संभल हिंसा में फेंके गए पत्थरों से बनी पुलिस-चौकी… सांसद बर्क के घर से 100 मीटर दूर हो रहा दीपा सराय और हिंदूपुरा खेड़ा में चौकी का निर्माण
Sambhal : UP के संभल में पिछले साल हिंसा भड़की थी… उस दौरान दंगाइयों की ओर से फेंके गए पत्थर अब इलाके में सुरक्षा व्यवस्था की नई पहचान बनकर खड़े हो गए हैं. नखासा थाना क्षेत्र के दीपा सराय इलाके में मुस्लिम आबादी के बीच बनी नई पुलिस चौकी उन्ही पत्थरों से तैयार की गई है. स्थानीय पुलिस प्रशासन ने हिंसा में इस्तेमाल हुए पत्थरों को Law & Order की मजबूती का प्रतीक बनाते हुए चौकी निर्माण में इस्तेमाल कर लिया. अब ये चौकी उद्घाटन के लिए पूरी तरह तैयार है.
योगी हैं तो मुमकिन है…

हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ये काम कोई और नहीं कर सकता था… क्योंकि दंगाइयों के फेंके पत्थरों से बनी चौकी का उद्घाटन वैदिक मंत्रोच्चारण, हवन-पूजन और दुर्गा सप्तशती पाठ के बीच किया जाएगा. ये चौकी उस जगह से लगभग 300 मीटर दूरी पर बनी है, जहां दुबई में बैठे Sambhal हिंसा के Mastermind शारिक साठा का घर है. हिंसा के बाद से पुलिस प्रशासन लगातार इलाके में शांति और सुरक्षा बहाली के लिए मजबूती से कदम उठा रहा है. इसी दिशा में ये पुलिस चौकी एक मील का पत्थर साबित होगी.
संभल पुलिस ने पूरा किया वचन

आपको याद होगा Sambhal हिंसा के बाद SP KK Bishnoi ने कहा था कि दंगाइयों द्वारा फेंके गए पत्थरों को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा. SP ने कहा था कि इन्हीं पत्थरों से पुलिस चौकियां बनाई जाएंगी, ताकि हिंसा के अवशेष भविष्य के लिए एक संदेश बन जाएं और भविष्य में कानून से खिलवाड़ की कोई कोशिश न कर सके. अब यह घोषणा जमीन पर उतर कर वास्तविक्ता का रूप ले चुकी है और चौकी का निर्माण काम पूरा हो चुका है. दीपा सराय चौक पर बनाई गई ये चौकी मुस्लिम आबादी के केंद्र में स्थित है. स्थानीय लोगों के बीच इसे लेकर मिली जुली प्रतिक्रियाएं हैं. प्रशासन का दावा है कि पुलिस चौकी से इलाके में सुरक्षा, निगरानी और कानून-व्यवस्था बेहतर होगी.
19 नवंबर को भड़की थी हिंसा

आपको बता दें कि पिछले साल 19 नवंबर को हिंदू पक्ष की ओर से Civil Senior Division Court, Chandausi में दावा किया गया था कि संभल की शाही जामा मस्जिद असल में श्री हरिहर मंदिर है. 19 नवंबर की शाम को मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ था. जबकि दूसरे चरण का सर्वे 24 नवंबर को हुआ था. मस्जिद में चल रहे सर्वे के दौरान खास समुदाए के हजारों लोगों ने इकट्ठा होकर पुलिस पर पथराव-फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें चार मौतें हुई थी. उग्र भीड़ ने दर्जनों गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया था. वहीं पुलिस की तरफ से हत्या के दो आरोपी और तीन महिलाओं समेत कुल 79 उपद्रवियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. उनमें से किसी की जमानत अभी नहीं हो पाई है. हां… सबूतों के अभाव में एक महिला को ज़रूर कोर्ट ने बरी कर दिया था.
