकतवर कार्ड” नहीं है. उन्होंने ये भी दावा किया कि पुतिन के साथ उनकी बातचीत “अच्छी रही,” जबकि यूक्रेन के साथ बातचीत उतनी सकारात्मक नहीं थी. इन बयानों ने यूक्रेन और पश्चिमी देशों में विवाद पैदा कर दिया है. यूरोपीय नेता, जैसे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, ट्रंप के रुख से असहमत हैं और यूक्रेन के समर्थन में अपनी प्रतिबद्धता दोहरा रहे हैं.
रूस की प्रतिक्रिया
रूस ने ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया है. क्रेमलिन की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने ट्रंप की “संयम” की तारीफ की, जबकि रूस के सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने जेलेंस्की को “अहंकारी” करार दिया. रूसी मीडिया ने भी ट्रंप-जेलेंस्की के बीच तनाव को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया, जिससे रूस में ट्रंप के प्रति समर्थन बढ़ा है.

वैश्विक प्रभाव और भारत की नजर
इस घटनाक्रम पर भारत भी करीब से नजर रख रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध और ट्रंप की नीतियों का वैश्विक व्यापार और ऊर्जा बाजारों पर असर पड़ सकता है. हाल ही में ट्रंप ने रूस से तेल आयात करने पर भारत पर 50% टैरिफ लगाया, जिसे भारत ने “अनुचित” बताया. पुतिन के संभावित भारत दौरे की खबरें भी चर्चा में हैं, जो इस स्थिति को और जटिल बना सकती हैं.
आगे की राह
22 अगस्त की प्रस्तावित बैठक से पहले जेलेंस्की ट्रंप से मिलने वाशिंगटन पहुंच सकते हैं, जहां वे यूरोपीय नेताओं के साथ अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेंगे. यूक्रेन का कहना है कि वो बिना शर्त समर्थन चाहता है, जबकि ट्रंप युद्ध को जल्द खत्म करने के लिए दबाव बना रहे हैं. इस बीच, रूस अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है, जिससे शांति वार्ता की राह मुश्किल नजर आ रही है. ये घटनाक्रम वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, और आने वाले दिन इस युद्ध के भविष्य को तय करने में अहम होंगे.
