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Sudama Kuti Bhagwat Katha में आस्था का विस्फोट
वृंदावन में बंसीवट के पास जब श्री नाभापीठ सुदामा कुटी आश्रम से भजन की गूंज निकली, तो ऐसा लगा जैसे कान्हा खुद बांसुरी रखकर कथा सुनने बैठ गए हों। अवसर भी था भागवत कथा का। व्यासपीठ से श्रीमहंत अमर दास जी महाराज के श्रीमुख से निकली वाणी ने भक्ति, वैराग्य और ज्ञान की ऐसी त्रिवेणी बहा दी कि श्रोता आत्मा तक भीग उठे।
कोयल बनो कौवा नहीं,Sudama Kuti Bhagwat Katha से निकला संदेश
श्रीमहंत जी बोले – “दिन भर ‘कांय-कांय’ करने से कोई नहीं सुनता, मीठा बोलो – कोयल बनो कौवा नहीं।” अब ज़रा सोचिए, जब महाराज खुद वाणी सुधारने की वकालत करें, तो भजन में बेसुरा स्वर कौन लगाएगा? कथा में परीक्षित जन्म से लेकर विदुर मैत्री तक, व्यास नारद संवाद से लेकर कुंती चरित्र तक ऐसी रचना सुनाई गई जैसे खुद नारद मुनि लाइव रिपोर्टिंग कर रहे हों।
Sudama Kuti Bhagwat Katha में मिला मोक्ष का फुलप्रूफ फॉर्मूला
श्रीमहंत अमर दास जी महाराज ने फरमाया – “अगर जन्म-मरण के झंझट से मुक्ति चाहिए तो भगवत भजन से जुड़ जाओ। वरना जीवन तो फिर वही – फेसबुक में लाइक, घर में झगड़ा और मन में अशांति।” त्रिवेणी का उदाहरण देते हुए बोले, जैसे संगम में गंगा-यमुना दिखती हैं, सरस्वती नहीं – वैसे ही भक्ति दिखती नहीं, पर होती ज़रूर है। लीन हो जाओ, मिल जाएगी।
सुदामा दास महाराज: एक संत, जो प्रचार से कोसों दूर रहे
कार्यक्रम में आचार्य मृदुल कांत शास्त्री जी ने जब सुदामा दास जी को याद किया, तो पूरा पंडाल भाव-विभोर हो गया। बोले – “108 साल की देवायु, निष्काम सेवा, और अंत में गोलोक वास – ये संत नहीं, चलती-फिरती ‘भगवद्गीता’ थे। कोई कामना लेकर जाता तो वो पूरी हो जाती, कोई निराशा लेकर आता तो भक्ति का बीज पनप जाता।”
Sudama Kuti Bhagwat Katha में नंदू भैया की भजन बौछार
अब भजन सम्राट नंदू भैया स्टेज पर आए, तो भक्तों के रोम-रोम झनझना उठे। बोले – “श्रीधाम वृंदावन सिर्फ जगह नहीं, राधा भाव का स्पंदन है। यहाँ कान-कान में राम है।” फिर ऐसा भजन सुनाया कि श्रोता मोबाइल कैमरा छोड़कर सीधे भाव में बह गए।
भक्ति की चाशनी में लिपटी एक सीख –
जो लोग अब भी सोचते हैं कि भजन-कीर्तन केवल बुज़ुर्गों का रिटायरमेंट प्लान होता है, उनके लिए वृंदावन की ये कथा सत्संग से कहीं अधिक है। श्री के बहाने यह साफ हो गया कि भागवत संन्यासियों के चिमटे में अब भी समाज सुधार की चिंगारी है। कथा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि मनोदशा सुधार का टॉनिक बन सकती है – अगर आप मोबाइल साइलेंट कर दें और दिल को ऑन कर लें।
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: अमित शर्मा 
📍 लोकेशन: मथुरा, यूपी

 
         
         
         
         
         
        