
Rohtak Ki Ladki Banegi Jain Sadhvi. संसार की मोह माया त्याग कर आध्यात्मिक यात्रा पर निकलेंगी रोहतक की 18 वर्षीय Labdhi Jain
Rohtak : हरियाणा के रोहतक की रहने वाली लब्धि जैन धर्म के मार्ग पर चल पड़ी हैं और जल्द ही सांसारिक मोह माया त्याग कर Jain Sadhvi बन जाएंगी. शहर की जनता कॉलोनी में रहने वाले विवेक जैन के घर पर लब्धि जैन की केसर रस्म अदा की गई… विवेक और उनकी पत्नी अंकिता जैन लब्धि जैन के धर्म माता-पिता बने. इस खास मौके पर लब्धि की मां सेजल और पिता जय प्रकाश भी मौजूद रहे. बेटी की केसर रस्म के दौरान मां ने खुद अपनी बेटी को तैयार किया. सेजल ने कहा कि हमें इस बात पर गर्व है कि हमारी बेटी धर्म के मार्ग पर चल पड़ी है. लब्धि अपनी बड़ी बहन ज्योतिष मार्तण्ड साध्वी डॉ. महाप्रज्ञ के पद चिन्हों पर चल पड़ी हैं. बुधवार को हुई केसर रस्म के बाद 4 जून को मेहंदी रस्म प्रतियोगिता के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. और 5 जून को भव्या दीक्षा महोत्सव, रस्म तिलक और भव्य कलश के साथ शोभा यात्रा निकाली जाएगी.
वो हमारी बेटी नहीं बल्कि भगवान का रूप होगी – सेजल

साध्वी बनने के मार्ग पर चल पड़ीं लब्धि की मां सेजल ने कहा कि बेटी धर्म के मार्ग पर चल रही है और मोक्ष की प्राप्ति के लिए उसने कदम बढ़ाया है. हमें खुशी है कि वह अपनी बड़ी बहन जैसा काम कर रही है. साध्वी बनने के बाद वो हमारी बेटी नहीं बल्कि भगवान का रूप होगी. सेजल ने कहा 2010 में जब बड़ी बेटी जैन साध्वी बनी थी तब उनसे 15 सालों में कई बार मिलना हुआ. हालांकि साध्वी बनने के बाद वो हमारी बेटी नहीं भगवान का रूप होती हैं. हम उनसे आशीर्वाद लेते हैं. बेटी की इच्छा के बारे में बताते हुए सेजल कहती हैं कि बेटी तो बचपन से यही चाहती थी. केसर रस्म के दौरान भी लब्धि बोल रही थी कि इस पल का उसे बचपन से इंतजार था… ज़िंदगी भर के इंतज़ार के बाद आखिर वो समय आ ही गया है.
हमें लब्धि जैन के धर्म पिता बनने पर गर्व है – विवेक जैन

वहीं लब्धि जैन के धर्म के माता-पिता बने विवेक और अंकिता जैन ने कहा कि धर्म के मार्ग पर चलना इतना आसान काम नहीं है. हमारे लिए ये गर्व की बात है कि हम साध्वी बनने जा रही लब्धि जैन के माता-पिता बने. अंकिता जैन ने बताया कि केसर रस्म में लब्धि जैन ने पूरे घर में केसर का छिड़काव किया है. घर में जहां भी केसर के निशान हैं उसे कभी धोया नहीं जाएगा. कपड़ों को भी संभाल कर रखा जाएगा. जब भी कोई जैन साध्वी बनती है तो वो ये रस्म अपनी जिंदगी में एक ही बार करती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें लब्धि जैन का भरा पूरा परिवार है. मूल रूप से वह Sonipat की रहने वाली हैं. उनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन नाते रिश्तेदार सब हैं. लेकिन सध्वी बनना उनका बचपन का सपना था. इसीलिए 5 जून के समारोह में डॉ. शिव मुनि से आशीर्वाद लेने के बाद लब्धि साध्वी बनने के साथ ही सांसारिक मोह माया त्याग कर आध्यात्मिक यात्रा पर चल पड़ेंगी.
संस्कार और सम्मान दोनों भारत में आज भी उपस्थित है।
[…] Rohtak के गांधरा गांव में जन्में दिनेश किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता किसान हैं और मां गृहिणी हैं. दिनेश को बचपन से ही कुश्ती का शौक था. पिता उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे. चाचा सुनील मलिक से प्रेरणा लेकर उन्होंने पहलवानी के अखाड़े में अपना पहला कदम रखा था और 10 साल की उम्र में कुश्ती शुरू कर दी थी. रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से BA की पढ़ाई करने वाले दिनेश कुश्ती के खिलाड़ी है. उन्होंने 19वीं मिलिट्री चैंपियनशिप में 97kg भार वर्ग में भाग लिया था और अपने कॉम्पिटीटर पहलवान को हराकर चैंपियनशिप जीती थी. इससे पहले वे नेश्नल और इंटरनेश्नल कुश्ती प्रतियोगिताओं में भी हरियाणा के लिए ब्रॉन्ज़ मेडल जीत चुके हैं. इसी के चलते खेल कोटे से साल 2018 में दिनेश मलिक BSF में भर्ती हुए थे. इस दौरान उनकी कई जगह पोस्टिंग हुई… फिलहाल जवान की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के सांबा बॉर्डर पर है जहां वे देश की सेवा कर रहे हैं. दिनेश का कहना है कि बुलंद हौसलों वाली हमारी Indian Army जैसी दुनिया में कोई सेना नहीं है. […]