
sp office- घंटों मशक्कत के बाद भी पुलिस खाली नहीं करा पाई सपा का कार्यालय
150 रुपये किराया, 200 पुलिस वाले, और 200 समाजवादी! ‘Pilibhit में SP Office ‘ बना लोकतंत्र का लाइव ड्रामा – मजिस्ट्रेट बोले हटो, नेताजी बोले हटेंगे नहीं!
📍लोकेशन-पीलीभीत यूपी
🎤 संवाददाता-करन देव शर्मा
‘Pilibhit का SP Office यानि कार्यालय ‘ अब न नगर पालिका का ऑफिस है, न समाजवाद का ठिकाना – अब यह सियासी मेला बन चुका है, जहां खाकी और खादी आमने-सामने आ गई है। ड्रोन उड़ रहा है, PAC तैनात है, और नेताजी बयानवीर मोड में हैं – “जबरदस्ती नहीं चलेगी!”
₹150 वाला दफ्तर, ₹15 करोड़ का तमाशा!
जब ‘सपा कार्यालय‘ बना लोकतंत्र की कुश्ती का मैदान
सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर ने माहौल देख समझदारी दिखाई –
“ठीक है नेताजी, 6 दिन का और वक्त ले लो। लेकिन 7वें दिन तुम्हारे ऑफिस की चाबी हमारी होगी।
”नेताजी ने भी खादी टोपी झुकाई नहीं, बोले –
“हम जनता के सेवक हैं, कब्जाधारी नहीं!”
खाकी वर्दी मुस्कराई –
“सेवा घर से करो, सरकारी दफ्तर से नहीं।”
घंटों चले इस सियासी ड्रामे में सपा कार्यकर्ता “हम नहीं हटेंगे” का नारा लगाते रहे, तो पुलिस “खाली करो, नहीं तो…” की रट लगाए रही। आखिरकार, सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर ने बीच-बचाव किया और सपा को कार्यालय खाली करने के लिए 6 दिन की मोहलत दे दी। लेकिन सवाल यह है—क्या सपा 6 दिन बाद चुपचाप सामान समेट लेगी, या फिर पुलिस को एक बार फिर लाठियां भांजनी पड़ेंगी?
‘सपा कार्यालय’ अब सिर्फ ऑफिस नहीं, चुनावी झंडा है!
यह मामला अब संपत्ति का नहीं, सियासी अस्मिता का हो चुका है।
एक ओर पसीना बहाती PAC, दूसरी ओर समाजवाद के नारे लगाते कार्यकर्ता।
बीच में जनता, जो-
इस पूरे तमाशे पर तालियां बजा रही थी। कोई कह रहा था, “150 रुपये किराए में इतना बड़ा ऑफिस? हम भी सपा जॉइन कर लें! कम से कम इसी बहाने कम खर्च में बड़े घर का आनंद तो ले पाएँगे।
इधर सपा का आरोप है कि बीजेपी सरकार विपक्ष को कमजोर करने के लिए ऐसे हथकंडेadopt कर रही है। दूसरी तरफ, प्रशासन का कहना है कि नियम-कानून सबके लिए बराबर हैं।
SP Office:6 दिन बाद होगा फैसला
सवाल अब ये नहीं कि कौन सही है – सवाल ये है कि इतने कम किराए में इतनी सियासत कैसे सम्भव है?
प्रशासन ने 6 दिन की मोहलत दी है, लेकिन ड्रामा अभी बाकी है।
खाकी कहती है – “हम कानून से चलते हैं”
खादी कहती है – “हम परंपरा से चलते हैं”
जनता कहती है – “हम तो बस चलते हैं भैया!”