Delhi Blast के तार…कहां तक जाएगी जांच ?
Delhi Blast: दिल्ली के दिल में 10 नवंबर को हुए लाल किला कार ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। शुरू में ये घटना सिर्फ कार में हुआ धमाका मानी जा रही थी, लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे इसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन उजागर होते गए। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस साजिश के मास्टरमाइंड डॉक्टर मोहम्मद उमर नबी और उसकी सहयोगी डॉ. शाहीन भारत में बैठे नहीं थे, बल्कि तुर्की में मौजूद एक रहस्यमयी हैंडलर ‘उकासा’ के इशारों पर काम कर रहे थे।
Delhi Blast, तुर्की और पाकिस्तान का खेल
जांच से पता चला कि उमर और शाहीन का संपर्क तुर्की व पाकिस्तान के नेटवर्क से था। आरोपी के फोन और लैपटॉप से मिले डेटा में एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप ‘Session’ का इस्तेमाल हुआ था, जिसके जरिए विदेशी हैंडलर्स से बातचीत की जा रही थी। यही ऐप पूरे ऑपरेशन की रणनीति तय करने और निर्देश भेजने के लिए इस्तेमाल किया गया।

🧬 डीएनए रिपोर्ट से हुई पहचान की पुष्टि
ब्लास्ट साइट से मिली हड्डियों और कपड़ों के नमूनों का डीएनए टेस्ट कराया गया, जो उमर की मां के सैंपल से 100% मैच हुआ। इससे ये साफ हो गया कि धमाके के वक्त उमर कार में मौजूद था और वही इस हमले का प्रमुख सूत्रधार था।
Delhi Blast और ‘उकासा’ कोडनेम का रहस्य
एजेंसियों का मानना है कि ‘उकासा’ कोई व्यक्ति नहीं बल्कि एक कोडनेम है, जिसका अर्थ अरबी में “मकड़ी” होता है। इसी नाम से विदेश से नेटवर्क संचालित किया जा रहा था। चैट हिस्ट्री से ये संकेत मिला है कि आदेश, टारगेट और टाइमिंग सभी निर्देश तुर्की से ही भेजे गए थे।

फरीदाबाद मॉड्यूल और विस्फोटक की बरामदगी
फरीदाबाद में की गई छापेमारी में करीब 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। ये मात्रा दिखाती है कि ये नेटवर्क देशभर में एक साथ कई जगह धमाके करने की योजना बना रहा था। जांच में ये भी सामने आया कि आठ संदिग्ध चार अलग-अलग शहरों में सिलसिलेवार धमाके की तैयारी कर रहे थे।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की भूमिका
एनआईए और अन्य एजेंसियों ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से उमर और शाहीन से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। जांच ये जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं संस्थागत ढांचे का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए तो नहीं किया गया।

शाहीन और महिला विंग का नेटवर्क
डॉ. शाहीन पर आरोप है कि वो जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग के लिए रिक्रूटमेंट और फंडिंग का काम करती थी। उसके खातों में विदेशी ट्रांजैक्शन के सबूत मिले हैं। एजेंसियां अब ये पता लगाने में जुटी हैं कि ये पैसा किन चैनलों के ज़रिए भारत आया।
🌍 तुर्की ने आरोपों का किया खंडन
तुर्की सरकार ने मीडिया रिपोर्ट्स को गलत बताते हुए कहा कि उसका किसी भी आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं है। अंकारा का दावा है कि वो आतंकवाद के हर रूप का विरोधी है और भारत के खिलाफ किसी साजिश में शामिल नहीं है।
जांच जारी, तुर्की से खुलेंगे राज !
एनआईए अब तुर्की से फॉरेंसिक डाटा एक्सचेंज और तकनीकी सहयोग की कोशिश कर रही है। राजनयिक स्तर पर संवाद जारी है ताकि साजिश की जड़ तक पहुंचा जा सके।
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