
Sambhal Robbery- पांच बदमाशों ने दिया वारदात को अंजाम
🎬 Sambhal Robbery: 10 लाख की डकैती और पुलिसिया “Action Replay”
संवाददाता: रामपाल सिंह
संभल में बदमाशों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यूपी पुलिस भले ही वर्दी में हो, अलर्ट मोड में बिल्कुल नहीं है। चंदौसी कोतवाली इलाके में दिनदहाड़े हुई लूट (Sambhal Robbery) ने सुरक्षा व्यवस्था की ऐसी-तैसी कर दी। बाइक पर आए पांच बदमाश, फिल्मी स्टाइल में एक सर्राफा व्यापारी की पत्नी और देवर को लूटते हैं, तमंचा दिखाते हैं और मज़े से चंपत हो जाते हैं।
अब सोचिए, जब चंदौसी जैसे इलाके में, जहां पुलिसिया चौकसी की इतनी दुहाई दी जाती है, वहां पांच बदमाश दिनदहाड़े तमंचा लहराकर 10 लाख के जेवर और 50 हजार की नगदी लेकर हवा हो जाएं, तो पुलिस को ‘छुट्टी पर’ ही मान लेना चाहिए।
Sambhal Robbery: CCTV के भरोसे खड़ी व्यवस्था!
घटना के बाद व्यापारी परिवार जैसे-तैसे पुलिस चौकी और कोतवाली पहुंचे। रिपोर्ट दर्ज हुई, और फिर वही पुराना प्ले-रीप्ले – “जांच जारी है”, “CCTV खंगाल रहे हैं”, “जल्द होगी गिरफ्तारी”। यानी पुलिस के पास न एक्शन है, न टाइमिंग, सिर्फ स्क्रिप्ट तैयार है।
पीड़ित अनुज रस्तोगी ने बताया कि बदमाशों ने धमका कर चाबी फेंक दी, गाली दी, और बैग लेकर भाग निकले। पर पुलिस के लिए ये कोई नई बात नहीं, वो तो अब “मशीन” हो गई है – जब तक कोई बड़ा VIP न बोले, तब तक साइलेंट मोड जारी है।
Sambhal Robbery: बदमाशों के लिए खुली छूट, जनता के लिए सूट सूट!
Sambhal Robbery सिर्फ एक लूट नहीं, ये एक ट्रेलर है उस सिस्टम का जिसमें बदमाशों को ज़्यादा फ्रीडम है और जनता को सिर्फ FIR की रसीद मिलती है।
पूछिए पुलिस से – गश्त कहाँ थी? इंटेलिजेंस क्यों फेल हुई? जवाब आएगा – “हम सक्रिय हैं”। सक्रिय हैं तो कहां हैं? क्या सिर्फ सोशल मीडिया पर प्रेस रिलीज़ डालने में या X पर अपनी पक्ष रखने में?
Sambhal की जनता अब भगवान भरोसे
इस लूट ने दिखा दिया कि संभल में अब कानून का राज खत्म होता जा रहा है। व्यापारी डर के साये में जी रहे हैं, और पुलिस—वो बस “जल्द खुलासा” की माला जप रही है।
इस बार लूट सर्राफा व्यापारी की थी, अगली बार कौन? जनता पूछ रही है – क्या पुलिस सिर्फ ब्रीफिंग और बयान देने की मशीन बनकर रह गई है?
कानून सो गया, बदमाश दौड़ गए
10 लाख की लूट हो गई, बदमाश निकल गए, और पुलिस… अभी भी Wi-Fi सिग्नल ढूंढ रही है CCTV फुटेज के लिए। यही है उत्तर प्रदेश की “एक्शन वाली” पुलिस!
व्यापारियों का सब्र अब जवाब दे रहा है। कानून की रक्षा की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर थी, वे अब CCTV फुटेज तक सीमित हो गए हैं। Sambhal Robbery ने साफ दिखा दिया — पुलिसिया कार्रवाई नहीं, अब चुटकी बजाने जैसा भरोसा चाहिए… लेकिन अफ़सोस, वो भी नदारद है।
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