 
                  Thalapathy Vijay का TVK के सम्मेलन में बड़ा ऐलान, विरोधी दलों की टेंशन बढ़ी, 2026 के तमिलनाडु चुनावों में अकेले उतरेगी तमिलगा वेंट्री कझगम
Thalapathy Vijay’s party TVK conference News
Madurai News: तमिल फिल्मों के सुपरस्टार और अब उभरते राजनेता विजय (Thalapathy Vijay) ने तमिलनाडु की राजनीति में नया मोर्चा खोल दिया है। मदुरै में आयोजित तमिलगा वेंट्री कझगम (TVK) की दूसरी राज्य स्तरीय बैठक में विजय ने साफ ऐलान किया कि उनकी पार्टी 2026 के विधानसभा चुनावों में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी और सभी 234 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
“शेर हमेशा शेर रहता है”
विजय ने खुद को “शेर” बताते हुए कहा कि जंगल में केवल एक ही शेर होता है और शेर हमेशा शेर ही रहता है। उन्होंने 1967 और 1977 के ऐतिहासिक चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि 2026 का चुनाव भी इतिहास दोहराएगा। विजय ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका राजनीति में आने का मकसद सत्ता या व्यक्तिगत लाभ नहीं, बल्कि जनता की सेवा है।
मुख्यमंत्री स्टालिन पर आरोप
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी विजय के निशाने पर रहे। उन्होंने महिलाओं को 1000 रुपये देने की योजना पर तंज कसते हुए कहा कि “क्या यह उन महिलाओं के आंसू पोंछने के लिए काफी है, जो धोखे की शिकार हैं?” विजय ने स्टालिन सरकार पर महिलाओं, परंधुर एयरपोर्ट परियोजना से प्रभावित किसानों और मछुआरों को धोखा देने का भी आरोप लगाया।

BJP और DMK सीधा हमला
रैली में विजय ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी “गुलाम गठबंधन” का हिस्सा नहीं बनेगी। उन्होंने बीजेपी को “फासीवादी ताकत” और डीएमके को “जहरीला दल” बताया। विजय के मुताबिक, बीजेपी उनकी वैचारिक दुश्मन है, जबकि डीएमके राजनीतिक दुश्मन।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तमिलनाडु की उपेक्षा करने का आरोप लगाया और कहा कि न तो नीट (NEET) परीक्षा को रद्द किया गया, न ही श्रीलंका द्वारा पकड़े गए तमिल मछुआरों को छुड़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए।

AIADMK पर कटाक्ष
विजय ने पहली बार खुलकर एआईएडीएमके को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि एमजीआर की पार्टी आज अपने मूल रास्ते से भटक चुकी है और बीजेपी के साथ इसके रिश्तों पर सवाल उठाए। विजय ने व्यंग्य करते हुए कहा – “जब भी छापे पड़ते हैं, नेता दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से मिलते हैं और उसके बाद सब शांत हो जाता है।”
Thalapathy Vijay लाएंगे बदलाव !
विजय के तेवर और दावा तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। डीएमके और एआईएडीएमके जहां दशकों से राज्य की राजनीति पर हावी रही हैं, वहीं बीजेपी भी तमिलनाडु में अपनी पैठ जमाने की कोशिश में है। ऐसे में विजय की पार्टी का सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ना राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह बदल सकता है।

 
         
         
        