 
                  यूपी के संभल में श्री कल्कि जयंती अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन… डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और आचार्य प्रमोद कृष्णम नें की पूजा-अर्चना. विशाल भंडारे का भी आयोजन.
रिपोर्ट – रामपाल सिंह, संभल
Sambhal : उत्तर प्रदेश के Deputy CM Brajesh Pathak ने बुधवार 30 जुलाई को Sambhal के ऐंचोड़ा कंबोह स्थित श्री कल्कि धाम में श्री कल्कि जयंती के अवसर पर पूजा-अर्चना की और शिलादान किया… इस दौरान उन्होंने कहा कि कलयुग के अंत में भगवान विष्णु का दसवां अवतार, भगवान कल्कि के रूप में संभल की पवित्र धरती पर होगा. उन्होंने श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम की भूरी-भूरी प्रशंसा की जिन्होंने इस भव्य मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया और इसे पूरा करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. पाठक ने कहा कि कल्कि धाम न केवल भारत बल्कि विश्व भर में धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध होगा.
कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी

- पूजा और शिलादान – बृजेश पाठक दोपहर 1:30 बजे मुरादाबाद से कार द्वारा ऐंचोड़ा कंबोह पहुंचे और 2:30 बजे तक श्री कल्कि धाम में धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए. उन्होंने गर्भगृह में दर्शन किए, श्री कल्कि प्राकट्य महायज्ञ में आहुतियां दीं और शिलादान किया.
- कल्कि जयंती उत्सव – सुबह 8:00 बजे से श्री कल्कि प्राकट्य महायज्ञ शुरू हुआ, जिसकी पूर्णाहुति 9:30 बजे आचार्य प्रमोद कृष्णम के नेतृत्व में हुई. इसके बाद 10 बजे से भगवान कल्कि की सामूहिक स्तुति और संकीर्तन हुआ जिसमें देश भर से आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. विशाल भंडारे का भी आयोजन भी किया गया.
बृजेश पाठक का बयान

डिप्टी सीएम ने कहा, “श्री कल्कि धाम साधारण मंदिर नहीं है. यह वो पवित्र स्थल है जहां कलयुग के अंत में भगवान विष्णु का कल्कि अवतार प्रकट होगा. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इस भव्य मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया और इसे पूरा करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. मैं प्रार्थना करता हूं कि यह निर्माण कार्य समय पर और निर्बाध रूप से पूरा हो”. उन्होंने ये भी कहा कि यह मंदिर वैश्विक स्तर पर सनातन धर्म का प्रतीक बनेगा.
मंदिर की विशेषताएं

- श्री कल्कि धाम 5 एकड़ के विशाल परिसर में बन रहा है, जिसका शिखर 108 फीट ऊंचा होगा और आधार 11 फीट ऊंचे चबूतरे पर होगा.
- मंदिर में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के लिए 10 गर्भगृह होंगे और 68 तीर्थ स्थापित किए जाएंगे.
- निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों का उपयोग हो रहा है जो अयोध्या के राम मंदिर और सोमनाथ मंदिर में भी इस्तेमाल हुए हैं. स्टील या लोहे का उपयोग नहीं होगा.
- मंदिर का निर्माण कार्य 2029 तक पूरा होने की उम्मीद है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा.

 
         
         
        