Sambhal Tazia Procession
Sambhal Tazia Procession ने साबित कर दिया कि कड़ाई से गाइडलाइन लागू हो तो न बिजली जाएगी, न शहर की नाक कटेगी। संभल में 343 ताजिया जुलूस, ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी, ड्रोन, CCTV और DM-SP की फौज — सबने मिलकर बिजली को कटने नहीं दिया। चलिए, इसे बदलाव की शुरुआत मानते हैं!
Sambhal Tazia Procession: जब ताजिया निकला और बिजली टिकी रही!
ये संभल है जनाब, यहाँ ताजिया जुलूस निकलना नई बात नहीं — लेकिन Sambhal Tazia में इस बार बिजली ने भी पहली बार लंबी तान के सोना नहीं चुना। पहले तो जैसे ही ताजिए निकले, ट्रांसफार्मर भी मातम मनाते थे — लाइन कट, सप्लाई बंद! पर इस बार DM साहब ने हाथ में ‘गाइडलाइन छड़ी’ उठाई, SP ने जुलूस की कमान संभाली — और बिजली लाइनें भी सलामत रहीं। दस फीट के ताजिए निकले, पर तार टस से मस नहीं हुए। वरना यहां तीन-चार दिन बिजली का रोना रहता था — इस बार बिजली ने भी कसम खा ली कि जुलूस को आंख नहीं दिखाएगी।
ड्रोन, CCTV और तगड़ी ट्रिपल सिक्योरिटी

Sambhal Tazia Procession में सिर्फ बिजली ही नहीं, प्रशासन भी पूरी मुस्तैदी में दिखा। 343 ताजिया जुलूस — वो भी ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी में! हर ताजिए के साथ एक नोडल अफसर — जैसे बाउंसर ताजिए की सुरक्षा में। ऊपर से ड्रोन उड़ा, CCTV लगा — किसी की खुराफात की कोई गुंजाइश नहीं। DM-SP खुद सड़कों पर चौकसी कर रहे थे, PAC-RRF की तैनाती ने साफ कर दिया कि इस बार कोई बवाल नहीं — बस शांति और मातम, जैसे गाइडलाइन में लिखा गया।
Sambhal Tazia Procession: जोन-सुपर जोन में बंटा था जुलूस
ताजिया जुलूस की ये ट्रिपल लेयर प्लानिंग मामूली नहीं थी। जोन, सुपर जोन, सेक्टर स्कीम — अफसरों की फौज सड़कों पर उतर आई। ताजिए बाक्स फॉर्मेशन में निकले — कोई भी भीड़ तितर-बितर नहीं। कर्बला तक जुलूस बेधड़क पहुँचा। जो पहले बिजली कटौती, जाम, हंगामा सबकी वजह से चर्चा में रहते थे — इस बार शांति से जुलूस निकला तो पूरे संभल ने राहत की सांस ली। शासन की गाइडलाइन इतनी सख्त थी कि इस बार अफसर भी बिजली विभाग पर बैठे थे — कि कहीं कोई चुपके से ‘लाइन ऑफ’ न कर दे।
Sambhal Tazia Procession: बदलाव की नई कहानी

पहले जहां लोग कहते थे कि संभल में ताजिए के साथ बिजली भी चली जाती है — अब के बाद ये कहानी बदलने वाली है। DM-SP ने दिखा दिया कि सिस्टम चाहे तो बिजली भी लाइन में रह सकती है। कर्बला के रास्ते में कहीं अंधेरा नहीं, हर गली रोशन — शिया समुदाय ने शांतिपूर्वक मातम मनाया। अब सवाल ये कि क्या यही नया सिस्टम हर साल चलेगा या फिर अगले साल बिजली फिर से जुलूस के साथ कर्बला पहुँच जाएगी?
DM-SP की चौकसी या किस्मत?
इस बार शांति से जुलूस निकल गया, बिजली बनी रही — ये DM-SP की चौकसी थी या किस्मत? ये तो पता नहीं, लेकिन इस बार संभल में मोहर्रम ने एक मिसाल ज़रूर बनाई कि सही प्लानिंग हो तो गड़बड़ी की कोई जगह नहीं। ड्रोन, CCTV, PAC, RRF — सबने मिलकर संभल को संभाल लिया। अब नगर निगम वालों को सबक लेना चाहिए — बिजली हो या पानी, प्रशासन सख्त हो तो व्यवस्था दुरुस्त रहती है। उम्मीद है अगली बार ताजिए के साथ बिजली भी साथ चलेगी — बिना कटौती के!
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: रामपाल सिंह
📍 लोकेशन: संभल, यूपी
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