 
                                                      
                                                sambhal-violence-chargesheet-sit-samajwadi-mp
Sambhal Violence Chargesheet:संभल की पावन धरती, जहां कभी सांप्रदायिक सौहार्द की मिसालें कायम होती थीं, आज एक स्याह साजिश की साक्षी बन चुकी है। 24 नवंबर 2024 को Jama Masjid-Harihar Temple Survey के दौरान भड़की हिंसा ने न सिर्फ चार जिंदगियों को लील लिया, बल्कि संभल को दंगों की आग में झोंक दिया। SIT ने इस काले अध्याय की परतें उघाड़ते हुए 1100 पेज की चार्जशीट चंदौसी की MP-MLA कोर्ट में दाखिल की, जिसमें SP MP Ziaur Rahman Barq और Jama Masjid Sadar Jafar Ali समेत 23 आरोपियों पर संगीन इल्जाम लगाए गए हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात? SP MLA Iqbal Mahmood के बेटे Suhail Iqbal को क्लीन चिट!

संभल | संवाददाता: रामपाल सिंह
फोकस कीवर्ड: Sambhal Violence Chargesheet
Sambhal Violence Chargesheet: जब ‘हरिहर मंदिर’ पर चढ़ते कदमों से डर गई सियासत, और मस्जिद की छांव में छुप गए नेता!
संभल की मिट्टी ने बहुत कुछ देखा है, लेकिन 24 नवंबर 2024 की दोपहर उसने जो देखा — वो इतिहास नहीं, इंसाफ के नाम पर लिखा गया सियासी षड्यंत्र था। हरिहर मंदिर और जामा मस्जिद के बीच चल रहे सर्वे को जैसे ही कोर्ट की मुहर मिली — ईंट-पत्थर और गोलियों ने फैसला सुनाना शुरू कर दिया।
अब SIT ने 1100 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है — और इसमें सपा सांसद जियाउर्रहमान वर्क सीधे मुख्य आरोपी नंबर 1 हैं। जी हां, वही वर्क जो हर बार मंच से शांति की बात करते हैं, वो अब चार्जशीट के पन्नों में “मुख्य साजिशकर्ता” के रूप में दर्ज हैं।
🔥Sambhal Violence Chargesheet की सार: “मोबाइल कॉल से मस्जिद में भीड़, फिर मौत का तांडव!”

Sambhal Violence Chargesheet बताती है कि जामा मस्जिद के सदर एडवोकेट ज़फ़र अली, जिन्होंने सांसद वर्क से फोन पर बात कर भीड़ जुटाई और सर्वे टीम पर हमला करवाया। नतीजा?
चार निर्दोष मरे, पुलिसकर्मी अस्पतालों में गिरे, और शहर — सांप्रदायिक हिंसा की राख में तब्दील हो गया।
1100 पेज की चार्जशीट: सांसद बर्क की साजिश बेनकाब

SIT की जांच ने इस हिंसा की जड़ें खोद निकालीं। 1100 पेज की चार्जशीट में सनसनीखेज खुलासे हुए:
क्लीन चिट का कमाल: विधायक के बेटे पर आंच भी नहीं आई!

बात ये नहीं कि 92 आरोपी जेल में हैं। हैरानी ये है कि सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल — जिनपर भड़काऊ भाषण देने का आरोप था, SIT की जांच में दूध से धुले निकले!
वाह SIT! सवाल यही है —
“क्या हिंसा का स्क्रिप्ट सिर्फ एक नेता ने लिखा, और दूसरा सिर्फ तमाशा देख रहा था?”

12 केस, 1100 पेज, 23 आरोपित और एक सांसद की रातों की नींद गायब
नखासा और संभल कोतवाली में दर्ज 12 मुकदमों में से अब सिर्फ 23 चेहरे बचे हैं, जिनमें सबसे भारी नाम है — सपा सांसद वर्क।
SIT ने जो लिखा वो सीधा और साफ है:
“राजनीति ने धर्म की आड़ में हिंसा को हवा दी, और हिंसा ने कानून को चुनौती!”
अब वो नेता, जो हर बार संविधान की दुहाई देते हैं, खुद अब संविधान की सबसे कड़ी धाराओं के नीचे खड़े हैं।

जनता पूछ रही है: मंदिर के नाम पर गोलियां, मस्जिद के नाम पर चुप्पी — अब जवाब कौन देगा?
Sambhal Violence Chargesheet अब सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं, ये उस भीड़ की चीख है, जो सर्वे का सच छुपाने के लिए गढ़ी गई।
क्या अब संसद में बैठे लोग कोर्ट के कटघरे में खड़े होंगे?
क्या किसी मज़हब के नाम पर किया गया कत्ल माफ़ होगा?
क्या SIT की चार्जशीट से सत्ता की चूलें हिलेंगी?
Sambhal Violence Chargesheet:आगे क्या?
Sambhal Violence Chargesheet:संभल से सवाल: सियासत कब सुधरेगी?
और आख़िर में, कानून बोल रहा है – “वोटों की दुकान बंद, अब नंबर जेल का आएगा!”
Baghpat हो या Sambhal, अब जनता सिर्फ मंदिर-मस्जिद नहीं, इंसाफ़ चाहती है।
और वो इंसाफ़ अब कागज़ पर उतर चुका है —
नाम है: Sambhal Violence Chargesheet.

 
         
         
         
        