School Bus Accident स्कूल बस ने छीन ली अमन की सांसें
School Bus Accident ने छीना बाप का सहारा
School Bus Accident-गाजीपुर के शादियाबाद थाना क्षेत्र के अकराव गांव की मिट्टी आज खामोश है — क्योंकि दूध पहुंचाने निकला अमन बिंद अब कभी घर नहीं लौटेगा। उस मासूम के हाथ में साइकिल की घंटी थी, चेहरे पर बाप का भरोसा था और आंखों में मां की रसोई का सपना — लेकिन सड़क पर दौड़ती School Bus ने वो सपना कुचल दिया। गांव के लोग कहते हैं — अमन रोज अपने पिता के दूध बेचने के काम में कंधा देता था। वो पिता जिसके थके कंधों को बेटे ने सहारा दिया था — वही बेटा अब मिट्टी में मिल गया।
School Bus Accident: मां की पुकार, सड़क पर बिछा लहू

गांव की गलियों में मां की चीख गूंज रही है — ‘मेरा लाल कहां गया?’ कोई जवाब नहीं, बस अमन के खून से भीगी सड़क है। जिस दूध को अमन रोज गांव-गांव पहुंचाता था, आज वो दूध उसके खून से लाल हो गया। स्कूल की बस थी, मासूमों को स्कूल पहुंचाना था — लेकिन उसी बस ने एक मां की गोद उजाड़ दी। School Bus Accident ने फिर साबित कर दिया कि गांव की सड़कें सिर्फ धूल और गड्ढों से नहीं, लापरवाही और मौत से भी भरी हैं।
School Bus Accident: सपनों के साथ बुझ गई एक सुबह
सुबह के वक्त जब अमन दूध लेकर निकला था, किसी ने नहीं सोचा था कि शाम तक उसका शव गांव के चौपाल पर रखा होगा। पिता ने सोचा था — बेटा लौटेगा, फिर खेत में काम करेंगे। मां ने सोचा था — बेटा लौटेगा, दूध बेचने के बाद चाय पीएंगे। लेकिन इस हादसे (School Bus Accident) ने सबकी सोच को मौत के कुएं में धकेल दिया। गांव के बच्चे सहमे हैं, मां-बाप डरे हैं — अब हर साइकिल पर निकला बच्चा घर लौटेगा या सड़क उसे निगल जाएगी — कोई नहीं जानता।
School Bus Accident के बाद फूटा ग्रामीणों का गुस्सा
जब अमन की नन्ही लाश सड़क पर पड़ी थी, तो गांव की हवा में मातम से ज्यादा गुस्से की आग थी। बूढ़े-बच्चे, जवान-महिलाएं — सबने सड़क पर उतर कर चीख-चीखकर कहा — ‘अब बस बहुत हुआ!’ किसी ने सड़क जाम कर दिया, किसी ने बस मालिक को कोसा, किसी ने ड्राइवर के लिए फांसी मांगी। इस हादसे ने(School Bus Accident) ने एक नहीं, सैकड़ों दिलों को जला डाला। चौराहे पर सिर्फ अमन की तस्वीर नहीं थी — हर मां-बाप को अपने बच्चे की फिक्र सताने लगी। लोग कहते रहे — ‘कल किसका बेटा होगा?’ — किसी के पास जवाब नहीं था।
School Bus Accident: अफसर पहुंचे, जाम खुलवाया, भरोसा दिया

जैसे ही अमन की मौत की खबर गांव-गांव में फैली, प्रशासन के आला अफसर भागते हुए मौके पर पहुंचे। पुलिस-प्रशासन ने हाथ जोड़कर गुस्से में खौल रहे गांव वालों को समझाया — ‘केस दर्ज होगा, कार्रवाई होगी, दोषी नहीं बचेगा।’ लेकिन गांव के बुजुर्गों ने कहा — ‘आज तक कितनों को सजा मिली?’ घंटों सड़क पर जाम लगा रहा — बसें खड़ी रहीं, बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे, एंबुलेंसें हॉर्न बजाती रहीं लेकिन कोई हटा नहीं। आखिर अफसरों के झूठे-सच्चे भरोसे पर लोग शांत हुए — पर अमन की मां की चीख ने भरोसे को भी पानी कर दिया। हादसे की (School Bus Accident) की ये तस्वीरे अब गांव की आंखों में गड़ी हैं।
School Bus Accident: गांव में अभी भी चुप्पी, मां के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे
गांव की गलियां अब खामोश हैं — बस अमन की मां की सिसकीयां सुनाई देती हैं। वो बार-बार उस बस ड्राइवर को कोसती है — ‘क्यों इतनी रफ्तार? किस बात की जल्दी थी? मेरे बेटे को क्यों खा गया?’ गांव के लोग एक-दूसरे से पूछते हैं — ‘कब सुधरेंगे ये स्कूली बसवाले?’ कोई फिटनेस चेक नहीं, कोई ओवरस्पीड पर लगाम नहीं — हर दिन मौत दौड़ती है गांव की सड़कों पर। School Bus ने अमन को छीन लिया — पर सवाल यही है कि अगला कौन होगा? इस चुप्पी के पीछे हर घर में डर है, हर मां की आंख में आंसू और हर बाप के दिल में खौफ।
School Bus Accident: पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की
शादियाबाद थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। पूछताछ चल रही है, बस मालिक से संपर्क किया जा रहा है। गांव वाले चाहते हैं कि दोषी को सख्त सजा मिले ताकि कोई दूसरा अमन यूं सड़क पर कुचला न जाए। लेकिन क्या इस सिस्टम में अमन के लिए इंसाफ बचेगा — ये सवाल गांव के हर घर में तैर रहा है।
