 
                                                      
                                                Road Accident -पीलीभीत
पीलीभीत के सकरिया मोड़ पर खन्नौत पुल पर हुआ दर्दनाक हादसा, ट्रक ने उड़ा दी बाइक, सड़क पर बिखर गया परिवार का भविष्य
🚨 Road Accident का वीभत्स मंजर: पीलीभीत में टूटी एक मासूम की सांसें
Location: पीलीभीत, उत्तर प्रदेश | Reporter: करन देव शर्मा
Road accident: यूपी के पीलीभीत ज़िले से एक और सड़क हादसे की( Road accident) की दर्दनाक तस्वीर आई है, जहां एक तेज रफ्तार ट्रक ने एक मासूम की जिंदगी रौंद दी। 6 साल की नित्या, जो शायद पहली बार चाचा की बाइक पर बैठकर खुले आसमान को देख मुस्कुरा रही थी, अब उसी आसमान की ओर देखती रह गई। गजरौला थाना क्षेत्र के सकरिया मोड़ पर खन्नौत नदी के पुल पर यह हादसा हुआ, जिसने परिवार के सपनों को चकनाचूर कर दिया।
नित्या की मां रामबेटी और चाचा धर्मपाल हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें नाजुक हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह हादसा उस वक्त हुआ जब धर्मपाल, रामबेटी और नित्या पूरनपुर से बीसलपुर की ओर जा रहे थे।
💥 ट्रक नहीं, चलता फिरता खतरा था!
पीलीभीत का यह Road accident सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि लापरवाह ट्रक चालकों और बेपरवाह सिस्टम की कहानी भी कहता है। जिस ट्रक ने इस परिवार को रौंदा, वह अब पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए ट्रक को जब्त कर लिया है और चालक से पूछताछ शुरू कर दी है। लेकिन सवाल वही है—किसी का बच्चा मर जाए, किसी का सुहाग उजड़ जाए और प्रशासन सिर्फ “तहरीर मिलने पर FIR दर्ज करेंगे” की रट लगाए—क्या यही है इंसाफ?
धर्मपाल, जो कोतवाली पूरनपुर के गांव प्रसादपुर के निवासी हैं, और रामबेटी, जो थाना बीसलपुर के ग्राम बकैनिया दीक्षित की रहने वाली हैं, दोनों इस हादसे के बाद जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।
🔍 सिस्टम का साइड मिरर टूटा पड़ा है!
सड़कें चौड़ी हो गई हैं, लेकिन इंसानों की जान की कीमत आज भी ट्रक के पहिए से कम है। हर Road accident के बाद वही पुलिसिया स्क्रिप्ट—शव पोस्टमार्टम को भेजा गया, ट्रक जब्त, रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। लेकिन यह कब तक चलेगा? एक मासूम बच्ची की मौत के बाद अब फिर वही सिस्टम जागा है।
थाना प्रभारी जगदीप मलिक ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद रिपोर्ट दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सवाल ये है—शिकायत मिलने का इंतज़ार क्यों? क्या सड़क पर बिखरे खून के धब्बे किसी कागज़ी तहरीर से कम गवाही देते हैं?
✊ ‘हेलमेट की कमी नहीं, इंसाफ की है!’
सड़क हादसों को लेकर अक्सर आम लोगों को ही दोषी ठहरा दिया जाता है। लेकिन इस केस में सवाल साफ है—क्या ट्रक वालों के लिए कोई रफ्तार सीमा नहीं? क्या पुलों और मोड़ों पर स्पीड कंट्रोल के कोई इंतज़ाम हैं? अगर नहीं, तो अगली नित्या कौन होगी—ये बताना मुश्किल नहीं।
#RoadAccident #PilibhitNews #UPBreaking #ChildDeath #TruckAccident #UttarPradesh #HindiNews #YogiSarkar #UPPolice #SystemFailure

 
         
         
         
        