
तेज प्रताप लालू यादव
तेज प्रताप यादव की पार्टी के बाद अब,विधायक पद से भी होगी विदाई?
पटना: लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप यादव को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. जिसके बाद अब हर तरफ बस एक ही सवाल उठने लगे हैं कि, क्या तेज प्रताप यादव को निकाले जाने के बाद आरजेडी में बगावत का झंडा बुलंद होगा ? क्या तेज प्रताप यादव अपने परिवार के खिलाफ खड़े होंगे ? क्या पार्टी का एक धड़ा उनके साथ जाएगा ? या इन सबसे इतर तेज प्रताप यादव चुप्पी साधे रहेंगे ? इन सवालों के जवाब हम तलाशेंगे.. लेकिन उससे पहले कुछ और सवाल सियासी गलियारे में भटक रहे हैं, उन्हें जानने की कोशिश करते हैं। मसलन पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप यादव की विधायकी भी जाएगी ? क्या परिवार की संपत्ति से भी उन्हें बेदखल कर दिया जाएगा ? क्या इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या फिर विरोधियों के साथ खड़े नजर आएंगे। चलिये इन सारे सवालों के जवाब तलाशते हैं।

लालू यादव का चौंकाने वाला फैसला
25 मई 2025 का दिन आरजेडी के इतिहास में एक ऐसा दिन के रूप में दर्ज होगा, जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लालू परिवार ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। यही नहीं उन्हें परिवार से भी बेदखल कर दिया। यहां सवाल उठता है कि,आखिर लालू यादव को ये फैसला क्यों लेना पड़ा। आखिर लालू यादव की ऐसी क्या मजबूरी थी, जो तेज प्रताप को पार्टी और परिवार दोनों से बेदखल कर दिया। दरअसल तेज प्रताप के सोशल मीडिया अकाउंट पर अनुष्का यादव नाम की महिला के साथ रिलेशनशिप का पोस्ट डालने के बाद ये सारा बखेड़ा खड़ा हुआ।

तेज प्रताप की सफाई भी नहीं आई काम
हालांकि बाद में तेज प्रताप ने अपने अकाउंट के हैक होने की बात कहकर मामले को ठंडा करने की कोशिश की। लेकिन तब तक आग बहुत दूर तक फैल चुकी थी । जिसे संभालना लालू यादव के बस की बात नहीं थी। इसलिए उन्होंने तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बाहर करने का फरमान सुना दिया। दरअसल तेज प्रताप के सोशल मीडिया अकाउंट पर जो पोस्ट डाली गई थी, उसमें उन्होंने बाकायदा अनुष्का यादव के साथ अपने रिश्ते को स्वीकार किया था। जिसके बाद लालू यादव को ऐसा कठिन फैसला लेना पड़ा।
तेज प्रताप के पास अब क्या विकल्प?

