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अलौकिक मंदिर। इस्कॉन फरीदाबाद

फरीदाबाद का वो अलौकिक मंदिर, जहां पूरी होती है भक्तों की हर मुराद…

फरीदाबाद के इस अलौकिक मंदिर में उमड़ता है भक्तों का सैलाब

फरीदाबाद का वो अलौकिक मंदिर...जहां पूरी होती है सबकी हर मनोकामना….जहां उमड़ता है भक्तों का सैलाब। जहां बहती है भक्ति की रसधारा…जहां सनातन को जीते हैं लोग…जहां भगवान के अलौकिक रूप के होते हैं भव्य दर्शन…जहां भगवान से होता है भक्त मिलन। जी हां, भगवान कृष्ण और राधा रानी का ये अद्भुत मंदिर फरीदाबाद के सेक्टर 37 में स्थित है।इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। मंदिर की छटा ऐसी है, कि, एक बार देखने के बाद आपकी नजरें यहां से नहीं हटेंगी। खास मौकों पर भगवान का भव्य ऋंगार आपको ऐसा लगेगा,मानों साक्षात ब्रह्मांड भगवान के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हो गया हो..भगवान की इस भक्ति धारा में आप कब बहते चले जाएंगे आपको पता भी नहीं चलेगा।

अलौकिक मंदिर। इस्कॉन फरीदाबाद

यहां जो आता है भगवान में रम जाता है

भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी का ये पवित्र स्थल इस्कॉन मंदिर के नाम से विख्यात है। वैसे तो पूरे भारत में इस्कॉन के 800 मंदिर हैं। लेकिन इस मंदिर की प्रसिद्धि अलग है। भगवान के इस मंदिर को साल 2007 में स्थापित किया गया था। श्री कृष्ण और राधा रानी की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही यहां भक्ति की ऐसी रस धारा बहने लगी..मानों भगवान साक्षात प्रकट होकर भक्तों को प्रेम रस का पान करा रहे हों।उन्हें गीता का उपदेश दे रहे हों। ये बता रहे हों कि मानव शरीर किस तरह भगवान में एकाकार होता है..यहां होने वाला सुबह शाम भगवान का कीर्तन-भजन भक्तों के कानों में अमृत घोलने का काम करता है।ऐसा लगता है कि, मानव ही नहीं पशु-पक्षी भी इस भक्ति रस का पान करने के लिए लालायित हैं।

अलौकिक मंदिर। फरीदाबाद

भगवान की दिव्य आरती के भागी बनें

भगवान के इस अद्भुत और अलौकिक मंदिर में बिहारी जी की पूजा और ऋंगार भी भव्य तरीके से की जाती है। ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4.30 बजे भगवान को जगाया जाता है,और उनकी मंगला आरती की जाती है। मंगला आरती के बाद 5.00 बजे भगवान की तुलसी आरती की जाती है। इसके बाद सुबह 7.00 बजे भगवान की दर्शन आरती होती है।फिर 7.30 भक्त बजे गुरु प्रभु पाद की पूजा करते हैं। इस वक्त मंदिर में अलौकिक ही दृश्य होता है। इसके बाद दोपहर 12.30 बजे भगवान की राज भोग आरती की जाती है। दोपहर में भगवान के विश्राम के बाद शाम 4.20 बजे धूप आरती होती है। फिर शाम 7.00 बजे संध्या आरती की जाती है। सर्दियों के वक्त इसका समय शाम 6.30 बजे होता है।रात 8.30 बजे भगवान की शयन आरती के बाद उन्हें सुला दिया जाता है।

अलौकिक मंदिर। भगवान

यहां भगवान में रम जाते हैं भक्त

इस मंदिर की महिमा ऐसी है कि, जो भी भक्त एक बार यहां आ जाता है, वो भगवान की सेवा किए बिना नहीं रह पाता। चाहे भगवान के ऋंगार के लिए माला बनानी हो,या फिर उनके लिए चंदन का लेप तैयार करना। भक्त बड़े ही सहज भाव से भगवान की सेवा करते हैं। भगवान की सेवा करते भक्तों को देख मानो ऐसा लगता है कि,यशोदा मैया अपने कान्हा के लिए स्वंय धरती पर आ गई हों।

अलौकिक मंदिर। इस्कॉन फरीदाबाद

श्री कृष्ण भक्ति से जोड़ने की कोशिश

मंदिर में भगवान की सेवा करने के लिए पुजारियों का एक समूह रहता है। जो सेवा के साथ ही श्री कृष्ण की भक्ति धारा लोगों तक पहुंचाने का काम करता है।मंदिर में रहने वाले और गेरुआ वस्त्र धारण करने वाले पुजारी ब्रह्मचारी कहलाते हैं। पीला वस्त्र धारण करने वाले सेवक लोगों को भगवान की शरण में आने और ब्रह्मचर्य का पालन करने की सीख देते हैं। जबकि सफेद वस्त्र धारण करने वाले गृहस्थ सेवक भगवान के प्रचार-प्रसार के साथ मंदिर का प्रबंधन देखने का काम करते हैं।

अलौकिक मंदिर प्रभु पाद

संमार्ग पर चलने का दिया जाता है ज्ञान

मंदिर के सेवक विनय गौर इस्कॉन मंदिर की महिमा बताते हुए कहते हैं कि, भगवान का ये मंदिर लोगों को संमार्ग पर चलने और भक्ति की धारा का प्रचार करने की प्रेरणा देता है। आज के वक्त में जब लोग पाश्चात्य संस्कृति की तरफ बढ़ रहे हैं,तो बिहारी जी का ये मंदिर गीता के उपदेश के जरिये लोगों को सनातन के मार्ग पर लाने की कोशिश करता है।

अलौकिक मंदिर। इस्कॉन,फरीदाबाद

बच्चों को सनातन की दी जाती है शिक्षा

सेवक विनय गौर बताते हैं कि, सनातन और कृष्ण भक्ति की धारा लोगों तक पहुंचाने के लिए मंदिर प्रबंधन तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करता है।खासकर बच्चों को भी गीता की शिक्षा दी जाती है। बच्चे इस शिक्षा को अपने जीवन में उतारें ऐसी भी कोशिश मंदिर प्रबंधन के जरिये की जाती है। समय-समय पर इसके कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

इस्कॉन मंदिर।फरीदाबाद

आप भी आएं,भगवान का दर्शन पाएं

अगर आपने अभी तक इस मंदिर के दर्शन नहीं किये हैं, और भगवान कृष्ण की भक्ति धारा में अभी तक आपने गोता नहीं लगाया है। तो भगवान कृष्ण के इस इस्कान मंदिर आकर अपने को अविभूत कीजिये। हमारा विश्वास है कि आप सच्चे मन से यहां आएंगे तो तो भगवान कृष्ण आपकी हर मनोकामना को पूरा करेंगे।

अलौकिक मंदिर,इस्कान

एक बार प्रेम से बोलिया हरे कृष्ण-हरे कृष्ण,कृष्ण-कृष्ण हरे-हरे। हरे राम-हरे राम,राम राम हरे-हरे।