 
                  हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची के राखी वाले बयान पर मौलाना शहाबुद्दीन का पलटवार, कहा – ‘चांद-सूरज को जोड़ना नफरत फैलाना‘. मर्यादा में रहने की नसीहत दी.
संवाददाता – अंकुर चौधरी, बरेली
Bareilly : राखी के त्योहार पर Sadhvi Prachi द्वारा दिए गए ‘चांद-सूरज को राखी बांधने’ वाले बयान पर विवाद खड़ा हो गया है… इस बयान पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मौलाना ने इसे नफरत फैलाने वाला बयान बताया और साध्वी को धार्मिक मर्यादा में रहने की नसीहत दी है.
इस्लाम में सिर्फ खुदा की इबादत होती है
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि “इस्लाम चांद और सूरज की पूजा की अनुमति नहीं देता है. इस्लाम में केवल खुदा की इबादत की जाती है, न कि किसी प्राकृतिक वस्तुओं की. चांद और सूरज पूरी दुनिया को रोशनी देने का काम करते हैं. इन्हें पूजनीय बताने वाले लोग इस्लामी नजरिए से अनजान हैं,”.
हर बात में जिहाद को घसीटना गलत

राखी जैसे पवित्र त्योहार को लेकर विवाद पैदा करने पर मौलाना ने कड़ी नाराज़गी जताई है… उन्होंने कहा कि “राखी बहनों का त्योहार है और वह जिसे चाहे राखी बांध सकती हैं. हर छोटी-मोटी बात में जिहाद जैसे शब्द को घसीटना गलत है. इससे समाज में भ्रम और तनाव पैदा होता है”.
जिहाद का मतलब अच्छाई के लिए संघर्ष है
जिहाद पर साध्वी प्राची की टिप्पणी को खारिज करते हुए मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, “जिहाद एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है बुराई के खिलाफ संघर्ष करना… मगर आज इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है ताकि अल्पसंख्यकों की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके”. उन्होंने कहा कि साध्वी प्राची जिहाद की एक लिस्ट बनाकर पूरे देश में भ्रम फैला रही हैं. धर्मगुरु होने के नाते साध्वी प्राची को जिम्मेदारी से बोलना चाहिए. जो बयान समाज में नफरत और भ्रम पैदा करें, उनसे बचना चाहिए. धर्म जोड़ने का काम करता है, तोड़ने का नहीं.
साध्वी के बयान पर क्यों मचा बवाल?

दरअसल यूपी के बागपत में हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने कहा था कि “मुस्लिम जिहादी चांद तारे वाली राखी बनाकर त्यौहार जिहाद फैला रहे हैं”. इसको लेकर उन्होंने मुसलमान दुकानदारों से राखी और मिठाई न खरीदने की अपील की थी. साधवी के इस बयानबाजी के बाद सोशल मीडिया पर भी अलग बहस छिड़ गई है. कुछ यूजर्स ने साध्वी के बयान को “धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला” बताया तो कुछ ने मौलाना के जवाब को “संतुलित और तार्किक” कहा.

 
         
         
        