‘चप्पल कांड’ के बाद Rohini Acharya का बड़ा बयान: “मैं सिर्फ भाई से अलग हुई हूं, परिवार से नहीं”
लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने हाल ही में हुए विवाद के बाद बड़ा बयान देकर राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा खड़ी कर दी है। ‘चप्पल कांड’ के बाद रोहिणी ने साफ कहा है कि वे सिर्फ अपने भाई से अलग हुई हैं, लेकिन अपने माता-पिता और परिवार से उनका रिश्ता हमेशा की तरह बना हुआ है।
मीडिया से बातचीत में Rohini Acharya का दर्द छलका
रोहिणी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जो कुछ भी कहना था, वो उन्होंने अपने फेसबुक और ट्विटर पर पहले ही लिख दिया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि “चप्पल किसने चलाया, ये तेजस्वी, संजय यादव और रमीज से पूछिए।”
रोहिणी ने कहा कि इस घटना के कारण उनके माता-पिता भी बेहद दुखी हैं।
उन्होंने भावुक होते हुए कहा—
“भगवान न करे किसी घर में मेरे जैसी बहन-बेटी हो। मैं सिर्फ भाई से अलग हुई हूं, माता-पिता से नहीं।”
ससुराल में भी माहौल खराब — ‘मेरी सास भी रो रही थीं’
रोहिणी ने बताया कि वो अपने ससुराल मुंबई जा रही हैं और वहां भी इस विवाद का असर दिखा है।
उन्होंने कहा—
“ये सब देखकर मेरी सास भी कल से रो रही हैं। मैं सच बोलती हूं, आप जाकर जांच कर लीजिए। क्या सारी कुर्बानी बेटी ही दे?”
रोहिणी ने कहा कि उनके माता-पिता उनके साथ खड़े हैं और वे फिलहाल अपने ससुराल लौट रही हैं।
राजनीति छोड़ने का ऐलान और परिवार से दूरी की बात
रोहिणी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने की बात कही थी।
उन्होंने तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले संजय यादव और रमीज का नाम लेते हुए आरोप लगाए थे कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।
उन्होंने लिखा था कि—
“एक बेटी, एक बहन, एक मां को जलील किया गया, गालियां दी गईं, मारने के लिए चप्पल उठाया गया। मैंने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया।”
“मुझे गालियां दे कर कहा गया कि मैंने पिता को गंदी किडनी लगाई”
एक अन्य पोस्ट में रोहिणी ने बताया कि उन्हें अपमानजनक बातें सुनाई गईं।
उन्होंने लिखा—
“मुझे गालियों के साथ कहा गया कि मैं गंदी हूं और मैंने अपने पिता को गंदी किडनी लगवा दी। मुझ पर करोड़ों रुपए और टिकट लेने के आरोप लगाए गए।”
उन्होंने अन्य शादीशुदा महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब मायके में बेटा हो, तो बेटी को परवाह करनी छोड़ देनी चाहिए और अपने घर-परिवार पर ध्यान देना चाहिए।
कलह के बीच Rohini Acharya की भावनात्मक अपील
रोहिणी के बयान से साफ है कि विवाद सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक गहरी पारिवारिक पीड़ा भी है। जहाँ एक तरफ वे अपने भाई से अलग होने की बात कह रही हैं, वहीं दूसरी तरफ माता-पिता के प्रति उनका सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव साफ दिख रहा है। रोहिणी का संदेश ये भी है कि लड़ाई चाहे घर की हो या राजनीति की, सम्मान और सच किसी कीमत पर कुर्बान नहीं होने चाहिए।


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