 
                  Sambhal Illegal Mining–संभल के चंदौसी में अवैध खनन का धंधा खेतों को खा रहा है — और अफसर साहब के कान पर जूं तक नहीं रेंगती।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लाख मीटिंग कर लें, खनन विभाग में शिवम कुमार जैसे ‘जागरूक’ अफसर रहेंगे, तो माफिया को डर किस बात का?खनन का धंधा चलेगा, नोट छपेंगे, खेत उजड़ेंगे — और विभाग सोता रहेगा।
संभल में खनन माफियाओं का जलसा: खनन अधिकारी की कुंभकरणी नींद!

साहब की नींद: कोई डिस्टर्ब ना करे!
खनन निरीक्षक शिवम कुमार साहब इतने ‘बीजी’ रहते हैं कि माफिया भले खेत का सीना चीर दें, मगर फोन उठाना उनके शान के खिलाफ़ है।
पत्रकार बेचारा घंटों फोन मिलाता रहे — साहब की नींद खुलती ही नहीं!
जब बड़ी मुश्किल से फोन उठता है तो जवाब आता है — “सब बंद है जी!”
अब बंद क्या है? साइड? आँख? ईमान? या फोन?
ये सिर्फ साहब ही जानें।
🚜 खनन महोत्सव: जेसीबी-डंपर का कारनामा Sambhal Illegal Mining

इधर खेत में जेसीबी, डंपर, लोडर, ट्रैक्टर — जैसे बारात निकल रही हो।
दिन में गड्ढे — रात में नोट।
किसानों की उपजाऊ जमीन ‘तालाब’ में बदल रही — और विभागीय अफसर फ़ाइल के पन्ने पलटते-पलटते उबासी ले रहे।
🚜Sambhal Illegal Mining : जेसीबी नहीं, नोट छाप मशीन!

चंदौसी की मिट्टी अब मिट्टी नहीं — सीधे नोट उगलती खदान है!
सुबह होते ही खेतों में जेसीबी की घरघराहट शुरू — लगता है जैसे किसान हल चला रहे हों, पर असल में नोटों की फसल काटी जा रही है।
डंपर और लोडर ऐसे दौड़ते हैं जैसे VIP गाड़ी।
 सरकार चाहे लाख रोके, माफिया साहब और खनन निरीक्षक के आशीर्वाद से अवैध खनन धड़ल्ले से चलेगा!
बारिश में कब्र, अफसरों के लिए चाय Sambhal Illegal Mining

किसानों के खेत जब बंजर गड्ढों में बदलेंगे — बारिश में तालाब बनेंगे — बच्चे खेलेंगे और फिर डूबेंगे, तब अफसर साहब जागेंगे।
कुंभकरण वाले अंदाज में हर बार — “जांच बिठा दी गई है!”
माफिया पर हाथ? जी नहीं! फाइल इधर से उधर — उधर से इधर।
आखिरकार वही रिपोर्ट, वही बहाना — “दोषी मिले तो कार्रवाई होगी!”
लेकिन दोषी कौन? अरे भैया, दोषी को चाय पिलाकर वही निरीक्षक साहब खुद रिपोर्ट लिखते हैं!
और फिर से नए गड्ढे खोदने की तैयारी…
मिट्टी खनन का कानून: नियम तो हैं, पर साहब की नींद भारी!
उत्तर प्रदेश में मिट्टी खनन को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली, 1963 और माइंस एंड मिनरल्स (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट, 1957 (MMDR Act) लागू हैं। योगी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए कुछ छूट दी है, लेकिन माफियाओं ने इसे लूट का लाइसेंस बना लिया। नियमों के मुताबिक:
किसानों के लिए छूट: किसान अपने खेत से निजी उपयोग (जैसे खेती, तालाब निर्माण) के लिए 100 घन मीटर (लगभग 33-35 ट्रैक्टर-ट्रॉली) तक मिट्टी खनन कर सकते हैं, बशर्ते वे माइन मित्रा पोर्टल (upminemitra.in) पर रजिस्ट्रेशन करें। इसके लिए कोई रॉयल्टी या परमिट की जरूरत नहीं है, और 2 मीटर गहराई तक खनन को ‘खनन’ नहीं माना जाता।
वाणिज्यिक खनन: अगर मिट्टी का खनन व्यावसायिक उद्देश्य (जैसे ईंट भट्टों, कॉलोनियों, या बिक्री) के लिए हो, तो खनन विभाग से लाइसेंस जरूरी है। बिना लाइसेंस के यह अवैध है, और MMDR एक्ट की धारा 21(5) के तहत 5 साल की सजा या 5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर जुर्माना हो सकता है।
पर्यावरण नियम: खनन से पर्यावरणीय क्षति (जैसे मिट्टी की उर्वरता नष्ट होना, गड्ढों से हादसे) रोकने के लिए पर्यावरण मंजूरी जरूरी है। गहरे गड्ढे खोदना, उपजाऊ जमीन को नष्ट करना, या बिना अनुमति के परिवहन अवैध है।
असली विकास रोके, शिवम कुमार जैसे अफसर!
ये कहना गलत नहीं होगा कि सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में माफियाओं पर बुलडोज़र चला-चला कर रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं। रेत से लेकर राशन तक — माफिया का धंधा ठप करने की कसमें खा रहे हैं। लेकिन अफसोस! ऐसी मुहिम में शिवम कुमार जैसे खनन निरीक्षक चुपचाप कुर्सी पर बैठकर पूरी ईमानदारी को पलीता लगा देते हैं। सरकारी आदेश, सीएम के निर्देश, खेतों की मिट्टी — सब कुछ जेसीबी के पंजों के नीचे।
अवैध खनन की श्रेणी: माफिया का ‘खुला खेल फर्रुखाबादी’
अवैध खनन की श्रेणी में वे सारी गतिविधियां आती हैं, जो बिना लाइसेंस, बिना पर्यावरण मंजूरी, या तय मानकों से ज्यादा गहराई तक खनन करती हैं। संभल के चंदौसी में माफिया ने इन नियमों का सूपड़ा साफ कर दिया है:
छवि पर बट्टा, जेसीबी में कट्टा! Sambhal Illegal Mining
आज संभल का चंदौसी इलाका इस बात का गवाह है कि मुख्यमंत्री योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सबसे बड़ा धब्बा खुद विभाग के अफसर हैं। खनन निरीक्षक शिवम कुमार जैसे अधिकारी अगर यूं ही माफियाओं की चाय पर हाथ सेंकते रहे तो ‘बुलडोजर बाबा’ की मेहनत भी मिट्टी हो जाएगी। जनता सरकार से उम्मीद लगाए बैठी है — अब देखना है कब ये खनन माफिया और इनके सरकारी रिश्तेदारों पर भी बुलडोज़र गरजता है!

 
         
         
         
         
         
        