बिहार चुनाव में सीटों का फॉर्मूला तय ! इस दल को इतनी सीट…

बिहार चुनाव में छोटे दलों को ज्यादा सीटें नहीं ?

भारत -पाकिस्तान के तल्ख संबंधों के बीच बिहार चुनाव की भी सरगर्मी बढ़ने लगी है। चुनावी साल है लिहाजा, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस कोशिश में लगे हैं कि, किस तरह से एक-दूसरे को शिकस्त दी जाए। कैसे बिहार का सिंहासन हासिल किया जाए। आरजेडी जहां नीतीश सरकार को इस बार सत्ता से बेदखल करने के लिए तगड़ी मोर्चेबंदी कर रहे हैं। तो वहीं एनडीए सत्ता में कायम रहने का हर जुगत लगा रही है। ऐसे में कौन- कौन से दोस्त एक साथ रहेंगे? किस दल को कितनी सीट की उम्मीद है?इस पर सबकी निगाह टीकी है।

बिहार चुनावबिहार चुनाव में दो गठबंधनों के बीच असली मुकाबला है। एनडीए बनाम महागठबंधन। दोनों दलों ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा पहले ही खोल दिया है। इस बार दोनों ही सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जीत की दहलीज पर वहीं पहुंचेगा, जो बिहार के सियासत की नब्ज पकड़ पाएगा।

सीट का कैसे तय होगा फॉर्मूला?

बिहार चुनाव में सीटों का बंटवारा सबसे बड़ी अड़चन है..हालांकि एनडीए और महागठबंधन दोनों ने सीटों के बंटवारे के लिए शुरुआती खाका तैयार कर लिया है..लेकिन असल कसरत इसे फाइनल टच देने की है।एनडीए ने इसकी तैयार भी शुरू कर दी है।नीतीश कुमार से उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान से बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े की मुकालात इसी सिलसिले में हुई थी। वहीं अगर महागठबंधन की बात करें ,तो समन्वय समिति की अगली बैठक 18 मई को प्रस्तावित है। कहा जा रहा है कि,सीटों का बंटवारा इस बैठक में हो जाएगा।बिहार चुनाव

बिहार चुनाव। एनडीेए में सीट फॉर्मूल ताय

एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय!

एनडीए को एक बार फिर बिहार चुनाव के बाद सत्ता पर काबिज होना है। खासकर बीजेपी को पूरी उम्मीद है कि वो अपने दम पर इस बार बिहार में बहुमत हासिल कर सकता है..लेकिन वो नीतीश और चिराग जैसे दोस्तों को भी नहीं छोड़ सकती है। ऐसे में बीजेपी ने सबको साथ लेकर चलने का फॉर्मूला बनाया है। सूत्रों की माने तो एनडीए में 243 सीटें दो हिस्सों में बंटेंगी। एक हिस्सा जेडीयू का होगा, जबकि दूसरा हिस्सा बीजेपी का होगा।

जेडीयू के हिस्से में कौन-कौन से दल

 जेडीयू के हिस्से में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम और जीतनराम मांडी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा है। तो बीजेपी के हिस्से में चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी-आर है। सीट शेयरिंग की बात करें तो  कुशवाहा 15 सीटों की मांग कर रहे हैं..जबकि जीतन राम मांझी ने 40 सीटों की मांग कर दी है। सूत्रों के मुताबिक मांझी और कुशवाहा भले ही अधिक सीटों का दावा कर रहे हैं..लेकिन उनके हिस्से में 10-10 सीटों से अधिक नहीं आने वाली है। उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश की मुलाकात इसी का हिस्सा मानी जा रही है।

बीजेपी के जिम्मे चिराग पासवान

बीजेपी धड़े की बात करें, तो उसके हिस्से में चिराग पासवान हैं. चिराग पासवान ने दिल्ली में बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े से मुलाकात की थी। ऐसा माना जा रहा है कि ये मुलाकात सीट शेयरिंग को लेकर हुई है। सूत्रों की मानें तो,बीजेपी चिराग पासवान को 10 सीटें देकर मनाने की कोशिश करेगी..अगर चिराग पासवान नहीं माने तो 15सीटों दी जा सकती हैं। चिराग अपने पिछले चुनावी प्रदर्शन के आधार पर टिकट मांग सकते हैं।अब ये बीजेपी को तय करना है कि, वो चिराग को कितनी सीट देती है।

बिहार चुनाव
महागठबंधन में सीट का फॉर्मूला ये है?

महागठबंधन का महाप्लान

बात महागठबंधन की करें, तो आरडेजी के बाद कांग्रेस इस गठबंधन की दूसरी बड़ी पार्टी है। सीट शेयरिंग की बात की जाए, तो इस बार बिहार चुनाव में आरजेडी पहले से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पिछली बार आरजेडी 144 सीटों पर चुनाव लड़ी थी..लेकिन इस बार वो 150 सीटों पर लड़ने के मूड में है।वहीं कांग्रेस की बात की जाए, तो आरजेडी उसे 50 से ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है।इस गठबंधन में नई इंट्री विकासशील इंसान पार्टी की हुई है, जो 50-60 सीटों की मांग कर रही है..लेकिन आरजेडी के फॉर्मूले में VIP के लिए 10-15 सीटों से अधिक की गुंजाइश नहीं दिखती है।

 

सहयोगियों को साथ रखने की होगी चुनौती?बिहार चुनाव। सीट बंटवारे पर बन गई बात

ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों गठबंधनों में कोई खींचतान होगी या नहीं। अगर होगी, तो कैसे दोनों गठबंधन इसे साधेंगे?और कैसे अपने सहयोगियों को अपने साथ बांधे रखेंग।

लेखक

प्रवीण सिंह