Russia-Ukraine war की आग अभी नहीं होगी शांत।तुर्की में हुई शांति वार्ता नाकाम।बड़ा सवाल, डोनाल्ड ट्रंप के दावे का क्या?

Russia-Ukraine war:जिस जंग के खत्म होने का सालों से इंतजार हो रहा है। जिस जंग ने न जाने कितनी जिंदगियों की जीवन लीला समाप्त कर दी। उस जंग के एक बार फिर खत्म होने के आसार खत्म हो गए हैं। क्योंकि Russia-Ukraine के बीच हुई शांति वार्ता नाकाम हो गई है। तीन साल में ये पहली बार था,जब दोनों देश शांति के टेबल पर आमने-सामने बैठे थे।अब दुनिया की नजरें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर टिकी है। जिन्होंने जंग खत्म कराने को लेकर बड़े-बड़े दावे किये थे।

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Russia-Ukraine के बीच शांति वार्ता बेनतीजा

इस्तांबुल: तीन साल बाद पहली बार ऐसा लग रहा था, मानो Russia-Ukraine के जंग की आग अब शांत होने की तैयारी कर रही है। सारी दुनिया की निगाह दोनों देशों के बीच इस्तांबुल में होने वाली बैठक पर लगी थी। सब यही देखना चाह रहे थे कि, इस वार्ता का क्या नतीजा निकलता है। लेकिन जब इस बैठक के बेनतीजा होने की खबर आई तो, सारी दुनिया को निराशा हुई। यूक्रेन के अधिकारियों ने रूस पर वार्ता को विफल करने का आरोप लगाया है।

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Russia-Ukraine जंग को समाप्त कराने को लेकर शांति वार्ता

दो घंटे भी नहीं चल पाई Russia-Ukraine की बैठक

कहने को तो Russia-Ukraine शांति स्थापित करने के लिए इस्तांबुल में जुटे थे,लेकिन बैठक कितनी शांतिपूर्ण और सार्थक रही, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि, दो घंटे से भी कम समय में बैठक खत्म हो गई। यूक्रेनी अधिकारियों का कहना था कि,रूस ने जो प्रस्ताव शांति वार्ता के दौरान रखा,वो कहीं से भी स्वीकार योग्य नहीं था। लिहाजा बैठक बेनतीज ही समाप्त हो गई। यूक्रेन ने कहा कि, ‘रूस उन क्षेत्रों से भी यूक्रेन के सैनिकों को वापस जाने के लिए कह रहा है, जहां हमारा नियंत्रण है’। ये कैसे संभव हो सकता है।

तुर्की जैसा देश क्या शांति करा पाएगा?

हालांकि जानकारों का पहले ही मानना था कि, एक बार की वार्ता में बात बन जाए,ये संभव नहीं है।वैसे भी अगर तुर्की जैसा देश जो आतंकवाद को पालने वाले पाकिस्तान के साथ खड़ा रहता है। उस देश में शांति वार्ता हो और तुर्की उसकी मध्यस्थता करे, तो बात का नतीजे तक पहुंचना वैसे भी संभव नही है। जो देश जंग को बढ़ावा देता हो, उससे जंग को समाप्त कराने की उम्मीद भी बेमानी है। 

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Russia-Ukraine के बीच तीन साल से चल रहा है युद्ध

तीन साल से धधक रही है युद्द की आग

Russia-Ukraine की जंग पिछले तीन सालों से लगातार चल रही है। बीच में कभी कभार कुछ दिनों के लिए रूस युद्ध विराम का ऐलान कर देता है। लेकिन युद्ध की ज्वाला पूरी तरह अभी तक शांत नहीं हुई है। न जाने कितने मासूम इस जंग की बलि चढ़ चुके हैं। न जाने कितने परिवारों का आज कोई नाम लेवा नहीं है। न जाने कितने माताओं की गोद उजड़ चुकी है। और न जाने कितने बच्चों के सिर से बाप का साया उठ चुका है। बावजूद इसके जंग की ये विनाश लीला खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।

जंग खत्म कराने की हो चुकी है कई कोशिशें

हालांकि Russia-Ukraine के बीच शांति कायम कराने की कई कोशिशें की जा चुकी हैं, लेकिन सब के सब नाकाम साबित हुईं। भारत खुद भी दोनों देशों से बुद्ध की राह पर चलने की अपील कर चुका है। कई बार Russia-Ukraine से बात कर चुका है,लेकिन नतीजा सिफर का सिफर ही रहा है। दोनों ही देश अपनी-अपनी मांग को जायज बता रहे हैं। और उससे पीछे हटने को तैयार नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। सारा मामला यहीं फंस रहा है।

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Russia-Ukraine जंग खत्म कराने की ट्रंप ने कही थी बात

डोनाल्ड ट्रंप के दावे का क्या हुआ?

सबसे बड़ा सवाल यहां उठता है कि, डोनाल्ड ट्र्ंप के उस दावे का क्या हुआ,जिसमें उन्होंने Russia-Ukraine जंग को समाप्त कराने का ऐलान किया था। अब जब Russia-Ukraine के बीच शांति वार्ता बेनतीजा समाप्त हो गई है,तो अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप  का अगला कदम क्या होगा। क्या एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों को शांति की टेबल पर लाने की कोशिश करेंगे। अगर हां तो फिर वो ऐसा क्या करेंगे, जिससे कि, युद्ध सदा के लिए समाप्त हो जाए। 

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