 
                  Sita Ram and Sons: शिमला की तंग गलियों में छुपा खजाना
जब भी शिमला के पुराने लक्कड़ बाजार की बात होती है, तो एक नाम सबसे पहले ज़हन में आता है — Sita Ram and Sons। भीड़-भाड़ और दुकानों की चमक के बीच ये छोटा सा भोजनालय पिछले 60 साल से शिमला के स्वाद को जिंदा रखे हुए है। Sita Ram and Sons कोई बड़ा होटल या ब्रांड नहीं, बल्कि एक याद है — जो हज़ारों सैलानियों और स्थानीय लोगों की ज़ुबान पर चढ़ी रहती है।
यहाँ के छोले-भटूरे किसी आम पंजाबी ढाबे जैसे नहीं हैं। इनकी खुशबू दूर तक बहती है और ग्राहक खुद खिंचे चले आते हैं। हर थाली में बसी है मेहनत, परंपरा और वो गुप्त मसाला, जो सिर्फ परिवार के सदस्यों को ही पता है। यही वजह है कि Sita Ram and Sons की पहचान सिर्फ शिमला ही नहीं, हिमाचल आने वाले हर सैलानी की लिस्ट में सबसे ऊपर रहती है।
Sita Ram and Sons: स्वाद जो पीढ़ियों से परंपरा बन गया
Sita Ram and Sons की शुरुआत कोई मार्केटिंग या डिजिटल प्रचार से नहीं हुई। उस दौर में ना सोशल मीडिया था, ना फूड ब्लॉग्स — बस एक चीज़ थी: स्वाद। पुराने समय में स्थानीय छात्रों और बाजार के दुकानदारों के लिए शुरू हुए इस भोजनालय ने धीरे-धीरे शिमला की पहचान बनकर अपनी एक अलग जगह बना ली।
यहाँ के भटूरे का साइज, छोले का तीखापन और साथ में मिलने वाली अचार वाली हरी मिर्च — सब कुछ इतना खास है कि लोग इसे घर ले जाने की भी कोशिश करते हैं। लेकिन परिवार का कहना है कि Sita Ram and Sons का स्वाद सिर्फ मसालों से नहीं, बल्कि पुराने तवे, देसी घी और मेहनत से आता है।
आधुनिक रेस्टोरेंट्स के बीच कायम सादगी
जब शिमला में बड़े-बड़े कैफे और ग्लैमरस रेस्टोरेंट्स खुल रहे हैं, तब भी Sita Ram and Sons अपनी उसी पुरानी दुकान से चल रहा है — बिना AC, बिना WiFi और बिना fancy décor के। पर यहां बैठते ही ग्राहक उस खुशबू में खो जाता है जो सिर्फ ताजगी और देसीपन से आती है।
नई पीढ़ी ने दुकान की जिम्मेदारी संभाल रखी है और वो भी अपने दादा-दादी के उसूलों पर ही चल रहे हैं। उनका मानना है कि अगर स्वाद और सेवा में ईमानदारी है, तो ग्राहक कभी दूर नहीं जाता। यही वजह है कि Sita Ram and Sons आज भी शिमला घूमने वालों की To-Do List में सबसे ऊपर रहता है।
शिमला आने वाला भूखा नहीं लौटता
अगर आप शिमला घूमने आए और Sita Ram and Sons नहीं गए, तो आपकी ट्रिप अधूरी रह गई। यहां के छोले-भटूरे, गरम-गरम चाय और लोगों की चहल-पहल — सब कुछ मिलकर एक ऐसी याद बना देते हैं, जो घर लौटकर भी ज़ुबान से उतरती नहीं।
छात्र, पर्यटक, यहां तक कि बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी इस दुकान पर खा चुके हैं — पर दुकान की सादगी वैसी की वैसी ही रही। यही है Sita Ram and Sons की असली खूबी। शिमला की हसीन वादियों में गरम छोले-भटूरे खाते वक्त आपको ये एहसास होता है कि असली स्वाद किसी ब्रांड या मेन्यू कार्ड से नहीं, बल्कि दिल और परंपरा से आता है।
Written by khabarilal.digital Desk
 संवाददाता: आदित्य श्रीवास्तव
  लोकेशन: शिमला, हिमाचल
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