School Merge Bulandshahr-स्कूल मर्ज का विरोध
‘मॉडर्न स्कूल’ का ख्वाब, गांववालों ने तोड़ा स्वाभिमान से!
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद में ‘School Merge Bulandshahr’ योजना पर गांववालों ने ऐसा ब्रेक लगाया कि पूरा सरकारी तंत्र सकते में आ गया। विकासखंड ऊंचागांव के शकरपुर गांव में उस वक्त भूचाल आ गया, जब गुरुजी बच्चों को Chathera के ‘मॉडर्न स्कूल’ में डालने निकले और खुद ‘बंधक स्कूल’ में फंस गए।
ग्रामीणों ने साफ कहा — ‘हमारे बच्चों को दूसरे गांव क्यों भेज रहे हो? स्कूल यहीं चलेगा, गुरुजी भी यहीं पढ़ाएंगे!’ बस फिर क्या था, Teachers Hostage Bulandshahr के नाम से नया अध्याय शुरू हो गया।
School Merge Bulandshahr: सरकार की नीति क्या कहती है?
असल में Primary School Merge के पीछे सरकार का तर्क ये है कि बच्चों को ‘मॉडर्न स्कूल’ में बेहतर संसाधन और अच्छी पढ़ाई दी जाए। बेसिक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीकांत पांडे ने बताया कि जनपद में कुल 1862 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें 509 स्कूलों में 50 से कम बच्चे हैं। सरकार ऐसे स्कूलों को मर्ज कर ‘मॉर्डन स्कूल’ बना रही है। Shakarpur का स्कूल भी इसी योजना के तहत Chathera में मर्ज किया गया। अब तक 145 स्कूल मर्ज हो चुके हैं। मगर सवाल ये है कि ग्रामीणों की सहमति कहां है?
बच्चों की सुरक्षा या सरकारी सुविधा?
शकरपुर गांव के अभिभावकों का गुस्सा इसलिए फूटा क्योंकि उन्हें बच्चों को दूसरे गांव भेजना असुरक्षित और असुविधाजनक लगा। उन्होंने पठन-पाठन सामग्री तक को जब्त कर लिया। Teachers Hostage की ये घटना पुलिस प्रशासन तक पहुंची, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हैं — ‘स्कूल यहीं रहेगा, मॉडर्न हो या देसी!’
School Merge Bulandshahr: बांदा में भी उठी थी आवाज

ये पहला विरोध नहीं है। Bulandshahr से पहले, बांदा जिले से भी ‘Primary School Merge Protest’ की खबर खबरीलाल.डिजिटल ने ही सबसे पहले दिखाई थी। वहां भी टीचर सरकार की इस योजना का विरोध कर रहे थे। ग्रामीणों ने स्कूल मर्जर को बच्चों की पढ़ाई के खिलाफ बताया था।
ऐसे में सरकार के ‘मॉडर्न स्कूल’ का सपना, ग्रामीणों की जिद और बच्चों के भविष्य के बीच खूब खींचतान चल रही है।
School Merge Bulandshahr: मौके पर पहुंचा प्रशासन
थाना नरसेना क्षेत्र के शकरपुर गांव में Teachers Hostage की खबर मिलते ही पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंचा। काफी देर तक समझाने-बुझाने के बाद मामला शांत हुआ। फिलहाल प्रशासन ग्रामीणों को समझाने में जुटा है कि Primary School Merge उनके बच्चों के हित में ही है। लेकिन ग्रामीण कह रहे हैं कि मर्ज से पहले उनसे ‘Merge’ क्यों नहीं?
School Merge Bulandshahr: क्या होगा आगे?
अब सवाल ये है कि सरकार के ‘मॉडर्न स्कूल’ का सपना ‘ग्रामीण विरोध’ की भेंट चढ़ेगा या फिर कोई बीच का रास्ता निकलेगा? Teachers Hostage जैसी घटनाएं प्रशासन के लिए सबक हैं कि नीति बनाने से पहले गांववालों की बात भी सुननी पड़ेगी।

School Merge Bulandshahr का ये मामला अब सिर्फ शकरपुर तक सीमित नहीं रहने वाला। अगले गांव, अगला जिला — और अगली खबर भी यहीं से निकलेगी, खबरीलाल.डिजिटल से!
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: सुरेंद्र सिंह भाटी
📍 लोकेशन: बुलंदशहर, यूपी
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