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Satna ration news : सतना में एक व्यक्ति की आत्मा सालों से ले रही सरकारी राशन !
MP NEWS : MP के सतना से एक ऐसी ख़बर (Satna ration news) सामने आई है जो आपके होश उड़ा कर रख देगी, दरअसल सतना में एक आत्मा पिछले करीब 8 साल से राशन लेने आती है. ऐसा भी नहीं है कि इस आत्मा की मौजूदगी को किसी ने महसूस न किया हो, बल्कि जांच में तो ये सामने आया है कि इस आत्मा से संबंधित रिकॉर्ड लगातार एक PDS मशीन में दर्ज हो रहे हैं. और बाकायदा संबंधित राशन दुकानदार की ओर से संबंधित सरकारी विभाग में जमा किए गए जा रहे दस्तावेजों में भी आत्मा की स्पष्ट मौजूदगी दर्ज है.

टिकुरी अकौना गांव की है घटना
आत्मा और राशन से जुड़ा ये मामला (Satna ration news) सतना के टिकुरी अकौना गांव से जुड़ा हुआ है. जहां बलवंत सिंह की आत्मा लगातार एक राशन की दुकान से राशन लेती है. और तो और बलवंत सिंह की आत्मा PDS मशीन में अंगूठा लगाकर, मतलब बायोमेट्रिक्स मशीन में अंगूठा लगाकर अपना राशन खुद ले जाने का प्रमाण भी दर्ज कराती है. आपको बता दें कि बलवंत सिंह की मौत करीब 8 साल पहले एक हादसे में हो गई थी.

CM हेल्पलाइन तक पहुंची जानकारी
सतना का ये मामला (Satna ration news) इन दिनों पूरे MP में सुर्खियां बंटोर रहा है. और तो इस मामले की पूरी जानकारी CM हेल्पलाइन तक जा पहुंची है. CM हेल्पलाइन पर इस मामले के पहुंचते ही संबंधित विभागों में सरकारी मशीनरी तेजी से एक्टिव होती हुई दिखाई दी है.
आखिर क्या है पूरा मामला ?
अब आप सोच में पड़ गए होंगे कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है, तो दिमाग पर ज्यादा जोर न दीजिए और ख़बर को इत्मिनान से समझ लीजिए, दरअसल सतना का ये मामला (Satna ration news) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बंटने वाले राशन के घोटाले और राशन वितरण में होने वाले भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. जहां 8 साल पहले हादसे में जान गंवाने वाले शख्स के नाम पर राशन बंट रहा था. और मृतक की जगह मशीन में अंगूठा उसके परिजन लगा रहे थे और राशन का लुत्फ उठा रहे थे.

कैसे हुआ खुलासा ?
सतना में आत्मा के द्वारा राशन लेने के मामले (Satna ration news) का पर्दाफाश तब हुआ, जब इलाके के एक ज़िंदा व्यक्ति शंकर आदिवासी को कागज़ों में साल 2017 में मृत घोषित कर दिया गया. ऐसे में शंकर आदिवासी राशन के लिए भटकता रहा, राशन के साथ उसे अन्य सरकारी सुविधाओं से भी वंचित कर दिया गया था. ऐसे में इलाके की महिला सरपंच श्रद्धा सिंह के संज्ञान में जब ये पूरा मामला आया तो उन्होंने शंकर आदिवासी को राशन दिलाने के लिए ज़रुरी कदम उठाए , इस दौरान ही सबको पता चला कि शंकर आदिवासी को जहां मृत घोषित कर राशन से वंचित रखा जा रहा है, तो वहीं एक व्यक्ति बलवंत ऐसा भी है जो 8 साल पहले इस दुनिया को अलविदा कह चुका है फिर भी उसके नाम पर राशन अब भी सप्लाई हो रहा है. फिर क्या था महिला सरपंच ने मामले की शिकायत संबंधित तहसीलदार से की. आरोप है कि जब तहसीलदार की ओर से भी कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई तो महिला सरपंच ने CM हेल्पलाइन का सहारा ले लिया.
सरकारी मशीनरी में मचा हड़कंप
जब ये पूरा मामला (Satna ration news) CM हेल्पलाइन तक जा पहुंचा तो फिर सरकारी मशीनरी में हड़कंप मच गया, इसी बीच फूड इंस्पेक्टर ब्रजेश पांडेय की प्रतिक्रिया इस मामले पर सामने आ गई. फूड इंस्पेक्टर ने जानकारी देते हुए कहा कि शुरुआती जांच में सामने आया कि समग्र पोर्टल से बलवंत सिंह का नाम हटाया गया था, लेकिन बलवंत सिंह का नाम राशन पोर्टल पर बरकरार रहा. बलवंत सिंह के परिवार के सदस्य उनके नाम पर अंगूठा लगाकर राशन ले रहे थे. बलवंत सिंह के परिवार के 8 सदस्यों के नाम पर राशन बांटा जा रहा था. बलवंत सिंह के नाम को राशन पोर्टल से हटाने की प्रक्रिया, इस मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद खाद्य विभाग की ओर से शुरु कर दी गई है. तो वहीं संबंधित तहसीलदार ने इस मामले मेंअनभिज्ञता ज़ाहिर की है. और कहा है कि इस मामले में फिलहाल नाम हटाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. इन सबके बीच साल 2017 में कागज़ों में मृत घोषित कर दिए गए शंकर आदिवासी को राशन न मिलने के मामले में भी फूड इंस्पेक्टर ने प्रतिक्रिया दी है. फूड इंस्पेक्टर ने कहा है कि कौन सा व्यक्ति पात्र है या अपात्र मतलब कि किसी व्यक्ति की पात्रता और अपात्रता से संबंधी जांच पंचायत स्तर पर होती है, ऐसे में इस मामले में भी कार्रवाई हो रही है, राशन मित्र पोर्टल के जरिए पंचायत सचिव को नाम विलोपन की प्रक्रिया पूरी करने की जिम्मेदारी दी गई है. शंकर आदिवासी का नाम भी जल्द अपडेट कर लिया जाएगा.

 
         
         
         
         
         
        