अब सवाल है कि, पार्टी से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप क्या करेंगे। तो बता दें कि, तेज प्रताप की बिहार में राजनीतिक पकड़ सीमित है। लिहाजा वो नई पार्टी बनाएंगे ऐसी उम्मीद कम है, हां वो किसी दूसरे दल के साथ जुड़ सकते हैं..लेकिन किस दल के साथ उनकी गणित सेट हो पाएगी, ये अभी साफ नहीं है। नीतीश के साथ तो उनकी पहले से नहीं जमती है। और बीजेपी में उनके जाने की संभावना है नहीं। तो फिर तेज प्रताप के पास दो ही विकल्प बचते हैं. या तो वो कांग्रेस में चले जाएं, जो बिहार में आरजेडी की सहयोगी है। या फिर चिराग पासवान का हाथ थाम लें। लेकिन इसमें भी एक पेंच है। लालू को नाराज करके कांग्रेस तेज प्रताप को साथ नहीं लेना चाहेगी।
यादव वोट बैंक में है तेज प्रताप की अच्छी पैठ
तेज प्रताप की अगर कहीं गोटी नहीं जमती है, और वो नई पार्टी बनाने की ठान ही लेते हैं, तो जैसा कि, तेज प्रताप पहले भी कह चुके है, वो लालू-राबड़ी नाम से एक संगठन खड़ा कर सकते हैं। लिहाजा अब वो अपने इस सपने को पूरा कर सकते हैं। और खुद की पार्टी बनाकर आरजेडी में बैठे उनके विरोधियों को जवाब दे सकते हैं। दरअसल तेज प्रताप कई बार सार्वजनिक तौर पर इस बात को कह चुके हैं कि, आरजेडी में उन्हें दबाया जाता है,जिसे लेकर कई बार लालू परिवार की सियासी फजीहत भी हो चुकी है। अब जब लालू यादव ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है, तो अपने मजबूत यादव वोट बैंक को ध्यान में रखकर तेज प्रताप नया संगठन खड़ा कर सकते हैं।
तेज प्रताप के राह में अभी कई कांटे..
तेज प्रताप यादव की राह इतनी आसान नहीं है। भले ही उनके ऊपर लालू परिवार का टैग लगा है, लेकिन उनकी विवादास्पद छवि कहीं न कहीं उनके रास्ते में रोड़ा बनने का काम करेगी। हालांकि सोशल मीडिया पर अपनी फैन फॉलोइंग को कैश करके तेज प्रताप अपनी जमीनी पकड़ को मजबूत कर सकते हैं। और धीरे-धीरे युवाओं के साथ मिलकर एक बड़ा संगठन खड़ा कर सकते हैं। या फिर सियासत छोड़कर सामान्य जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं. जैसा कि, उन्होंने 2018 में संकेत भी दिया था।
तेज प्रताप यादव अब विधायक रहेंगा या नहीं?
इन सबके बीच सवाल ये उठता है कि, आरजेडी के सिंबल पर चुनाव जीते तेज प्रताप यादव क्या पार्टी से निकाले जाने के बाद भी विधायक रहेंगे ? तो इसका जवाब है कि, जब तक पार्टी खुद से उन्हें विधानसभा की सदस्यता से निष्कासित नहीं करती, और फिर उस पर विधानसभा अध्यक्ष की मुहर नहीं लगती। तब तक तेज प्रताप यादव की सदस्यता बरकरार रहेगी। मतलब की अभी तेज प्रताप यादव की विधायकी पर कोई खतरा नहीं है। लेकिन आने वाले वक्त में अगर उन्हें चुनाव लड़ना है, तो निर्दलीय चुनाव ही लड़ना होगा।
परिवारिक संपत्ति पर गवां देंगे अपना हक?

तेज प्रताप यादव को लालू यादव ने पार्टी के साथ-साथ परिवार से भी बाहर कर दिया है। जिसके बाद ये सवाल उठने लगा है कि, क्या अब तेज प्रताप यादव का लालू की संपत्ति पर भी कोई अधिकार नहीं होगा ? इस मामले में हमने कानून के कुछ जानकारों से बात की। उनका कहना था कि, फिलहाल लालू ने कोई वसीयत नहीं बनवाई है। अगर उन्हें तेज प्रताप यादव को अपनी संपत्ति से बेदखल करना है, तो पहले लालू यादव को वसीयत बनवानी होगी। फिर किसी को अपनी संपत्ति का वारिस घोषित करना होगा। तब जाकर कहीं तेज प्रताप यादव का परिवार की संपत्ति से अधिकार खत्म होगा। जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक लालू यादव की संपत्ति पर तेज प्रताप यादव का अधिकार बना रहेगा।
लालू के फैसले से परिवार या पार्टी में आई दरार?
यहां सवाल उठता है कि, क्या लालू के इस फैसले से पार्टी या परिवार में कोई दरार नहीं आएगी ? तो बता दें कि, परिवार और पार्टी में सभी लोगों ने लालू यादव के फैसले को स्वीकार करते हुए इसे सही बताया है। तेजस्वी ने खुद कहा है कि, हमारी पार्टी के अध्यक्ष ने अपनी भावना बता दी है। कोई भी अपनी निजी जिंदगी में कुछ भी कर सकता है, और जहां तक पार्टी की बात है, तो दुनिया जानती है कि, आरजेडी मतलब लालू-तेजस्वी। लिहाजा पार्टी के किसी नेता का इस मामले में सवाल उठाना बनता ही नहीं है।
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