 
                  Aryan Khan की सीरीज से नाराज समीर वानखेड़े ने Shahrukh Khan की कंपनी को कोर्ट में घसीटा
आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह है, Aryan Khan की नेटफ्लिक्स सीरीज ‘The Ba*ds of Bollywood’**। इस सीरीज में अपने जैसे किरदार के नकारात्मक चित्रण से नाराज वानखेड़े ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। उन्होंने Shahrukh Khan , गौरी खान, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट, नेटफ्लिक्स इंडिया और अन्य पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है।
क्या हैं समीर वानखेड़े के आरोप?
वानखेड़े का कहना है कि इस सीरीज में एक ऐसा किरदार दिखाया गया है, जो हूबहू उनकी छवि को दर्शाता है। उनके मुताबिक, उस किरदार को जानबूझकर भ्रष्ट, पक्षपाती और असंवेदनशील अधिकारी के रूप में दिखाया गया है, जिससे उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। उनके वकील जतिन पाराशर ने बताया कि इस शो के कारण वानखेड़े और उनके परिवार को सोशल मीडिया पर गालियों और अपमानजनक टिप्पणियों का सामना करना पड़ रहा है।

अदालत में क्या मांग रखी गई?
समीर वानखेड़े ने दिल्ली हाईकोर्ट में दर्ज याचिका में निम्नलिखित प्रमुख मांगें की हैं:
- सीरीज से आपत्तिजनक हिस्से को हटाया जाए
- संबंधित पक्षों के खिलाफ स्थायी और अनिवार्य निषेधाज्ञा लगाई जाए
- 2 करोड़ रुपये का हर्जाना दिलाया जाए, जिसे वानखेड़े ने टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल को दान करने की बात कही है
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‘सत्यमेव जयते’ पर आपत्तिजनक दृश्य भी विवाद में
वानखेड़े की याचिका में ये भी उल्लेख किया गया है कि सीरीज के एक दृश्य में जब एक पात्र ‘सत्यमेव जयते’ कहता है, तो जवाब में उसे मिडल फिंगर दिखाकर अश्लील इशारा किया जाता है। वानखेड़े के अनुसार, ये राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान है और राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 का सीधा उल्लंघन है। इसके लिए भी उन्होंने कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

कानूनों का उल्लंघन
सीरीज के खिलाफ समीर वानखेड़े ने कई कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाया है, जिनमें शामिल हैं:
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act)
- भारतीय न्याय संहिता (BNS)
- राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971
उनका कहना है कि सीरीज में अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट का इस्तेमाल कर समाज में भ्रम फैलाने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बदनाम करने का प्रयास किया गया है।
क्या है अगला कदम?
इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की पीठ इस याचिका पर विचार करेगी। देखना ये होगा कि कोर्ट क्या निर्देश देता है और क्या सीरीज के विवादित हिस्सों को हटाने का आदेश दिया जाएगा।
क्या Aryan Khan से गलती हो गई ?
इस पूरे विवाद से एक बार फिर ये बहस तेज हो गई है कि रचनात्मक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा के अधिकार में संतुलन कैसे बनाया जाए। क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली सामग्री की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए? क्या कोई व्यक्ति अपने जैसे दिखाए गए काल्पनिक पात्र पर भी कानूनी कार्रवाई कर सकता है? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में अदालत की सुनवाई के बाद और स्पष्ट होंगे।
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