 
                  यूपी के संभल में जामा मस्जिद के सदर जफर अली पर केस दर्ज… साथ ही 50-60 समर्थकों पर भी जुलूस निकालने का केस दर्ज. माहौल तनावपूर्ण.
संवाददाता – रामपाल सिंह, संभल
Sambhal : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद प्रबंध समिति के अध्यक्ष Zafar Ali और उनके 50-60 अज्ञात समर्थकों के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई जफर अली की जेल से रिहाई के बाद मुरादाबाद से संभल तक 42 किलोमीटर लंबा जुलूस निकालने और आतिशबाजी करने के आरोप में की गई है.
क्या है पूरा मामला?

जफर अली को 24 नवंबर 2024 को संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़काने और भीड़ इकट्ठा करने के आरोप में 23 मार्च 2025 को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें मुरादाबाद जेल भेजा गया था, जहां वे 131 दिन तक बंद रहे. इलाहाबाद हाईकोर्ट से 24 जुलाई 2025 को जमानत मिलने के बाद चंदौसी की MP/MLA Court ने 31 जुलाई को उनकी जमानत याचिका मंजूर की जिसके बाद 1 अगस्त 2025 को उनकी रिहाई हुई.
जुलूस को लेकर क्यों हुआ विवाद?
1 अगस्त को जफर अली के मुरादाबाद जेल से रिहा होने पर समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया… मुरादाबाद से संभल तक करीब 42 किलोमीटर लंबा काफिला निकाला गया जिसमें सैकड़ों समर्थक शामिल हुए. इस दौरान जगह-जगह फूल-मालाओं से स्वागत, नारेबाजी और आतिशबाजी की गई. संभल की अनारो वाली मस्जिद और चौधरी सराय चौकी के पास भीड़ ने जमकर नारेबाजी की. यह जुलूस संभल में धारा 163 BNS के तहत सार्वजनिक जमावड़े और जुलूस पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन करता था क्योंकि जिला प्रशासन ने 1 जुलाई से 31 अगस्त तक जिले को अति संवेदनशील घोषित कर निषेधाज्ञा लागू की थी.
पुलिस ने लिया एक्शन

सत्यव्रत पुलिस चौकी के प्रभारी आशीष तोमर की तहरीर पर संभल कोतवाली में जफर अली, अधिवक्ता सरफराज, ताहिर, हैदर और 50-60 अज्ञात समर्थकों के खिलाफ BNS की धारा 163 के तहत मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने जुलूस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की है. कोतवाली प्रभारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि प्राथमिक जांच में तीन अधिवक्ताओं – सरफराज, ताहिर और हैदर को जुलूस में प्रमुख रूप से शामिल पाया गया था.
संभल हिंसा और जफर अली का मामला
24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी, जिसमें चार लोगों की मौत हुई और 30 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए. यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर हुआ था जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद का स्थल प्राचीन हरिहर मंदिर का है. जफर अली पर भीड़ को भड़काने और हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगा था जिसके बाद उनके खिलाफ BNS की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. 23 मार्च 2025 को गिरफ्तारी के बाद जफर ने दावा किया कि उन्हें पुलिस की गोलीबारी की सच्चाई उजागर करने के कारण फंसाया गया. उनके भाई ताहिर अली ने भी प्रशासन पर जफर को जानबूझकर जेल भेजने और जांच आयोग में बयान देने से रोकने का आरोप लगाया था.
संभल के मौजूदा हालात

जफर अली की रिहाई के बाद संभल में एक बार फिर से तनावपूर्ण माहौल है… पुलिस ने सुरक्षा के लिए फ्लैग मार्च किया और कोतवाली क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात है. जुलूस के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका को देखते हुए प्रशासन सतर्क है.

 
         
         
        